Friday, July 06, 2012

News चैनल पर एक व्यंग .....

एक छोटे से ब्रेक के बाद हम पुनः हाजिर होते हैं  कहीं  भी मत जाइयेगा..... इस ब्रेक के बाद हम बतलायेंगे आपको एक ऐसे कुएं के बारे में जिसका पानी पीते ही आदमी हिंसक हो जाता है....... 

केवल हम ही बतला रहे है पहली बार आपको.... जी हां यह कुआँ  है  मध्यप्रदेश के चंम्बल संभाग में । इस कुएँ  ने पैदा किये है अनगिनत डाकू !!!  इस कुएँ  का पानी पीते ही आदमी का खून खौलने लगता है , उसमें बदले की भावना जागृत  हो जाती है और उसके साथ किये गये लोगों के दुर्व्यवहार इस जन्म के और पूर्व जन्म के सभी उसे याद आने लगते है ।

Zaroorat Torr Deti Hai ....























Zaroorat Torr Deti Hai Gharoor-o-BeNiazi Ko, 
Na Hoti Koi Majburi To Har Banda "Khuda" Hota. 



ज़रूरत तोड़ देती है ग़ुरूर-ओ-बे-नियाज़ी को,

न होती कोई मजबूरी तो हर बंदा "ख़ुदा" होता।


परवीन शाकिर 


Maine us ke badle lehzay ki .....




Maine us ke badle lehzay ki wajahaat poochin,
Kuch deir khamosh raha...! 
Phir muskura ke bola..... 
''pagal'' Jab Lehzay baddal jayein to Wajaahatein kaisi?



मैंने उस के बदले लहजे की वज़ाहत पूछी,

कुछ देर खामोश रहा...!

फिर मुस्कुरा के बोला...

"पागल" जब लहजे बदल जाएँ तो वज़ाहतें कैसी ?


Wasim Barelvi


Ye sarey haseen chehre.....



ye sare haseen chehre , meri tasbeeh ke daane hain... 
nazar se girte rehte hain, ibadat hoti rehti hai.... 

Unknown

Na zameen hai teri qarar-g'aah....





























na zameen hai teri qarar-g'aah, na falak hai manzil-e-jazb-e-dil... 
badi dair se hai safar mera,  teri yaad se... teri yaad tak....



न ज़मीन है तेरी क़रार-ग़ाह, न फ़लक है मंज़िल-ए-जज़्ब-ए-दिल...
बड़ी देर से है सफ़र मेरा,.....तेरी याद से... तेरी याद तक...



Ahmed Faraz

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