Monday, December 15, 2025

Understanding a painter’s feelings and thoughts through a Painting

 

Understanding a painter’s feelings and thoughts through a painting is less about “right answers” and more about learning how to look. Think of it as reading emotions written in color, shape, and silence.

Below is a clear, step-by-step way—meant even for a non-expert—to truly feel what the painter might be expressing.

Italian artist Marco Marilungo

 Understanding the basics of different painting styles is definitely helpful for general cultural literacy, and it's fantastic that Italian artist Marco Marilungo took on the task of making these concepts accessible and fun.














Realism

Title of the painting: "Fly Killer"














Impressionism

Title of the painting: "Fly Extermination at the Saint-Marie-sur-La-Sienne Station on a Spring Sunday in the morning"

Sunday, December 14, 2025

Use Of Concrete in making Household Items and in decoration

 


































Photo Credit : Pinterest

घर की पेंटिंग के लिए एक विस्तृत तुलना चार्ट / Home Painting Comparison Chart

 घर में पेंट करवाना एक बड़ा काम है और सही जानकारी होने से पैसे और समय दोनों बचते हैं।

यहाँ घर की पेंटिंग के लिए एक विस्तृत तुलना चार्ट (Comparison Chart) और लोकप्रिय रंगों का एक अलग चार्ट दिया गया है। 


1. होम पेंटिंग तुलना चार्ट (Home Painting Comparison Chart)

यह चार्ट मुख्य रूप से दीवारों के लिए इस्तेमाल होने वाले पेंट के प्रकारों पर आधारित है।

ज़रूरी सूचना (Disclaimer): नीचे दी गई दरें (Rates) अनुमानित हैं और इसमें सामग्री (material) + लेबर (labour) दोनों शामिल हैं। यह दरें शहर, पेंट ब्रांड, दीवार की मौजूदा स्थिति और ठेकेदार के आधार पर काफी बदल सकती हैं। ये दरें प्रति वर्ग फुट (per sq. ft.) के हिसाब से हैं।

श्रेणी (Category)1. डिस्टेंपर (Distemper)2. इकोनॉमी इमल्शन (Economy Emulsion)3. प्रीमियम इमल्शन (Premium Emulsion)4. लक्ज़री इमल्शन (Luxury Emulsion)5. इनेमल पेंट (Enamel Paint)
सामान्य नाम/उदाहरणचूना/वाइटवॉश का आधुनिक रूपट्रैक्टर इमल्शन, बर्जर बाइसन आदिएपकॉलाइट, बर्जर रंगोली आदिरॉयल, वेलवेट टच आदिलकड़ी/लोहे का पेंट (Oil Based)

अनुमानित दर (Rate/sq ft)


(Material + Labour)

₹12 - ₹18₹20 - ₹32₹35 - ₹55₹60 - ₹100+₹35 - ₹50 (सतह पर निर्भर)
फिनिश (Finish)एकदम मैट (सूखा/रूखा लुक)मैट या हल्का साटन (Soft Sheen)स्मूथ, रिच मैट या साटन चमकबहुत स्मूथ, रेशमी (Silky) या हाई ग्लॉसचमकदार (Glossy) या साटन
धुलाई क्षमता (Washability)बिल्कुल नहीं (गीले कपड़े से पेंट निकल जाएगा)कम (हल्के दाग साफ किए जा सकते हैं)मध्यम से उच्च (ज्यादातर घरेलू दाग साफ हो जाते हैं)बहुत अधिक (आसानी से धोया जा सकता है, दाग प्रतिरोधी)बहुत अधिक (पूरी तरह से धोने योग्य)
टिकाऊपन (Durability)1-2 साल3-4 साल5-7 साल8+ सालबहुत टिकाऊ (लकड़ी/धातु के लिए)

समय (Days Taken)


(प्रति मानक कमरा - 10x12 ft)

1-2 दिन2-3 दिन (पुट्टी/प्राइमर के साथ)3-4 दिन (अच्छी तैयारी के साथ)4-6 दिन (परफेक्ट बेस बनाना जरूरी है)2-3 दिन (सूखने में समय लगता है)
सबसे उपयुक्त जगह (Best Suited For)किराये के घर, सीलिंग (छत), अस्थायी पुताईबजट घर, किराये के मकान, कम आवाजाही वाले कमरेखुद का घर, लिविंग रूम, बेडरूम (Standard Choice)ड्राइंग रूम, मास्टर बेडरूम, किचन, जहाँ बच्चे होंदरवाज़े, खिड़कियाँ, ग्रिल, धातु की सतहें
तैयारी (Preparation)कम तैयारी की जरूरत।मध्यम (प्राइमर जरूरी)।उच्च (2 कोट पुट्टी + प्राइमर जरूरी)।बहुत उच्च (परफेक्ट स्मूथ दीवार अनिवार्य है)।सतह की घिसाई (Sanding) और प्राइमर जरूरी।

2. लोकप्रिय रंग: कमरों के अनुसार (Popular Colors: Room-wise)

रंगों का चुनाव व्यक्तिगत पसंद है, लेकिन आजकल के ट्रेंड के अनुसार यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं:

कमरा (Room)मूड/उद्देश्य (Mood/Purpose)लोकप्रिय रंग सुझाव (Popular Color Trends)
लिविंग रूम / हॉल (Living Room)स्वागत योग्य, ऊर्जावान और सामाजिक

न्यूट्रल: बेज (Beige), आइवरी (Ivory), हल्का ग्रे (Light Grey)।


एक्सेंट वॉल (एक दीवार): गहरा नीला (Navy Blue), टील ग्रीन (Teal), या टेराकोटा।

मास्टर बेडरूम (Master Bedroom)शांत, आरामदायक और सुकून देने वाला

कूल टोन: आसमानी नीला (Sky Blue), समुद्री हरा (Seafoam Green), लैवेंडर (Lavender)।


वार्म टोन: ब्लश पिंक (हल्का गुलाबी), क्रीम या म्यूटेड गोल्ड।

बच्चों का कमरा (Kids Room)चंचल, रचनात्मक और ऊर्जावान

ब्राइट: चमकीला पीला, नारंगी, या लाइम ग्रीन।


थीम आधारित: अंतरिक्ष के लिए गहरा नीला, या पेस्टल इंद्रधनुष रंग।

किचन (Kitchen)साफ, भूख बढ़ाने वाला और सक्रिय

क्लीन: सफेद या ऑफ-व्हाइट (साफ-सफाई दिखाने के लिए)।


ऊर्जावान: सूरजमुखी पीला (Sunflower Yellow) या हल्का नारंगी। (नोट: यहाँ लक्ज़री इमल्शन ही चुनें ताकि तेल के दाग साफ हो सकें)।

पूजा घर (Pooja Room)पवित्र, ध्यानपूर्ण और शांत

पारंपरिक: केसरिया (Saffron), हल्का पीला, या क्रीम।


शांत: सफेद या बहुत हल्का सुनहरा।

सीलिंग (Ceiling/छत)कमरे को ऊँचा और हवादार दिखानाहमेशा: मैट व्हाइट (Matte White) या दीवार के रंग का सबसे हल्का शेड।

3. अतिरिक्त सुझाव और ध्यान रखने योग्य बातें (Extra Tips)

इस टेबल के अलावा, पेंटिंग से पहले इन बातों पर विचार करना बहुत जरूरी है:

  1. सटीक लागत (Exact Costing):

    • पेंट का खर्चा निकालने का फॉर्मूला: (कमरे की दीवारों का कुल क्षेत्रफल - खिड़की/दरवाजों का क्षेत्रफल) x प्रति वर्ग फुट रेट

    • हमेशा कुल बजट में 15-20% अतिरिक्त जोड़कर चलें क्योंकि दीवारों की मरम्मत (सीलन/दरारें) में खर्च बढ़ सकता है।

  2. समय का प्रबंधन (Time Management):

    • "दिनों की संख्या" में फर्नीचर हटाने, ढंकने (Masking) और सफाई का समय शामिल नहीं है।

    • बरसात के मौसम में पेंटिंग से बचें, क्योंकि पुट्टी और पेंट सूखने में बहुत समय लेते हैं।

  3. कॉन्ट्रैक्टर का चुनाव (Choosing Contractor):

    • मटेरियल के साथ (With Material): इसमें ठेकेदार ही पेंट लाता है। यह सुविधाजनक है लेकिन आपको ब्रांड और पेंट की गुणवत्ता चेक करनी चाहिए।

    • सिर्फ लेबर (Labor Only): आप पेंट खरीदकर देते हैं। यह सस्ता पड़ सकता है और आपको असली सामान मिलने की तसल्ली रहती है, लेकिन भागदौड़ ज्यादा होती है।

  4. VOC स्तर (VOC Levels):

    • यदि घर में छोटे बच्चे, बुजुर्ग या अस्थमा के मरीज हैं, तो 'Low VOC' (Volatile Organic Compounds) या 'Zero VOC' वाले पेंट चुनें। ये पेंट सूखने के दौरान हानिकारक गंध नहीं छोड़ते। (ज्यादातर प्रीमियम और लक्ज़री पेंट अब Low VOC होते हैं)।


The Game Of Cricket

 

 Learn Cricket in an Easy & Fun Way

Cricket for Absolute Beginners (No Confusion!)


What is Cricket? (Super Simple)

Cricket is a team game where:

आईये जानें शेयर बाज़ार क्या है ? Share Market for Absolute Beginners

 शेयर मार्केट को अगर हम बिल्कुल आसान और मज़ेदार तरीके से समझें, तो यह किसी फैंसी गणित या रॉकेट साइंस से कम नहीं लगेगा। इसे हम एक 'बड़ा बाज़ार' मानकर चलते हैं जहाँ हर कोई हिस्सा लेना चाहता है।

शेयर मार्केट: 'बड़ा बाज़ार' की कहानी (Funny Way to Understand)

कल्पना कीजिए कि शेयर मार्केट एक बहुत बड़ा, रंगीन और शोरगुल वाला बाज़ार है, लेकिन यहाँ सब्ज़ी, फल या कपड़े नहीं, बल्कि कंपनियों के छोटे-छोटे टुकड़े बेचे और खरीदे जाते हैं।


1. कंपनी का टुकड़ा (The Share/Stock)

मान लीजिए, आपके पड़ोसी शर्मा जी ने एक बहुत सफल 'समोसा और जलेबी' की दुकान खोली, जिसका नाम है 'शर्मा स्वीट्स लिमिटेड'

शर्मा जी को अपनी दुकान को पूरे शहर में फैलाने के लिए और पैसे चाहिए। वह बैंक जाने के बजाय, एक आसान रास्ता निकालते हैं:

"क्यों न मैं अपनी दुकान को 100 छोटे-छोटे टुकड़ों (शेयरों) में बाँट दूँ और लोगों से कहूँ, 'मेरा एक टुकड़ा खरीद लो! जब मेरी दुकान बढ़ेगी, तो तुम्हारे टुकड़े की कीमत भी बढ़ जाएगी।'"

ये छोटे-छोटे टुकड़े ही शेयर (Share) या स्टॉक (Stock) कहलाते हैं। जिसने एक टुकड़ा खरीदा, वह उस कंपनी का उतना ही छोटा मालिक (Owner) बन गया।

2. स्टॉक एक्सचेंज: जहाँ लेन-देन होता है (The Big Shop)

यह लेन-देन शर्मा जी की दुकान पर नहीं होता। इसके लिए एक खास जगह है जिसे स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange) (जैसे भारत में NSE और BSE) कहते हैं।

  • यह क्या है: यह एक तरह का ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म है, जहाँ लाखों लोग हर सेकंड इन 'कंपनी के टुकड़ों' को खरीदते और बेचते हैं।

3. डीमैट अकाउंट और ब्रोकर (Your Entry Ticket)

आप सीधे एक्सचेंज में जाकर समोसे का टुकड़ा नहीं खरीद सकते। आपको दो चीजों की ज़रूरत होगी:

  • डीमैट अकाउंट (Demat Account): यह आपका एक तरह का ऑनलाइन तिजोरी है, जहाँ आपके खरीदे हुए सारे 'कंपनी के टुकड़े' सुरक्षित रखे जाते हैं। यह बैंक खाते जैसा होता है, लेकिन पैसे के बजाय शेयर रखता है।

  • ब्रोकर (Broker): यह आपका 'दलाल' या 'एजेंट' होता है (जैसे Zerodha, Groww, Upstox)। आप ब्रोकर को बताते हैं कि आपको कौन सा टुकड़ा खरीदना है, और ब्रोकर आपके लिए वह टुकड़ा एक्सचेंज से खरीद देता है।


शेयर मार्केट में पैसा कैसे बनता है? (The Fun Part)

पैसा बनाने के दो मुख्य तरीके हैं:

1. कीमत में उछाल (Capital Appreciation)

आपने शर्मा स्वीट्स का एक टुकड़ा ₹100 में खरीदा। एक साल बाद, शर्मा जी की जलेबी इतनी हिट हो गई कि उनकी दुकान की वैल्यू डबल हो गई। अब आपके टुकड़े की कीमत ₹100 से बढ़कर ₹200 हो गई।

  • मुनाफा: अगर आप इसे ₹200 में बेच देते हैं, तो आपको ₹100 का मुनाफा हुआ! (यह सबसे आम तरीका है)।

2. समोसे का मुनाफ़ा (Dividend)

अगर शर्मा जी साल के अंत में बहुत मुनाफ़ा कमाते हैं, तो वह कह सकते हैं:

"चूंकि आप मेरे मालिक हैं, इसलिए इस साल के मुनाफ़े में से मैं आपको प्रति टुकड़ा ₹5 बाँट रहा हूँ।"

यह बंटा हुआ मुनाफ़ा लाभांश (Dividend) कहलाता है। यह आपको सीधे आपके बैंक अकाउंट में मिल जाता है।

ख़तरा! (The Warning)

अगर समोसा खराब निकल गया, या शर्मा जी की दुकान घाटे में चली गई...

  • तो आपके टुकड़े की कीमत ₹100 से घटकर ₹50 भी हो सकती है। इसलिए, यहाँ हमेशा जोखिम (Risk) बना रहता है।


शुरुआती के लिए सबसे मज़ेदार और सरल सलाह:

"शेयर मार्केट को जुआ मत समझो, इसे पार्टनरशिप समझो। जब आप किसी कंपनी का शेयर खरीदते हैं, तो आप वास्तव में उस कंपनी के साथ पार्टनर बन रहे हैं। इसलिए, केवल उन्हीं कंपनियों के 'टुकड़े' खरीदो जिनके 'समोसे' आपको पसंद हैं और लगता है कि भविष्य में भी लोग उन्हें खाएंगे!"

शुरुआत करने के लिए, क्या आप जानना चाहेंगे कि शेयर मार्केट में निवेश से पहले कौन से 3-4 कदम उठाने ज़रूरी हैं ?

जी हाँ, शेयर मार्केट की यात्रा शुरू करने से पहले 3-4 बुनियादी और महत्वपूर्ण कदम उठाना बहुत ज़रूरी है। यह आपकी यात्रा को सुरक्षित और समझदारी भरा बनाएगा।

शेयर मार्केट में निवेश के शुरुआती 4 कदम

अगर शेयर मार्केट एक रोमांचक जंगल है, तो ये 4 कदम आपके कम्पास और मैप की तरह काम करेंगे!

कदम 1: जानकारी इकट्ठा करें (Educate Yourself)

सबसे पहले, आपको 'बाज़ार के नियम' समझने होंगे।

  • मूल बातें सीखें: शेयर क्या है, सेंसेक्स और निफ्टी क्या हैं, और स्टॉक कैसे काम करता है। (जैसे आपने अभी सीखा)।

  • फोकस ऑन बिज़नेस: किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले, समझें कि वह कंपनी पैसे कैसे कमाती है। क्या उसके प्रोडक्ट या सर्विसेज़ भविष्य में सफल होंगे? (सिर्फ अफवाहों पर भरोसा न करें)।

  • सबसे मज़ेदार बात: आजकल YouTube पर सरल भाषा में बहुत सारे वीडियो और ब्लॉग उपलब्ध हैं जो ये सब बिल्कुल फ्री में सिखाते हैं।

कदम 2: डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलें (Open the Magic Box)

यह आपका 'टिकट' और 'तिजोरी' है। शेयर खरीदने के लिए यह अनिवार्य है।

  • ब्रोकर का चुनाव: एक भरोसेमंद और सस्ता ब्रोकर (जैसे Zerodha, Groww, Upstox) चुनें। ये वो प्लेटफ़ॉर्म हैं जिनके ज़रिए आप शेयर खरीदेंगे और बेचेंगे।

  • अकाउंट खोलना: आपको एक डीमैट अकाउंट (Demat Account) (जहाँ आपके शेयर रखे जाते हैं) और एक ट्रेडिंग अकाउंट (Trading Account) (जहाँ से ख़रीद-बिक्री होती है) खोलना होगा। यह प्रक्रिया अब ऑनलाइन 15-20 मिनट में पूरी हो जाती है।

  • ज़रूरी दस्तावेज़: इसके लिए आपके पास PAN Card, आधार कार्ड और बैंक अकाउंट होना ज़रूरी है।

कदम 3: आपातकालीन फंड तैयार करें (Build the Safety Net)

निवेश शुरू करने से पहले, सुनिश्चित करें कि आपका घर सुरक्षित है।

  • आपातकालीन फंड: अपने सभी ज़रूरी खर्चों (किराया, बिल, किराने का सामान) के लिए कम से कम 6 महीने का पैसा किसी सुरक्षित जगह (जैसे बैंक के सेविंग्स अकाउंट या फिक्स्ड डिपॉजिट) में अलग से रखें।

  • क्यों ज़रूरी है: अगर मार्केट में गिरावट आती है या आपको अचानक पैसों की ज़रूरत पड़ती है, तो आपको अपने निवेश (शेयर) को घाटे में बेचने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। यह आपको दबाव में गलत निर्णय लेने से बचाता है।

कदम 4: छोटे से शुरुआत करें (Start Small, Learn Big)

शुरुआत में बड़ा जोखिम न लें।

  • कम राशि से निवेश करें: ऐसी राशि से शुरू करें जिसे खोने पर आपको ज़्यादा दुख न हो। ₹500, ₹1000 या ₹2000 प्रति माह से शुरुआत करना बेहतरीन है।

  • SIP (सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान): डायरेक्ट शेयर खरीदने के बजाय, आप म्यूचुअल फंड में SIP (सिप) के माध्यम से निवेश करने पर विचार कर सकते हैं। SIP एक तरह से हर महीने एक निश्चित तारीख को थोड़ी-थोड़ी रकम निवेश करने का तरीका है। यह शुरुआत में जोखिम को कम करने का सबसे अच्छा तरीका माना जाता है।

  • सीखते रहें: अपनी गलतियों से सीखें और अपनी रणनीति को लगातार सुधारते रहें।

क्या आप पहले कदम यानी 'बेसिक टर्म्स' जैसे सेंसेक्स और निफ्टी को और मज़ेदार तरीके से समझना चाहेंगी?

जी हाँ, सेंसेक्स और निफ्टी को समझना बहुत ज़रूरी है। इन्हें अगर हम आसान भाषा में समझें, तो ये शेयर बाज़ार के 'रिपोर्ट कार्ड' या 'तापमान मापने वाले थर्मामीटर' की तरह काम करते हैं।

सेंसेक्स और निफ्टी: बाज़ार का थर्मामीटर

कल्पना कीजिए कि शेयर मार्केट एक बहुत बड़ा स्कूल है, और हर कंपनी एक छात्र है। अब आप हर छात्र का व्यक्तिगत रिपोर्ट कार्ड तो नहीं देख सकते। इसलिए, हमने कुछ 'मॉनिटर' चुन लिए हैं जो पूरे स्कूल का हाल बताते हैं।

1. सेंसेक्स (Sensex) – 'टॉप 30 मॉनिटर'

  • पूरा नाम: सेंसेटिव इंडेक्स (Sensitive Index)

  • समोसे की भाषा में: सेंसेक्स, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में लिस्टेड टॉप 30 सबसे बड़ी और सबसे पुरानी कंपनियों का एक ग्रुप है।

  • काम क्या है? यह इन 30 कंपनियों के प्रदर्शन का औसत निकालकर बताता है कि पूरे बाज़ार का मूड कैसा है।

  • उदाहरण: अगर सेंसेक्स बढ़ता है (+200 अंक), तो इसका मतलब है कि इन 30 मॉनिटरों ने अच्छा परफॉर्म किया, और इसलिए बाज़ार का मूड (और कीमत) ऊपर है।

  • पहचान: यह BSE (Bombay Stock Exchange) का इंडेक्स है।

2. निफ्टी 50 (Nifty 50) – 'टॉप 50 मॉनिटर'

  • पूरा नाम: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज फिफ्टी (National Stock Exchange Fifty)

  • समोसे की भाषा में: निफ्टी, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में लिस्टेड टॉप 50 सबसे बड़ी और सबसे सक्रिय कंपनियों का एक ग्रुप है।

  • काम क्या है? यह इन 50 कंपनियों के प्रदर्शन का औसत निकालकर बताता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) का क्या हाल है।

  • उदाहरण: अगर निफ्टी घटता है (-100 अंक), तो इसका मतलब है कि इन 50 प्रमुख कंपनियों में गिरावट आई है, और बाज़ार का मूड 'कमजोर' है।

  • पहचान: यह NSE (National Stock Exchange) का इंडेक्स है।


🧐 मज़ेदार अंतर:

विशेषतासेंसेक्स (Sensex)निफ्टी 50 (Nifty 50)
प्लेटफॉर्मBSE (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज)NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज)
कंपनियों की संख्याकेवल 3050 (अधिक व्यापक/Broad)
समझने का तरीकाभारत की सबसे पुरानी 30 कंपनियों का हालभारत की सबसे बड़ी 50 कंपनियों का हाल

निष्कर्ष:

जब आप न्यूज़ में सुनते हैं, "आज सेंसेक्स 500 अंक ऊपर गया," तो इसका सीधा मतलब है कि भारत की सबसे बड़ी कंपनियों में औसतन अच्छी खरीदारी हुई है और निवेशकों का मूड पॉज़िटिव है!

Wednesday, December 10, 2025

When the father wall is missing or weak: the absent father effect on daughters

 That's a very important and complex topic. The absence of a father can have significant, varied, and long-lasting effects on daughters, primarily impacting their self-esteem, relationship patterns, and emotional well-being.

Here's a breakdown of the key effects observed in

"क्या अपने शहर को साफ़ रखना सिर्फ़ सरकार की ज़िम्मेदारी है, हमारी नहीं ? सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर बनाकर देती है पर उसे संभालना क्या हमारी ज़िम्मेदारी नहीं है ,आईये जानें इस ज़िम्मेदारी में कौन-कौन लोग कोताही कर रहे हैं ?"



यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण और विचारणीय विषय है। शहर को साफ़ रखना केवल सरकार की ज़िम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह हम नागरिकों का भी उतना ही बड़ा कर्तव्य है।

सरकार का काम बुनियादी ढांचा (Infrastructure) जैसे सड़कें, कूड़ादान, जल निकासी प्रणाली, और कूड़ा संग्रहण व्यवस्था (Waste Collection System) स्थापित करना और उसका प्रबंधन करना है। लेकिन उस व्यवस्था को बनाए रखना, उसका सम्मान करना और उसमें सहयोग देना हमारी सामूहिक ज़िम्मेदारी (Collective Responsibility) है।

ज़िम्मेदारी निभाने में कोताही करने वाले समूह

शहर की सफ़ाई के प्रति लापरवाही बरतने वाले मुख्य समूह और उनके कृत्य निम्नलिखित हैं:

1. आम नागरिक और निवासी (General Citizens and Residents) 

  • कचरा सड़कों पर फेंकना: सबसे बड़ी कोताही। लोग कूड़ेदान के पास होने के बावजूद, चलते-फिरते या वाहन चलाते समय कचरा (जैसे प्लास्टिक की बोतलें, रैपर) सड़कों पर या खुले में फेंक देते हैं।

  • खुले में थूकना/पेशाब करना: यह न केवल शहर को गंदा करता है, बल्कि स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिए भी एक बड़ा खतरा है।

  • कचरा जलाना: कई क्षेत्रों में, लोग कूड़े को इकट्ठा करके जला देते हैं, जिससे भयानक वायु प्रदूषण फैलता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

  • पृथक्करण (Segregation) में लापरवाही: घरों में सूखे और गीले कचरे को अलग-अलग करने की प्रक्रिया का पालन नहीं करना, जिससे नगर निगम के लिए प्रभावी रीसाइक्लिंग (recycling) करना असंभव हो जाता है।

2. दुकानदार और व्यापारी (Shopkeepers and Vendors) 🏪

  • व्यावसायिक कचरे का अनुचित निपटान: छोटे दुकानदार और बड़े व्यापारी अक्सर अपने व्यावसायिक कचरे (पैकेजिंग सामग्री, पुराने स्टॉक, बचा हुआ खाना) को रात के समय चुपके से सार्वजनिक कूड़ेदानों के बाहर या नालियों में फेंक देते हैं।

  • अतिक्रमण के साथ गंदगी: ठेले वाले या खाने-पीने की चीज़ें बेचने वाले अक्सर काम की जगह के चारों ओर गंदगी फैलाते हैं और काम खत्म होने के बाद सफाई नहीं करते।

3. निर्माण कंपनियाँ और ठेकेदार (Construction Companies and Contractors) 🚧

  • निर्माण सामग्री का ढेर: निर्माण कंपनियाँ अक्सर रेत, सीमेंट, ईंटें और मलबा सड़कों के किनारे या फ़ुटपाथों पर जमा कर देती हैं। इससे सफ़ाई में बाधा आती है, धूल उड़ती है और प्रदूषण बढ़ता है।

  • मलबा हटाना नहीं: निर्माण कार्य पूरा होने के बाद भी, मलबा और कचरा महीनों तक वहीं पड़ा रहता है, जिससे शहर का सौंदर्य और स्वच्छता प्रभावित होती है।

4. स्थानीय सरकारी अधिकारी और सफ़ाई कर्मचारी (Local Authorities and Sanitation Workers) 

यह ज़िम्मेदारी मुख्य रूप से नागरिकों की लापरवाही पर है, लेकिन व्यवस्था बनाने वालों की तरफ से भी कुछ कोताही होती है:

  • अनियमित सेवा: कुछ नगर निगमों में कूड़ा उठाने की गाड़ियाँ और सफ़ाई कर्मचारी अनियमित रूप से आते हैं या निर्दिष्ट समय का पालन नहीं करते, जिससे नागरिक मजबूरन कूड़े को बाहर फेंक देते हैं।

  • बुनियादी ढाँचे का रखरखाव नहीं: टूटे हुए या ओवरफ्लो होते कूड़ेदानों और जाम हुई नालियों की मरम्मत समय पर नहीं की जाती।

  • प्रभावी निगरानी का अभाव: नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख़्ती से जुर्माना (Fine) लगाने की व्यवस्था कमज़ोर होती है, जिससे नागरिकों में कानून का डर नहीं रहता।

निष्कर्ष: साझा निवेश

शहर की सफ़ाई एक साझा निवेश है। सरकार को बेहतरीन सुविधाएँ देनी होंगी, लेकिन अगर हम नागरिक अपनी ज़िम्मेदारी नहीं समझेंगे और कूड़ादान से बाहर कूड़ा फेंकना जारी रखेंगे, तो कोई भी व्यवस्था सफल नहीं हो सकती।

स्वच्छ शहर का आधार नागरिक की ईमानदारी (Integrity) और सभ्य व्यवहार (Civic Sense) पर टिका होता है। जब तक हर व्यक्ति अपने घर के बाहर की जगह को भी अपनी निजी संपत्ति जितना साफ़ नहीं मानेगा, तब तक स्वच्छता की चुनौती बनी रहेगी।

Friday, December 05, 2025

Duniya Ki Sabse Mashhoor “Liquid Addictions”--- Chai & Coffee

 

1. Chai & Coffee — Duniya Ki Sabse Mashhoor “Liquid Addictions”

Duniya mein har second 22,000 cup coffee
aur 19,000 cup chai consume hote हैं.

Yani log pani se zyada chai–coffee pe charcha karte हैं!

Ye sirf drink nahi —
ritual, comfort, habit, identity sab kuch hai.

2. Chai ka Global Magic

Chai duniya ke bohot cultures mein
sirf beverage nahi…
relationship builder hai.

Dhurandhar Movie Review

The reviews for the movie Dhurandhar are generally positive, with critics and audience members praising its intensity, performances, and production.

Here's a summary of the key points from the reviews:

Wednesday, December 03, 2025

अगर कपड़े शालीन हों, तो क्या यह लड़की के साथ छेड़खानी या बलात्कार न होने की गारंटी होते हैं ? / If a girl is dressed modestly, does that guarantee she will not face harassment or rape ?

नहीं, यह एक गलत धारणा (Misconception) है।

कपड़े शालीन (Modest) होना या न होना, किसी लड़की के साथ छेड़खानी या बलात्कार न होने की गारंटी (Guarantee) बिल्कुल नहीं होते हैं।

यह सोचना कि किसी महिला के साथ होने वाली हिंसा उसके कपड़ों के कारण होती है, पूरी तरह से गलत (Completely wrong) है और यह हिंसा के शिकार

Monday, December 01, 2025

Hindi Cinema Song Themes (Master Categorized List)

 Hindi cinema mein हर विषय पर गाने लिखे गए हैं — प्‍यार से लेकर राजनीति, बारिश से लेकर बार-बार दिल टूटने तक। लेकिन एक pure, complete exhaustive list संभव नहीं है, क्‍योंकि 100 साल में हजारों sub-themes बने हैं। फिर भी उन विषयों के बारे में आज बात करते हैं और

As we age, the fear of getting injured, falling ill, or being alone increases. How can we prevent this fear from overpowering us? / जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, चोट लगने, बीमार होने, या अकेले पड़ जाने का डर बढ़ जाता है, इससे कैसे खुद पर हावी न होने दें




This is a very common and natural human emotion. As we get older, the fear of injury, illness, or being isolated increases naturally because we become more aware of our physical and social vulnerabilities.

To reduce this fear and cope with it, you can follow these

Gen Z, Why Stay in India? Explain to Gen Z the benefits of staying and studying in India

 

Gen Z, Why Stay in India?

1. For Career and Growth

A foreign degree is no longer the only key. India is now the new land of opportunities:

  • Booming Job Market: India is the world's fastest-growing economy. New startups (Unicorns) are emerging every day, especially in Digital Marketing, Data Science, AI, FinTech, and E-commerce. You don't need to go abroad for a foreign company; they are now coming to India themselves.

  • Faster Growth: Abroad, you often have to do the same job for years, whereas in India, because everything is changing rapidly, you can get bigger responsibilities in less time and your career growth can be superfast.

  • Side Hustle and Flexibility: Gen Z doesn't just want one job; they want side income. The culture of remote work and freelancing has grown significantly in India, especially in Tier-2 and Tier-3 cities. You can work on your own terms and build your own identity.

2. Money and Savings Math

Gen Z are smart investors; explain the savings math to them:

  • Lower Cost of Living, Higher Savings: Even if the salary is higher abroad, the Cost of Living there is also very high—rent, food, travel. In India, you can save a large portion of that same salary or invest it (in things like SIPs or crypto, where Gen Z is already ahead).

  • Freedom from Loan: Studying abroad often comes with a huge Education Loan. By staying in India, you avoid the pressure of debt and can invest your earnings in your growth right from the start.

3. Cultural Connect and Support

This is something that cannot be bought with money abroad:

  • Family Support System: When you start your career, emotional support from your family is most essential. Abroad, you are alone (Homeshickness), whereas in India, you are with your family during tough times.

  • Your Identity: You don't need to prove yourself in a foreign culture. You live among your language, your festivals, and your friends. Here, you can be Authentic.

  • Purpose and Change: India is a developing country. Your work here, from small projects to big social changes, has a direct impact. Gen Z needs purpose, and India gives them the chance to directly contribute to the country's development.

4. Education and Technology

India is no longer limited only to old textbooks:

  • Benefit of Digital India: Gen Z is tech-savvy. The development of digital creation (content creation), AI tools, and online learning platforms has grown rapidly in India.

  • Practical Learning: Colleges in India are now also focusing more on research and practical work. Gen Z doesn't want just theoretical knowledge; they want employable skills, which are now available in India too.

Summary:

Look, there is nothing wrong with going abroad, but today's India has become a confluence of Ambition and Practicality.

You can build a great career in India on your own terms, while living with your family, and without the burden of huge loans.

Ditch the Plastic, Embrace the Desi Way: 7 Budget-Friendly Sustainable Kitchen Swaps for India/ प्लास्टिक को कहें अलविदा, देसी तरीके को अपनाएं: भारत के लिए 7 किफायती, टिकाऊ किचन स्वैप्स

Ditch the Plastic, Embrace the Desi Way: 7 Budget-Friendly Sustainable Kitchen Swaps for India

Introduction: The Kitchen is the New Battlefield

  • The Hook (The Problem): Start with a relatable scenario—the fridge overflowing with mismatched plastic dabbas, the cling film waste, or the constant cracking of cheap plastic cutting boards. Mention the dual concern:

Work from Home / वर्क फ्रॉम होम

A Guide to Managing Home, Kids, and Happiness While Your Husband Works From Home (WFH)

This is a very common challenge that many people are facing! It is definitely possible to manage the home, the kids, and stay happy while your husband is working from home (WFH)—it just requires a little planning and partnership.

Here are some suggestions:

Managing Home and Kids

1. Establish Clear Boundaries:

  • Workspace: Ensure your husband has a designated, quiet workspace (like a specific room) where he won't be disturbed repeatedly during work hours.

  • 'No-Entry' Time: Explain to the children that when Dad

Thylacine - Albéniz (and 74 musicians) ft. Thibault Cauvin



"Albéniz (and 74 musicians)" is a track by the French electronic artist Thylacine (real name William Rezé), featuring the internationally acclaimed classical guitarist Thibault Cauvin.

Here are the key details about the song:

  • Artist: Thylacine (William Rezé), a French experimental electronic musician.

  • Featured Artist: Thibault Cauvin, a highly-decorated French classical guitarist.

  • The 74 Musicians: They are the Orchestre National des Pays de la Loire and the Maîtrise des Pays de la Loire children's choir, conducted by Uèle Lamore.

  • Album: It is a track from Thylacine's 2024 album, and 74 musicians, which blends classical and electronic music in a live recording.

  • Classical Influence: The piece is a re-composition and transformation of "Asturias (Leyenda)" by the Spanish composer Isaac Albéniz.

It's a great example of the intersection of classical orchestration and modern electronic soundscapes.

(This video is posted by channel – ThylacineVEVO on YouTube, and Raree India has no direct claims to this video. This video is added to this post for knowledge purposes only.)


 

Thursday, November 27, 2025

Tips For making your first Instagram Reel /अपना पहला इंस्टाग्राम रील कैसे बनाएं

Instagram Reels आज के समय में इंफ्लुएंसर बनने के लिए सबसे शक्तिशाली प्लेटफॉर्म है, खासकर शॉर्ट-फॉर्म वीडियो कंटेंट के लिए।

इंस्टाग्राम पर अपनी पहली रील बनाने के लिए यहां एक सरल मार्गदर्शिका दी गई है:

अपनी पहली इंस्टाग्राम रील कैसे बनाएं

चरण 1: रील निर्माण शुरू करें

  1. इंस्टाग्राम खोलें: अपने फ़ोन पर इंस्टाग्राम ऐप खोलें।

  2. रील कैमरा तक पहुंचें:

    • होम स्क्रीन पर सबसे ऊपर दाईं ओर स्थित प्लस चिह्न (+) पर टैप करें।

    • नीचे दिए गए विकल्पों में से रील (Reel) चुनें।

चरण 2: अपना वीडियो रिकॉर्ड या अपलोड करें

आपके पास दो विकल्प हैं:

  • रिकॉर्ड करना:

    • स्क्रीन के नीचे केंद्र में कैप्चर बटन (एक बड़ा गोला) को दबाकर रखें, या वीडियो रिकॉर्ड करने के लिए एक बार टैप करें और रोकने के लिए फिर से टैप करें।

    • रील 15, 30, 60 या 90 सेकंड तक लंबी हो सकती है। आप बाईं ओर के टूलबार से समय सीमा बदल सकते हैं।

  • अपलोड करना:

    • अपनी गैलरी से वीडियो क्लिप चुनने के लिए नीचे बाईं ओर स्थित आइकन (आमतौर पर एक छोटी गैलरी फोटो) पर टैप करें।

    • आप एक रील में कई क्लिप्स जोड़ सकते हैं।

चरण 3: रचनात्मक टूल का उपयोग करें (वैकल्पिक, लेकिन अनुशंसित)

स्क्रीन के बाईं ओर, आपको अपनी रील को बेहतर बनाने के लिए कई टूल मिलेंगे:

  • संगीत  (Audio): एक ट्रेंडी गाना या ऑडियो ट्रैक चुनें। रील को आकर्षक बनाने के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण टूल है।

  • समय सीमा (Length): रील की अधिकतम अवधि (15, 30, 60, या 90 सेकंड) सेट करें।

  • स्पीड  (Speed): वीडियो को धीमा या तेज करें।

  • लेआउट  (Layout): एक फ्रेम में एक साथ कई वीडियो क्लिप कैप्चर करें।

  • टाइमर  (Timer): हैंड-फ्री रिकॉर्डिंग के लिए उलटी गिनती सेट करें।

चरण 4: संपादन और पूर्वावलोकन करें

  1. जब आप रिकॉर्डिंग या क्लिप जोड़ना समाप्त कर लें, तो स्क्रीन के नीचे दाईं ओर स्थित 'आगे' (Next) बटन (एक तीर) पर टैप करें।

  2. प्रीव्यू स्क्रीन पर, आप स्टिकर, टेक्स्ट, और वॉयसओवर जैसी और चीज़ें जोड़ सकते हैं।

चरण 5: साझा करें (Share)

  1. फिर से 'आगे' (Next) बटन पर टैप करें।

  2. शीर्षक (Caption) लिखें: एक आकर्षक शीर्षक जोड़ें और कुछ हैशटैग (जैसे: #FirstReel #NewOnReels #HindiReels) का उपयोग करें ताकि लोग आपकी रील ढूंढ सकें।

  3. कवर फोटो (Cover) चुनें: रील वीडियो से एक फ्रेम चुनें या अपनी गैलरी से एक फोटो अपलोड करें।

  4. शेयर करें (Share): 'साझा करें' (Share) बटन पर टैप करें।

बधाई हो! आपकी पहली इंस्टाग्राम रील अब लाइव है!

यहां कुछ खास टिप्स हैं जो आपके पहले Instagram Reel को सफल बनाने में मदद करेंगी: 

Instagram Reels के लिए खास टिप्स

1. Reels की लंबाई और Format

  • लंबाई: कोशिश करें कि आपका Reel 7 से 15 सेकंड के बीच हो, क्योंकि इस लंबाई के वीडियो को अक्सर दर्शक बार-बार देखते हैं (Looping)।

  • आकार: हमेशा 9:16 वर्टिकल साइज़ (फुल-स्क्रीन पोर्ट्रेट) में एडिटिंग करें। CapCut में 9:16 का अनुपात

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