Sunday, September 02, 2012

Tum Na Jaane Kis Jahaan Mein Kho Gaye Lata Mangeshkar in Sazaa





यह गीत 'तुम न जाने किस जहाँ में खो गए' हिंदी सिनेमा के शुरुआती दौर के सबसे गहरे और मार्मिक गीतों में से एक है। यह गीत विरह (separation) और उदासी की भावना को बहुत खूबसूरती से व्यक्त करता है।

गीत का विवरण (Song Details)

विवरणजानकारी
फिल्म (Movie)सज़ा (Sazaa)
रिलीज़ वर्ष (Release Year)1951
गायक (Singer)लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar)
संगीत निर्देशक (Music Director)एस. डी. बर्मन (S. D. Burman)
गीतकार (Lyricist)साहिर लुधियानवी (Sahir Ludhianvi)
कलाकार (Star Cast)देव आनंद (Dev Anand), निम्मी (Nimmi), श्यामा (Shyama)

रोचक तथ्य (Interesting Facts)

  • गीतकार साहिर लुधियानवी का कमाल: यह गीत महान शायर और गीतकार साहिर लुधियानवी के शुरुआती और सबसे यादगार गीतों में से एक है। उन्होंने इस गाने में बिछोह के दर्द को जिस सादगी और गहराई से व्यक्त किया है, वह आज भी श्रोताओं को छू जाता है। "हम भरी दुनिया में तन्हा हो गए" जैसी लाइनें उनकी कलम की ताकत बताती हैं।

  • एस. डी. बर्मन की अनूठी धुन: एस. डी. बर्मन ने इस गाने को एक उदास और शांत (melancholy and serene) धुन में ढाला है, जो 1950 के दशक के संगीत की विशिष्टता को दर्शाता है। उनकी कंपोजीशन ने लता मंगेशकर की युवा आवाज़ के भावनात्मक पक्ष को पूरी तरह से उभारा।

  • क्लासिक्स का निर्माण: 'सज़ा' फिल्म में एस. डी. बर्मन और साहिर लुधियानवी ने साथ काम किया और यह गीत उनके शुरुआती सफल सहयोगों में से एक था। इसी फिल्म में उनका एक और मशहूर गाना, 'ओ काली घटा घिर आई रे', भी था, जो दोनों की बहुमुखी प्रतिभा को दर्शाता है।

यह गीत ब्लैक एंड व्हाइट सिनेमा के उस सुनहरे दौर की याद दिलाता है जब संगीत में सादगी और भावनाओं की प्रधानता होती थी।

(This video is posted by channel – {Lata Mangeshkar Songs} on YouTube, and Raree India has no direct claims to this video. This video is added to this post for knowledge purposes only.)


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