Friday, April 06, 2012

Naya Daur - Ude Jab Jab Zulfen Teri - Mohd.Rafi - Asha Bhosle





यह गीत हिंदी सिनेमा के इतिहास के सबसे रोमांटिक, ऊर्जावान और आइकॉनिक डांस नंबरों में से एक है। यह 1957 की क्लासिक फ़िल्म 'नया दौर' (Naya Daur) का हिस्सा है।

यहाँ इस गीत का विवरण और फ़िल्म से जुड़े दिलचस्प तथ्य दिए गए हैं:

गीत का विवरण: "उड़े जब जब ज़ुल्फ़ें तेरी"

यह एक क्लासिक पंजाबी लोक-शैली का युगल गीत (Duet) है, जो अपनी चंचलता और ज़बरदस्त ताल (rhythm) के लिए जाना जाता है।

विशेषताजानकारी
फ़िल्मनया दौर (Naya Daur) (1957)
गायक/गायिकामोहम्मद रफ़ी (Mohammed Rafi) और आशा भोंसले (Asha Bhosle)
संगीतकारओ. पी. नैय्यर (O. P. Nayyar)
गीतकारसाहिर लुधियानवी (Sahir Ludhianvi)
कलाकार (फिल्मांकन)दिलीप कुमार (Dilip Kumar) और वैजयंतीमाला (Vyjayanthimala)

वीडियो का सार और मूड

  • थीम: यह गीत नायक (दिलीप कुमार) द्वारा नायिका (वैजयंतीमाला) को छेड़ने और उसके जादू (charm) की प्रशंसा करने के बारे में है। नायक मज़ाकिया अंदाज़ में कहता है कि जब नायिका की ज़ुल्फ़ें उड़ती हैं, तो यह मौसम को बदल देता है और हर कोई नाचने लगता है।

  • आइकॉनिक सीन: यह गीत एक चलती हुई ताँगे (Tonga) पर फ़िल्माया गया है, जहाँ वैजयंतीमाला और दिलीप कुमार ऊर्जावान लोक नृत्य (Folk Dance) करते हैं। यह भारतीय सिनेमा के सबसे यादगार ऑन-स्क्रीन नृत्य दृश्यों में से एक है।

  • ओ. पी. नैय्यर का टच: ओ. पी. नैय्यर के संगीत की पहचान इसमें साफ़ दिखती है, जिसमें तेज़ ताल, घोड़े की टापों जैसी ताल (horse trot rhythm) और ऊर्जा से भरा वाद्य-संगीत (instrumentation) है, जिसने इस गाने को एक शाश्वत पार्टी एंथम बना दिया।

  • रफ़ी-आशा की केमिस्ट्री: मोहम्मद रफ़ी और आशा भोंसले ने अपनी चंचल और खुशनुमा आवाज़ों से इस गीत को और भी आकर्षक बना दिया, जो दिलीप कुमार और वैजयंतीमाला की ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री के लिए एकदम सही थी।

फ़िल्म 'नया दौर' (1957) से जुड़े दिलचस्प तथ्य

'नया दौर' को हिंदी सिनेमा में एक सामाजिक क्लासिक के रूप में याद किया जाता है, जिसने आधुनिकीकरण के सवाल उठाए।

  1. सामाजिक थीम: फ़िल्म का मुख्य विषय मानव श्रम बनाम मशीनीकरण (Man vs. Machine) का संघर्ष था। दिलीप कुमार अपने गाँव के लोगों के रोज़गार को बचाने के लिए एक नई बस (मशीन) के मालिक (अजीत) के ख़िलाफ़ ताँगा (मानव श्रम) चलाकर दौड़ जीतते हैं।

  2. रंगीन सिनेमा का शुरुआती दौर: यह फ़िल्म भारत की शुरुआती फिल्मों में से थी जिसे पूरी तरह से रंगीन (Technicolor) प्रिंट में रिलीज़ किया गया था (हालाँकि इसका एक ब्लैक एंड व्हाइट वर्ज़न पहले जारी हुआ था)।

  3. संगीत विवाद और नैय्यर का कमाल:

    • पहले इस फ़िल्म के संगीतकार एस. डी. बर्मन थे, लेकिन निर्देशक बी. आर. चोपड़ा के साथ मतभेद के कारण उन्होंने फ़िल्म छोड़ दी।

    • बाद में ओ. पी. नैय्यर ने कमान संभाली और इस फ़िल्म का संगीत हिंदी सिनेमा के इतिहास के सबसे सफल और प्रसिद्ध साउंडट्रैक में से एक बन गया।

  4. वैजयंतीमाला पर क़ानूनी लड़ाई: फ़िल्म में दिलीप कुमार के साथ पहले मधुबाला को साइन किया गया था। जब मधुबाला के पिता ने शूटिंग लोकेशन बदलने पर आपत्ति जताई, तो निर्देशक बी. आर. चोपड़ा ने उन्हें हटाकर वैजयंतीमाला को कास्ट किया। इस घटना ने एक लंबी और बहुचर्चित क़ानूनी लड़ाई (Court Case) को जन्म दिया था।

  5. ब्लॉकबस्टर सफ़लता: यह फ़िल्म 1957 की सबसे अधिक कमाई करने वाली फ़िल्मों में से एक थी और इसे आज भी एक प्रभावशाली सामाजिक ड्रामा के रूप में याद किया जाता है।


(This video is posted by channel – NH Hindi Songs on YouTube, and Raree India has no direct claims to this video. This video is added to this post for knowledge purposes only.)


O Sanam Tere Ho Gaye Hum-AAI MILAN KI BELA.avi




यह गीत 1964 की सुपरहिट फ़िल्म 'आई मिलन की बेला' (Aai Milan Ki Bela) का एक अत्यंत लोकप्रिय और मधुर युगल गीत (Duet) है, जिसे मोहम्मद रफ़ी और लता मंगेशकर ने गाया है।

यहाँ गीत के वीडियो का विवरण और फ़िल्म से जुड़े कुछ दिलचस्प तथ्य दिए गए हैं:

गीत का विवरण: "ओ सनम तेरे हो गए हम"

यह गीत फ़िल्म के रोमांटिक केंद्र में है, जहाँ नायक और नायिका अपने प्यार की घोषणा करते हैं और एक-दूसरे के प्रति समर्पण का वादा करते हैं।

विशेषताजानकारी
फ़िल्मआई मिलन की बेला (Aai Milan Ki Bela) (1964)
गायक/गायिकामोहम्मद रफ़ी (Mohammed Rafi) और लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar)
संगीतकारशंकर-जयकिशन (Shankar-Jaikishan)
गीतकारहसरत जयपुरी (Hasrat Jaipuri)
कलाकार (फिल्मांकन)राजेन्द्र कुमार (Rajendra Kumar) और सायरा बानो (Saira Banu)

वीडियो का सार और मूड

  • थीम: यह एक ऐसा गीत है जो प्यार में पड़े एक जोड़े की खुशी, उल्लास और अटूट वादे को दर्शाता है। बोलों में अपने प्रियतम के प्रति संपूर्ण समर्पण का भाव है।

  • संगीत शैली: यह गीत शंकर-जयकिशन की सिग्नेचर शैली का एक बेहतरीन उदाहरण है: यह मधुर, ऑर्केस्ट्रा से भरपूर और एक ऐसी धुन वाला है जो सीधे दिल को छूता है। गाने में ताल और संगीत की भव्यता उस दौर की रोमांटिक फ़िल्मों के अनुरूप है।

  • फिल्मांकन: वीडियो आमतौर पर खुले और शानदार बाहरी स्थानों (lavish outdoor locations) पर फिल्माया गया है, जिसमें राजेन्द्र कुमार और सायरा बानो की ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री शानदार दिखती है। यह दृश्य प्यार के उत्सव और ख़ुशी के माहौल को दर्शाता है।

  • मुख्य बोल:

    ओ सनम, तेरे हो गए हम, प्यार में डूब गए, ढूँढे नहीं मिलते...

फ़िल्म 'आई मिलन की बेला' (1964) से जुड़े दिलचस्प तथ्य

'आई मिलन की बेला' 1964 की एक ब्लॉकबस्टर फ़िल्म थी जो एक जटिल प्रेम त्रिकोण (romantic triangle) और सामाजिक ड्रामा पर आधारित थी।

  1. स्टार-स्टडेड लव ट्रायएंगल: इस फ़िल्म में 60 के दशक के तीन बड़े सितारे थे:

    • राजेन्द्र कुमार (जुबली कुमार के नाम से प्रसिद्ध)

    • सायरा बानो (लीड अभिनेत्री)

    • धर्मेंद्र (विरोधी या नकारात्मक भूमिका में)

      इस तिकड़ी ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया था।

  2. संगीत की सफलता: शंकर-जयकिशन और हसरत जयपुरी की जोड़ी ने इस फ़िल्म के लिए एक हिट साउंडट्रैक दिया। "ओ सनम तेरे हो गए हम" के अलावा, "तुम कमसिन हो नादाँ हो" (मोहम्मद रफ़ी) और "मैं प्यार का दीवाना" (मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर) जैसे गीत भी बेहद लोकप्रिय हुए थे।

  3. निर्देशक और निर्माता का कनेक्शन: फ़िल्म का निर्देशन मोहन कुमार ने किया था, और यह बॉम्बे टॉकीज़ के प्रोडक्शन के तहत बनी थी, जो भारतीय सिनेमा की एक प्रतिष्ठित प्रोडक्शन कंपनी थी।

  4. राजेन्द्र कुमार का वर्चस्व: यह फ़िल्म अभिनेता राजेन्द्र कुमार के करियर के सबसे सफल दौर में आई, जब उन्हें लगातार हिट फ़िल्में देने के कारण 'जुबली कुमार' कहा जाता था।

  5. कहानी का मोड़: फ़िल्म में एक गाँव के लड़के (राजेन्द्र कुमार) और एक अमीर लड़की (सायरा बानो) की प्रेम कहानी दिखाई गई है। धर्मेंद्र का किरदार, जो नायक का चचेरा भाई होता है, खलनायक बन जाता है और नायिका को पाने के लिए साज़िशें करता है।



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Aage Bhi Jaane Na Tu WAQT High Quality Sound






यह गीत 1965 की महान फ़िल्म 'वक़्त' (Waqt) का एक दार्शनिक लेकिन ऊर्जा से भरपूर पार्टी नंबर है।

यहाँ इस गीत के वीडियो का विवरण और फ़िल्म से जुड़े दिलचस्प तथ्य दिए गए हैं:

गीत का विवरण: "आगे भी जाने न तू"

यह गीत उस समय के हिंदी सिनेमा में पार्टी एंथम्स के लिए एक नया मानक स्थापित करने वाला गाना था, जिसमें जश्न और फ़लसफ़े का बेहतरीन मिश्रण है।

विशेषताजानकारी
फ़िल्मवक़्त (Waqt) (1965)
गायिकाआशा भोंसले (Asha Bhosle)
संगीतकाररवि (Ravi)
गीतकारसाहिर लुधियानवी (Sahir Ludhianvi)
कलाकार (फिल्मांकन)साधना (Sadhana), सुनील दत्त (Sunil Dutt), और पार्टी गेस्ट्स

वीडियो का सार और मूड

  • थीम: गीत का मुख्य संदेश वर्तमान में जीने (Live in the Present) पर ज़ोर देता है। बोल कहते हैं कि न तो आने वाला कल हमारे हाथ में है (आगे भी जाने न तू), न ही बीता हुआ कल (पीछे भी जाने न तू), इसलिए जो भी है वह आज है—इसे पूरी तरह से जियो।

  • संगीत शैली: संगीतकार रवि ने इसे एक अपबीट, वेस्टर्नाइज्ड और ड्रमैटिक संगीत दिया, जो पार्टी के माहौल को दर्शाता है।

  • आइकॉनिक फ़िल्मांकन:

    • यह गाना हिंदी सिनेमा के शुरुआती गानों में से एक है जो एक शानदार, रंगीन और वेस्टर्न स्टाइल की इनडोर पार्टी में फ़िल्माया गया था।

    • अभिनेत्री साधना, अपने शानदार हेयरस्टाइल और फैशन सेंस के साथ, डांस फ्लोर पर आकर्षण का केंद्र हैं। यह गीत 60 के दशक के ग्लैम स्टाइल को दर्शाता है।

फ़िल्म 'वक़्त' (Waqt, 1965) के बारे में दिलचस्प तथ्य

'वक़्त' बॉलीवुड के सबसे प्रतिष्ठित पारिवारिक ड्रामा और मल्टी-स्टारर फ़िल्मों में से एक है, जिसे यश चोपड़ा ने निर्देशित किया था।

  1. पहली मल्टी-स्टारर हिट: 'वक़्त' को अक्सर हिंदी सिनेमा की पहली सफल मल्टी-स्टारर (Multi-Starrer) फ़िल्मों में से एक माना जाता है, जिसमें उस समय के बड़े-बड़े नाम थे: सुनील दत्त, राज कुमार, शशि कपूर, साधना, शर्मिला टैगोर, बलराज साहनी

  2. कहानी का प्लॉट: यह फ़िल्म पारिवारिक बिछोह (Separation) की थीम पर आधारित है। एक भूकम्प के कारण एक परिवार के सदस्य बिछड़ जाते हैं और समय (वक़्त) के साथ अलग-अलग जीवन जीते हैं, अंततः एक नाटकीय मोड़ पर वे फिर से मिलते हैं।

  3. राज कुमार के डायलॉग्स: इस फ़िल्म ने अभिनेता राज कुमार के संवादों की ख़ास शैली को स्थापित किया। उनका प्रसिद्ध डायलॉग "चिनॉय सेठ, जिनके घर शीशे के हों, वो दूसरों पर पत्थर नहीं फेंका करते" इसी फ़िल्म का है।

  4. म्यूजिकल ब्लॉकबस्टर: फ़िल्म का संगीत, रवि और साहिर लुधियानवी की जोड़ी द्वारा दिया गया, सुपरहिट था। "आगे भी जाने न तू" के अलावा, "ऐ मेरी ज़ोहरा ज़बीं", "हम जब होंगे जवान", और "वक़्त से दिन और रात" जैसे गीत आज भी क्लासिक माने जाते हैं।

  5. यश चोपड़ा का उत्थान: इस फ़िल्म ने निर्देशक यश चोपड़ा को बी. आर. चोपड़ा (उनके भाई और निर्माता) के मार्गदर्शन में एक प्रमुख निर्देशक के रूप में स्थापित किया। यह फ़िल्म उनके निर्देशन करियर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर थी।

  6. राष्ट्रीय पुरस्कार: फ़िल्म ने उस वर्ष सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म सहित कई फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार जीते थे और यह 1965 की सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फ़िल्मों में से एक थी।

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Neela Aakash - Tere Paas Aake Mera Waqt - Mohd.Rafi & Asha Bhonsle



यह गीत 1965 की रोमांटिक ड्रामा फ़िल्म 'नीला आकाश' (Neela Aakash) का एक बेहद मधुर और खुशनुमा युगल गीत (Duet) है, जिसे मोहम्मद रफ़ी और आशा भोंसले ने गाया है।

यहाँ इस गीत का विवरण और फ़िल्म से जुड़े कुछ दिलचस्प तथ्य दिए गए हैं:

गीत का विवरण: "तेरे पास आके मेरा वक़्त"

यह गीत प्यार में डूबे दो लोगों के एहसास को व्यक्त करता है, जहाँ प्रेमी को अपने प्रियतम के साथ बिताया गया समय बहुत तेज़ी से बीतता हुआ महसूस होता है।

विशेषताजानकारी
फ़िल्मनीला आकाश (Neela Aakash) (1965)
गायक/गायिकामोहम्मद रफ़ी (Mohammed Rafi) और आशा भोंसले (Asha Bhosle)
संगीतकारमदन मोहन (Madan Mohan)
गीतकारराजा मेहदी अली खान (Raja Mehdi Ali Khan)
कलाकार (फिल्मांकन)धर्मेन्द्र (Dharmendra) और माला सिन्हा (Mala Sinha)

वीडियो का सार और मूड

  • थीम: यह एक सरल लेकिन गहन रोमांटिक विचार पर आधारित है: प्यार में समय का रुक जाना या तेज़ी से गुज़रना। नायक और नायिका यह महसूस करते हैं कि जब वे साथ होते हैं, तो उन्हें पता ही नहीं चलता कि वक़्त कैसे गुज़र जाता है।

    तेरे पास आके मेरा वक़्त गुज़र जाता है,

    दो घड़ी के लिए अहसास मिटा जाता है।

  • संगीत शैली: मदन मोहन के संगीत की विशेषता यहाँ साफ़ दिखती है—एक मीठी, आकर्षक और सदाबहार धुन। उनका ऑर्केस्ट्रेशन साधारण, लेकिन हृदयस्पर्शी होता था।

  • फिल्मांकन: यह गीत 1960 के दशक की रोमांटिक फिल्मों की तरह बाहरी, प्राकृतिक लोकेशनों पर फ़िल्माया गया है, जहाँ धर्मेन्द्र और माला सिन्हा की ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री बहुत ही सहज और प्यारी लगती है।

फ़िल्म 'नीला आकाश' (1965) से जुड़े दिलचस्प तथ्य

'नीला आकाश' एक रोमांटिक ड्रामा फ़िल्म थी जो उस दौर की हवाई यात्रा और महत्वाकांक्षाओं पर केंद्रित थी।

  1. वायुसेना और रोमांस: फ़िल्म की कहानी एक हवाई पायलट (धर्मेन्द्र) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक एयर होस्टेस (माला सिन्हा) से मिलता है। फ़िल्म रोमांस और उड़ान (aviation) के सपने को एक साथ बुनती है।

  2. मदन मोहन का सफल संगीत: इस फ़िल्म का संगीत मशहूर मदन मोहन ने दिया था, जो अपनी भावुक ग़ज़लों के लिए जाने जाते थे। "तेरे पास आके मेरा वक़्त" के अलावा, लता मंगेशकर का एक और सदाबहार गीत "पायल की झंकार रस्ते रस्ते" भी इसी फ़िल्म का है।

  3. हास्य कलाकार का गंभीर रोल: फ़िल्म में लोकप्रिय हास्य अभिनेता महमूद ने भी एक महत्वपूर्ण, और कुछ हद तक गंभीर, सहायक भूमिका निभाई थी।

  4. धर्मेन्द्र और माला सिन्हा की केमिस्ट्री: यह फ़िल्म उस दौर में धर्मेन्द्र और माला सिन्हा की लोकप्रिय जोड़ी की सफलताओं में से एक थी। उनकी जोड़ी ने 60 के दशक में कई रोमांटिक हिट फ़िल्में दी थीं।

  5. बड़े सितारों का मिश्रण: फ़िल्म में धर्मेन्द्र और माला सिन्हा के साथ, आई. एस. जौहर (हास्य कलाकार) और महमूद जैसे कलाकारों का मिश्रण था, जिससे यह एक ऑल-राउंड मनोरंजक फ़िल्म बन गई थी।

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Mohammed Rafi-Mujhe Kitna Pyar Hai Tumse

Quotes on Anger


He who angers you conquers you.  (Elizabeth Kenny)




For every minute you are angry, you lose sixty seconds of happiness.  (Author Unknown)




Anger is one letter short of danger.  (Author Unknown)




People who fly into a rage always make a bad landing.  (Will Rogers)




Never write a letter while you are angry.  (Chinese proverb)




Where there is anger, there is always pain underneath.  (Eckhart Tolle)




If you kick a stone in anger, you'll hurt your own foot.  (Korean Proverb)




Anger is short-lived madness.  (Horace)




Before you give someone a piece of your mind, make sure you can get by with what is left.  (Author Unknown)




If you're angry at a loved one, hug that person.  And mean it.  You may not want to hug - which is all the more reason to do so.  It's hard to stay angry when someone shows they love you, and that's precisely what happens when we hug each other.  (Walter Anderson, munna bhai :D)




Do not teach your children never to be angry; teach them how to be angry.  (Lyman Abbott)




Sometimes when I'm angry I have the right to be angry, but that doesn't give me the right to be cruel.  (Author Unknown)




Always write angry letters to your enemies.  Never mail them.  (James Fallows)




Holding on to anger is like grasping a hot coal with the intent of throwing it at someone else; you are the one who gets burned.  (Buddha)




The best remedy for a short temper is a long walk. ( Jacqueline Schiff)

Quotes on forgiveness


It's easier to ask forgiveness than it is to get permission.  (Grace Hoppe)


The weak can never forgive.  Forgiveness is the attribute of the strong.  (Mahatma Gandhi)


Forgiveness does not change the past, but it does enlarge the future.  (Paul Boese)


He who cannot forgive breaks the bridge over which he himself must pass.  (George Herbert)




Without forgiveness life is governed by... an endless cycle of resentment and retaliation.  (Roberto Assagioli)


One thing you will probably remember well is any time you forgive and forget.  (Franklin P. Jones)




Always forgive your enemies - nothing annoys them so much.  (Oscar Wilde)

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