Thursday, March 01, 2012

मैं बिका नहीं ........

 वो मुझे खरीदना चाहते थे 
 मैं बिका नहीं 
वो मुझे डराना चाहते थे 
मैं डरा नहीं 
वो मुझे ख़त्म करना चाहते थे 
मैं बचा रहा 
क्योंकि मेरे साथ था मेरा यकीन 
और एक मकसद 
एक मकसद ये साबित करने का 
के झूठ कितना भी ताक़तवर क्यूँ न हो 
सच के सामने बौना होता है 

(प्रशांत वस्ल )

4 comments:

  1. Anonymous3/05/2012

    Very nice Babbar.R ji maaf karna mujhe aapka naam nahin maloom.........

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  2. thnx alot Mr. Anonymous, Maaf kijiyega mujhe bhi aapka naam nahi maloom :)I have edited my profile you can check my name now.

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  3. wah wah ... achcha h...

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