sang-e-marmar pe chaloge to phisal jaaoge.....
यह शेर एक बहुत ही गहरा सामाजिक और दार्शनिक (philosophical) संदेश देता है, जिसे सरल शब्दों में व्यक्त किया गया है। यह शेर आधुनिक शायरी का एक बेहतरीन उदाहरण है जो विरासत और सादगी पर ज़ोर देता है।
यहाँ इस शेर का विस्तृत विश्लेषण और व्याख्या दी गई है:
अपनी मिट्टी पे ही चलने का सलीका सीखो...
1. शेर का शाब्दिक अर्थ (Literal Meaning)
| टुकड़ा (Phrase) | शाब्दिक मतलब (Literal Meaning) |
| अपनी मिट्टी पे ही चलने का सलीक़ा सीखो, | अपनी ज़मीन (माटी/मिट्टी) पर चलने का सही ढंग (सलीक़ा) सीखो। |
| संग-ए-मरमर पे चलोगे तो फिसल जाओगे। | अगर तुम संगमरमर (मार्बल) जैसी चिकनी सतह पर चलोगे, तो फिसल जाओगे। |
2. शेर का दार्शनिक और निहितार्थ (Philosophical and Deeper Meaning)
इस शेर में शायर ने 'मिट्टी' और 'संग-ए-मरमर' को प्रतीकों (symbols) के रूप में इस्तेमाल किया है:
'अपनी मिट्टी' (Your Own Soil):
प्रतीक: यह अपनी जड़ें, संस्कृति, परंपरा, सादगी, ईमानदारी, संघर्ष और वास्तविक पहचान का प्रतीक है।
अर्थ: शायर सलाह दे रहा है कि अपने जीवन में अपने मूल्यों (Values) पर टिके रहें, अपनी सादगी और मेहनत को न भूलें। अपनी जड़ों को पहचानकर आगे बढ़ना ही सबसे सुरक्षित रास्ता है।
'संग-ए-मरमर' (Marble):
प्रतीक: यह दिखावे, कृत्रिमता (Artificiality), अत्यधिक विलासिता (Luxury), पश्चिमीकरण (Westernization), चमक-दमक और आसान सफलता का प्रतीक है। संगमरमर सुंदर और चिकना होता है, लेकिन उस पर संतुलन बनाना मुश्किल होता है।
अर्थ: अगर आप दिखावे की दुनिया में या आसान चमक-दमक वाली राह पर चलेंगे, तो आप फिसल जाएंगे। फिसलने का मतलब है नैतिक रूप से गिरना, अपनी पहचान खोना, या नाकाम हो जाना।
3. प्रमुख संदेश (Main Message)
इस शेर का मुख्य संदेश है:
जड़ों से जुड़ाव (Connecting to Roots): अपनी जड़ों और अपनी संस्कृति की मज़बूती को पहचानो। आपकी सादगी ही आपकी सबसे बड़ी ताकत है।
सादगी में सुरक्षा (Safety in Simplicity): जीवन की साधारण और वास्तविक राहें, दिखावे वाली चिकनी और आसान राहों से ज़्यादा सुरक्षित होती हैं।
ईमानदारी का महत्व: अपने काम और व्यवहार में ईमानदारी (जो मिट्टी की तरह खुरदरी और मज़बूत होती है) बनाए रखना ज़रूरी है, क्योंकि दिखावे की चिकनाहट (संगमरमर) अक्सर पतन (fall) का कारण बनती है।
4. शायर की जानकारी
यह शेर मशहूर और समकालीन (contemporary) शायर अज्ञात का है। यह शेर सोशल मीडिया और मुशायरों में बहुत मशहूर हुआ, जहाँ लोग इसे अक्सर बशीर बद्र या राहत इंदौरी जैसे बड़े नामों से जोड़ देते हैं, लेकिन यह उनकी प्रमाणित रचनाओं में शामिल नहीं है। इसकी सादगी और गहरा संदेश ही इसकी सबसे बड़ी ख़ासियत है।
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