यह बहुत ही ख़ूबसूरत और मशहूर शेर समकालीन उर्दू शायर वसीम बरेलवी (Waseem Barelvi) का है।
यह शेर इंसान के भाग्य (destiny), जीवन की अनिश्चितता और हाथ की रेखाओं के दार्शनिक पहलू को दर्शाता है।
शेर का अर्थ (Meaning of the Couplet)
अजब पहेलियाँ हैं ये हाथ की लकीरों में: हाथ की इन रेखाओं (जो भाग्य बताती हैं) में बड़ी अजीब पहेलियाँ छिपी हुई हैं।
सफ़र लिखे मगर मंज़िलें नहीं लिखीं: इन रेखाओं ने जीवन में सफ़र (यात्रा) तो लिख दिया है, यानी जीवन भर भटकना या चलते रहना तो तय है, लेकिन सफ़र का अंत कहाँ होगा या मंज़िल (लक्ष्य/स्थिरता) कहाँ मिलेगी—यह नहीं लिखा गया है।
शायर कहता है कि भाग्य ने जीवन में संघर्ष और यात्राएँ तो दी हैं, लेकिन सुकून और ठहराव का वादा नहीं किया है।

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