यह वीडियो महान फिल्म निर्माता सत्यजीत रे (Satyajit Ray) द्वारा निर्देशित 1981 की क्लासिक टेलीफिल्म "सदगति" (Sadgati) का है। यह फिल्म मुंशी प्रेमचंद की इसी नाम की मार्मिक और शक्तिशाली कहानी पर आधारित है।
"सदगति" का अर्थ होता है 'सद्गति' या 'मोक्ष', लेकिन फिल्म में यह शब्द गहरे सामाजिक व्यंग्य और विडंबना को दर्शाता है।
फिल्म की कहानी (Plot Summary)
यह फिल्म भारत में जातिगत भेदभाव और घोर गरीबी की कड़वी सच्चाई को दर्शाती है।
मुख्य पात्र:
दुखी (ओम पुरी): एक गरीब और भूखा 'चमार' (दलित) जाति का व्यक्ति।
झुरिया (स्मिता पाटिल): दुखी की पत्नी।
पंडित घासीराम (मोहन अगाशे): गांव का कठोर और लालची ब्राह्मण पुजारी।
- दुखी अपनी बेटी की सगाई तय करने से पहले पंडित घासीराम को 'शुभ मुहूर्त' (शुभ समय) पूछने के लिए उनके घर जाता है।
- पंडित घासीराम, जो स्वभाव से अहंकारी और कामचोर हैं, दुखी की जाति का होने के कारण उससे दूरी बनाए रखते हैं, लेकिन अपनी ब्राह्मण श्रेष्ठता का फायदा उठाते हैं।
- पंडित जी दुखी को 'शुभ मुहूर्त' बताने से पहले, उससे अपने घर के कई सारे काम करवाते हैं—जैसे झाड़ू लगाना, गायों का चारा काटना, और लकड़ी काटना।
- गरीब और थका हुआ दुखी, जिसे उम्मीद है कि ये काम करने से पंडित जी खुश होंगे और उसकी बेटी के लिए अच्छा 'मुहूर्त' बताएंगे, भूखा-प्यासा होकर कड़ी धूप में लकड़ी काटने लगता है।
- अत्यधिक थकान और भूख के कारण, लकड़ी काटते समय ही दुखी की मृत्यु हो जाती है।
- पंडित और पंडिताइन (पुजारी की पत्नी) दुखी की लाश को देखकर घबरा जाते हैं, क्योंकि वे नहीं चाहते कि किसी 'अछूत' की लाश उनके घर पर पड़ी रहे। वे यह भी जानते हैं कि अगर वे लाश को छूते हैं तो वे अपवित्र हो जाएँगे।
- अंत में, जब कोई गांव वाला लाश को उठाने नहीं आता, तो पंडित जी एक लंबी रस्सी से दुखी के पैर बांधते हैं और उसे घसीटकर अपने घर से दूर ले जाते हैं। यह दृश्य बताता है कि एक इंसान की लाश भी जातिगत भेदभाव से मुक्त नहीं हो पाती है।
थीम: यह टेलीफिल्म जाति व्यवस्था की क्रूरता, सामंती शोषण, और गरीबी से उपजी मजबूरी पर एक शक्तिशाली टिप्पणी है, जिसे सत्यजीत रे ने अपनी विशिष्ट यथार्थवादी शैली में प्रस्तुत किया है।
(This video is posted by channel – DD Urdu on YouTube, and Raree India has no direct claims to this video. This video is
added to this post for knowledge purposes only.)
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