किसी की लिखी इन पंक्तियों ने बहुत प्रभावित किया मुझे -
किताबों के पन्नों को पलटकर सोचता हूँ
यूँ पलट जाए ज़िन्दगी तो क्या बात है ...
किताबों के पन्नों को पलटकर सोचता हूँ
यूँ पलट जाए ज़िन्दगी तो क्या बात है ...
कितने साधारण शब्दों में कितनी गहरी बात कह दी गयी , काश ऐसा मुमकिन होता , ज़िन्दगी इतनी आसानी से पलटी जा सकती , उसमें हुए हादसों , तकलीफों को एक पल में भुलाया जा सकता और नए सिरे से जिया जा सकता.................
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