Thursday, September 13, 2012

Framed Paper Art



Oil Paintings of Ana Teresa Fernandez






Water colour paintings by anonymous






आत्मवालोकन

                  कहते हैं कि गुरु बिन ज्ञान नहीं । सच भी है गुरु जीवन के मार्गदर्शक होते हैं । ये बात और है कि जीवन की इस यात्रा में  ऐसे लोग गिनती के ही होते  हैं जिन्हें हम औपचारिक रूप से अपना गुरु मानते हैं । जिनका सानिध्य पाकर  हमारी अकादमिक या आध्यात्मिक उन्नति होती है ।  इसी नाते हम इन्हें गुरु मान इनका सम्मान करते हैं ।  लेकिन जीवन की इस राह में अनगिनत लोग ऐसे भी मिलते हैं  जिन्हें औपचारिक रूप से  गुरु नहीं मानते हम , पर उनसे भी हमें ज्ञान और मार्गदर्शन ज़रूर मिलता है ।

Beautiful Oil Paintings by Andrei Belichenko


















चलिए कुछ यादें ताज़ा की जाएँ

बचपन में कॉमिक्स पढने का बहुत शौक़ रहा है मुझे  , जहां से जिस तरह भी कोई नयी कॉमिक बुक मुझे मिलती ,  बस उसे उसी वक़्त पढ़ लेने का लालच रहता ,यहाँ तक के इस चक्कर में मैं पढ़ते हुए खाना पीना भूल जाती ,  इन कॉमिक्स में सबसे ज्यादा मेरी पसंद के टोपिक्स होते थे -परियों की कहानियां, mythological  stories  और fantom और mandrak की स्टोरी बुक्स , चलिए कुछ यादें ताज़ा की जाएँ ---













विकल्प वृक्ष


सुनते हैं कभी एक पेड़  था 
रोज़ लोग आकर 
दुखड़ा रोते उस पेड़ से 
तरह तरह के लोग ,दुःख  भी 
सबके किसम किसम के ...

एक दिन पेड़ के कोटर से कोई बोला 
अँधेरे में आना 
अपना दुःख यहीं बाँध जाना 
उत्तर  सबेरे मिल जाएगा ............

लोग सारी रात आते ही आते चले गए 
सुबह बड़ी भीड़ थी 
पेड़ के नीचे सन्नाटा भी ...
ऊपर के कोटर से फिर वही  आवाज़ उतरी 
काफी से अधिक खुरदुरी 

"हर दुःख को पढ़ लो 
फिर आपस में अदल बदल कर लो 
जिसे जो दुःख अपने से ज्यादा बेहतर लगे "

बड़ा गुलापडा  मचा .......
दोपहर तक सब भाग लिए 
.....
एक भी विनिमय नहीं हुआ ........................

(कैलाश वाजपाई)