Monday, April 09, 2012

CHARKHA - USTAD PURAN CHAND WADALI N LAKHWINDER WADALI







यह गाना Ustad Puran Chand Wadali और उनके बेटे Lakhwinder Wadali द्वारा गाई गई एक मार्मिक सूफ़ी प्रस्तुति है।

यहाँ वीडियो के बारे में जानकारी और गायकों से जुड़े कुछ दिलचस्प तथ्य दिए गए हैं:


वीडियो के बारे में: 'Charkha'

यह वीडियो 'चर्ख़ा' (Charkha) नामक सूफ़ी कलाम (Sufi poem) का एक रिकॉर्डेड स्टूडियो/म्यूजिक वीडियो वर्ज़न है। चर्ख़ा सूफ़ी कविता में एक शक्तिशाली रूपक (metaphor) है, जो अक्सर जीवन, मानव शरीर, या समय के चक्र का प्रतिनिधित्व करता है।

  • गीत का विषय: यह गाना ईश्वर की याद (Remembrance or Yaad) और परमात्मा के लिए तड़प (longing for the Divine) की भावना को दर्शाता है। यह एक भक्त की अपनी प्रियतम (ईश्वर) के लिए निरंतर याद और प्रतीक्षा की अभिव्यक्ति है।

  • कलाकार: इस प्रस्तुति में उस्ताद पूरन चंद वडाली और लखविंदर वडाली दोनों अपनी-अपनी अनूठी गायन शैलियों का प्रदर्शन करते हैं।

  • मुख्य क्षण:

    • गीत चरखे को अपनी गली में रखने की बात करता है [01:30], यह दर्शाता है कि आत्मा (चरखा) हमेशा प्रियतम की उपस्थिति में रहना चाहती है।

    • इसमें यह कहा गया है कि चरखे का 'कतना' (spinning) असल में प्रियतम की यादों के तागों को कातना है [01:43]।



गायकों के बारे में दिलचस्प तथ्य (Interesting Facts)

उस्ताद पूरन चंद वडाली (Ustad Puran Chand Wadali)

उस्ताद पूरन चंद वडाली स्वर्गीय प्यारेलाल वडाली के साथ मिलकर 'वडाली ब्रदर्स' के नाम से प्रसिद्ध थे।

  • पहलवान से गायक: संगीत में आने से पहले, उस्ताद पूरन चंद वडाली लगभग 25 वर्षों तक एक अखाड़े (wrestling ring) में एक नियमित पहलवान थे। उनके पिता ने उन्हें संगीत सीखने के लिए मजबूर किया।

  • पहला ब्रेक: 1975 में, उन्हें और उनके भाई को जालंधर में हरबल्लभ संगीत सम्मेलन में गाने की अनुमति नहीं दी गई थी क्योंकि उनका "पहनावा सही नहीं" था। निराश होकर, उन्होंने पास के मंदिर में एक भेंट के रूप में गाया, जहाँ उन्हें ऑल इंडिया रेडियो के एक कार्यकारी ने सुना और उनका पहला गाना रिकॉर्ड किया।

  • सम्मान: उन्हें भारत सरकार द्वारा 2005 में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

  • साधना: वह और उनके भाई अत्यधिक व्यावसायिकता से दूर रहे। वे अपने पैतृक घर 'गुरु की वडाली' में रहते हैं और शिष्यों को संगीत सिखाते हैं जिसके लिए वे कोई शुल्क नहीं लेते

लखविंदर वडाली (Lakhwinder Wadali)

लखविंदर वडाली, उस्ताद पूरन चंद वडाली के बेटे हैं और अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।

  • क्रिकेटर का सपना: लखविंदर को बचपन में संगीत में ज्यादा दिलचस्पी नहीं थी; वह एक क्रिकेटर बनने का सपना देखते थे। एक बार उनके पिता पूरन चंद वडाली ने उन्हें संगीत पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करने हेतु उनका पूरा क्रिकेट किट तंदूर में फेंक दिया था।

  • शिक्षा: संगीत की विरासत को आगे बढ़ाने के बावजूद, उनके पास संगीत में मास्टर डिग्री है और वह पीएच.डी. कर रहे हैं।

  • विरासत को आगे बढ़ाना: अपने चाचा प्यारेलाल वडाली के निधन के बाद, लखविंदर ने अपने पिता के साथ मंच पर प्रस्तुति देना शुरू किया, जिससे 'वडाली लीजेंड्स' के रूप में उनकी पारिवारिक और संगीत यात्रा जारी रही।


(This video is posted by channel – Music Waves on YouTube, and Raree India has no direct claims to this video. This video is added to this post for knowledge purposes only.)

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