Chori-Choriyaan चोरी-चोरियाँ
Choriyaan... Zindagi Ke Alag Alag Rangon Ki ..Jazbaaton Ki
Sunday, September 14, 2025
एक ज़रा छींक ही दो तुम by Gulzar
एक ज़रा छींक ही दो तुम
**********************
चिपचिपे दूध से नहलाते हैं, आंगन में खड़ा कर के तुम्हें
शहद भी, तेल भी, हल्दी भी, ना जाने क्या क्या
घोल के सर पे लुढ़काते हैं गिलासियाँ भर के
औरतें गाती हैं जब तीव्र सुरों में मिल कर
पाँव पर पाँव लगाए खड़े रहते हो
इक पथराई सी मुस्कान लिए
बुत नहीं हो तो परेशानी तो होती होगी
जब धुआँ देता, लगातार पुजारी
घी जलाता है कई तरह के छौंके देकर
इक जरा छींक ही दो तुम
तो यकीं आए कि सब देख रहे हो
(गुलज़ार)
No comments:
Post a Comment
Do Leave a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment
Do Leave a Comment