Friday, August 17, 2012

Taxi No. 9211..a very interesting movie



"Taxi No. 9211" फ़िल्म  2006 में रिलीज़ हुई एक बेहद दिलचस्प कॉमेडी-थ्रिलर ड्रामा फ़िल्म है।

Taxi No. 9211: Nau Do Gyarah

विवरण (Detail)जानकारी (Information)
मुख्य कलाकार (Main Cast)Nana Patekar (as Raghav Shastri - The Cab Driver), John Abraham (as Jai Mittal - The Rich Heir)
निर्देशक (Director)Milan Luthria
संगीत (Music)Vishal–Shekhar
रिलीज़ वर्ष (Release Year)2006
आधारित (Loosely based on)हॉलीवुड फ़िल्म Changing Lanes (2002)

फ़िल्म की कहानी (The Plot)

यह फ़िल्म मुंबई शहर में रहने वाले दो बिलकुल अलग-अलग व्यक्तियों के एक-दिन के टकराव और जीवन बदलने वाली यात्रा पर केंद्रित है।

1. मुख्य पात्र और टकराव (The Protagonists and the Conflict)

  • Raghav Shastri (Nana Patekar): एक गुस्सैल, अस्थिर स्वभाव का टैक्सी ड्राइवर जो अपनी पत्नी (Sonali Kulkarni) से झूठ बोलता है कि वह एक बीमा एजेंट है।

  • Jai Mittal (John Abraham): एक अमीर और बिगड़ैल बेटा, जो अपने दिवंगत पिता की वसीयत (Will) के कानूनी विवाद को सुलझाने की जल्दी में है।

उनकी ज़िंदगी तब आपस में उलझ जाती है जब Jai की टैक्सी (जिसका नंबर 9211 है) Raghav की टैक्सी से टकरा जाती है। दुर्घटना की हड़बड़ी में, Jai अपनी तिजोरी की चाबी (Key) Raghav की टैक्सी में ही भूल जाता है, जिसमें उसके पिता की वसीयत बंद है।

2. प्रतिशोध और नाटक (Revenge and Drama)

  • Raghav को जब पता चलता है कि चाबी कितनी कीमती है, तो वह गुस्से में आकर Jai को चाबी देने से मना कर देता है।

  • चाबी वापस पाने की तलाश में, Jai Raghav के घर पहुँच जाता है और ग़लती से उसकी पत्नी को Raghav के टैक्सी ड्राइवर होने की सच्चाई बता देता है।

  • इसके परिणामस्वरूप, Raghav की पत्नी उसे छोड़कर चली जाती है, जिससे दोनों पुरुषों के बीच की लड़ाई एक व्यक्तिगत प्रतिशोध (personal revenge) में बदल जाती है।

3. क्लाइमेक्स और आत्मज्ञान (Climax and Realization)

  • पूरी फ़िल्म मुंबई की सड़कों पर एक तेज़ रफ़्तार, उग्र संघर्ष (high-octane, angry pursuit) के रूप में चलती है, जहाँ दोनों एक दूसरे की ज़िंदगी को बर्बाद करने की कसम खाते हैं।

  • क्लाइमेक्स में, जब Jai सब कुछ खो देता है (अपनी संपत्ति का केस हार जाता है और उसकी लालची गर्लफ्रेंड उसे छोड़ देती है), तो उसे अपनी गलती का एहसास होता है।

  • अंत में, दोनों एक दूसरे के प्रति सहानुभूति (empathy) विकसित करते हैं और पाते हैं कि वे दोनों ही अपनी ज़िंदगी की समस्याओं से भाग रहे थे। यह कहानी एक-दूसरे के जीवन में हस्तक्षेप के माध्यम से दोनों पात्रों के आत्म-सुधार (self-reformation) को दर्शाती है।

यह फ़िल्म अपनी तेज़ रफ़्तार, बेहतरीन डायलॉग्स, और Nana Patekar और John Abraham के ज़बरदस्त अभिनय के लिए जानी जाती है।

(This video is posted by channel – Shemaroo Movies on YouTube, and Raree India has no direct claims to this video. This video is added to this post for knowledge purposes only.)

 

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