Thursday, February 09, 2012

Hamesha saath rehne ki ........हमेशा साथ रहने की


Hamesha sath rehne ki , 
हमेशा साथ रहने की 

aadat kuch nahi hoti,,
आदत कुछ नहीं होती 

Jo lamhey mil gaye
जो लम्हें मिल गए 

ji lo, 
जी लो 

riyazat kuch nahin hoti,,
रियाज़त कुछ नहीं होती 

jise mehroomiyan milti hon 
जिसे मेहरूमियाँ मिलती हों 

vo hi jaan sakta hai 
वो ही जान सकता है 

zabaani hausla jhooti murawwat 
ज़बानी हौसला, झूटी मुरव्वत

kuch nahi hoti  
कुछ नहीं होती 


kayi rishto'n ko jab parkha, 

कई रिश्तों को जब परखा 

nateeja ek hi nikla,,
नतीजा एक ही निकला 

zaroorat hi sabhi kuch hai,
ज़रुरत ही सभी कुछ है 

mohabbat kuch nahin hoti,,
मोहब्बत कुछ नहीं होती 

kisi ne chor kar jana ho, 

किसी ने छोड़ कर जाना हो
 
to phir vo chor jaata hai,,
तो फिर वो छोड़ जाता है 

Bicharna ho to sadioon ki,
बिछड़ना  हो तो सदियों की
  
rafaqat kuch nahin hoti,,
रफाकत कुछ नहीं होती 

Taa'lluq toot jaayein to, 

ताल्लुक़ टूट जाएँ तो 

safeeney doob jaatey hain,,
सफीने डूब जाते हैं 

Yeh sab kehney ki baatein hain, 
ये सब कहने की बातें हैं 

haqiqat kuch nahi hoti.....
हकीक़त कुछ नहीं होती ....



rafaqat=friendship

इतिहास की परीक्षा .........


इतिहास की परीक्षा थी  उस दिन , चिंता से ह्रदय  धडकता था 
थे  बुरे  शकुन  घर  से  चलते  ही, बायाँ  हाथ  फड़कता  था 


मैंने  सवाल  जो  याद  किये, वे  केवल  आधे  याद  हुए 

उनमें से भी  कुछ  स्कूल  तलक,आते  आते  बर्बाद हुए 


तुम  बीस मिनट  लेट , द्वार  पर चपरासी  नें  बतलाया 

मैं  मेल  ट्रेन  की  तरह  दौड़ता, कमरे  के  भीतर  आया 


परचा  हाथों  में  पकड़  लिया , आखें  मूंदी  तब   झूम  गया 

पढ़ते  ही  छाया  अन्धकार, चक्कर  आया सर घूम गया 


यह  सौ  नंबर  का परचा है , मुझको  दो  की  भी  आस  नहीं 

चाहे  सारी दुनिया  पलटे ,पर  मैं  हो  सकता  पास  नहीं 


ओ  प्रश्न  लिखने  वाले, क्या  मुह  लेकर  उत्तर दें  हम 

तू लिख  दे  तेरी  जो  मर्ज़ी , ये  परचा  है या Atom Bomb


तूने पूछे  वही  सवाल , जो  जो  मैंने  थे  रटे नहीं 

जिन  हाथों नें ये  प्रश्न लिखे, वे  हाथ तुम्हारे कटे नहीं 


फिर  आँख  मूंदकर  बैठ  गया , बोला  भगवान्  दया  कर  दे 

मेरे  दिमाग  में  इन प्रश्नों  के  उत्तर  ठूस  ठूस  भर दे 


मेरा  भविष्य  है खतरे  में , मैं  झूल  रहा  हूँ  आयें  बायें  

तुम  करते  हो  भगवान्  सदा , संकट  में  भक्तों  की सहाय 


जब  ग्राह  ने  गज  को  पकड़  लिया  तुमने  ही  उसे  बचाया  था 

जब  दुपद -सुता  की लाज  लुटी , तुमने  ही  चीर  बढ़ाया  था 


द्रौपदी  समझ  करके  मुझको , मेरा  भी  चीर  बढ़ाओ  तुम 

मैं  विष  खाकर  मर  जाऊँगा  , वर्ना  जल्दी  आ  जाओ  तुम 


आकाश  चीर  कर  अम्बर  से , आई  गहरी  आवाज़  एक 

रे  मुरख  ! व्यर्थ  क्यूँ  रोता  है , तू  आँख  खोलकर  इधर  देख 


गीता कहती  है  करम  करो , फल  की चिंता  मत  किया  करो 

मन में  आये  जो  बात  उसी  को , पर्चे  में  लिख  दिया  करो 


मेरे  अंतर  के  पात  खुले , पर्चे  पर  कलम  चली  चंचल 

ज्यों  किसी खेत  की छाती पर  , चलता  हो  हलवाहे  का  हल 


मैंने  लिखा  पानीपत  का  दूसरा  युद्ध,  हुआ  सावन के मौसम  में 

Japan Germani  बीच  हुआ , अठारह  सौ  सत्तावन  में 


लिख  दिया  महात्मा  बुध , महात्मा  गाँधी  के  चेले  थे 

गाँधी  जी  के  संग  बचपन  में  वो  आँख  मिचौली खेले  थे 


राणा  प्रताप  नें  गौरी  को , केवल  दस  बार हराया  था 

अकबर  नें  हिंद महा  सागर , अमरीका  से मंगवाया  था 


महमूद गजनबी  उठते  ही , दो  घंटे  रोज़ नाचता  था 

औरंगजेब रंग में आकर , औरों  की  जेब काटता  था 


इस  तरह  अनेकों  भावों से , फूटे  भीतर  के  फव्व्वारे 

जो  जो  सवाल  थे  याद  नहीं , वे  ही  पर्चे  पर  लिख  मारे 


हो  गया  परीक्षक  पागल सा ,  मेरी  copy को  देख देख 

बोला  इन  सब  छात्रों  में , बस  होनहार  है  यही  एक 


औरों  के  पर्चे  फेंक दिए , मेरे  सब  उत्तर  छांट  लिए 

Zero नंबर  देकर  बाकी  के  सारे  नंबर  काट  लिए ....


(ॐ प्रसाद आदित्य )







केंद्र....ek Kavita





























Main aur Tum

vritt ki paridhi ke
alag alag konoN mein
baithe do bindoo hain
maine to apne hisse ka ardh-vyaas
poora kar liyaa
kya tum kendra per
mujhse milne aaoge........?

मैं और तुम
वृत्त की परिधि  के
अलग अलग कोनों में
बैठे दो बिंदू हैं ...
मैंने तो अपने हिस्से का अर्ध-व्यास
पूरा कर लिया
क्या तुम केंद्र पर
मुझसे मिलने आओगे  ?

वृत्त  = Circle
परिधि =circumfrence
अर्ध-व्यास =Radius
केंद्र =Centre point

Unknown 



Gulzar - Mujhko bhi tarkeeb sikha




(This video is posted by channel – REKHTA  on YouTube, and Raree India has no direct claims to this video. This video is added to this post for knowledge purposes only.)

ALAAV...........................अलाव





























Raat bhar sard hawa chalti rahi
रात भर सर्द हवा चलती रही
 
Raat bhar hamne alaav taapa
रात भर हमने अलाव तपा 

Maine maazi se kai khushk see shaakhien kaati
मैंने माज़ी से कई खुश्क़ सी शाखें काटी 

Tumne bhi gujre hue lamhon ke patte tode
तुमने भी गुज़रे हुए लम्हों के पत्ते तोड़े
 
Maine jebon se nikali sabhi sukhi nazmein
मैंने जेबों से निकाली सभी सूखी नज्में
 
Tumne bhi haathon se murjhaaye hue khat khole
तुमने भी हाथों से मुरझाये हुए ख़त खोले 

Apnee in aankhon se maine kai maanzer tode
अपनी ही आँखों से मैंने कई मंज़र तोड़े 

Aur haathon se kai baasi lakeeren phenki
और हाथों से कई बासी लकीरें फेंकी 

Tumne palkon pe nami sookh gayee thee, so gira di
तुमने पलकों पे नमी सूख गयी थी , सो गिरा दी 

Raat bhar jo bhi mila ugte badan par humko
रात भर जो भी मिला उगते बदन पर  हमको 

Kaat ke daal diya jalte alaawon mein usey
काट के डाल  दिया जलते अलावों में उसे 

Raat bhar phoonkon se har lau ko jagaye rakha
रात भर फूंको से हर लौ को जगाये रखा 

Aur do zismon ke indhan ko jalaye rakha
और दो जिस्मों के इंधन को जलाये रखा 

Raat bhar bujhte hue rishte ko taapa humne...
रात भर बुझते हुए रिश्ते को तपा हमने .........

(Gulzar)
Photo credit: indrihapsariw.com


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