कोई यह कैसे बताए कि वह तन्हा... (जगजीत सिंह)
यह शेर मशहूर ग़ज़ल "कोई यह कैसे बताए कि वो तन्हा क्यों है" का हिस्सा है।
| विवरण (Detail) | जानकारी (Information) |
| गायक (Singer) | जगजीत सिंह (Jagjit Singh) |
| शायर (Poet) | कैफ़ी आज़मी (Kaifi Azmi) |
| फिल्म (Film) | अर्थ (Arth) (1982) |
| संगीत (Music) | जगजीत सिंह और चित्रा सिंह |
शेर का पूरा रूप और अर्थ
यह ग़ज़ल का शुरुआती शेर (मतला) है:
कोई यह कैसे बताए कि वो तन्हा क्यों है
वो जो अपना था, वही और किसी का क्यों है
व्याख्या (Explanation):
"कोई यह कैसे बताए कि वो तन्हा क्यों है"
मतलब: इंसान के लिए यह समझाना या शब्दों में व्यक्त करना बहुत मुश्किल होता है कि वह अकेलापन क्यों महसूस कर रहा है। अक्सर अकेलेपन की वजहें इतनी जटिल होती हैं कि उन्हें आसानी से समझाया नहीं जा सकता।
"वो जो अपना था, वही और किसी का क्यों है"
मतलब: शायर यहाँ अकेलेपन का सबसे बड़ा कारण बताता है - विश्वासघात या खोया हुआ प्यार।
जिस व्यक्ति को आप अपना मानते थे, वह आज किसी और के साथ है। यह एहसास कि अपना सबसे करीबी इंसान दूर हो गया है, अकेलेपन की भावना को बहुत गहरा कर देता है।
ग़ज़ल की खासियत
गहरा भावनात्मक जुड़ाव: जगजीत सिंह की शांत और दर्द भरी आवाज़ ने कैफ़ी आज़मी के इन सीधे लेकिन मार्मिक शब्दों को अमर बना दिया।
फिल्म 'अर्थ' का संदर्भ: यह फिल्म संबंधों में जटिलता और अकेलेपन पर आधारित थी। यह गीत फिल्म के नायक (शबाना आज़मी) की अंदरूनी पीड़ा को दर्शाता है।




