Thursday, October 23, 2025

अपेक्षाएं



अपेक्षाएं....
जब प्रेम से....
बड़ी होने लगती हैं.....
तब....
प्रेम... धीरे धीरे....
मरने लगता है....
विश्वास....
घटने.. लगता है.....
प्रेम में तोल-मोल....
जांच-परख....
घर.. कर लेती है.....
तो प्रेम.....

प्रेम ..नहीं रह जाता.....
विश्वास विहीन जीवन....
कब असह्य हो जाता है......
पता ही नहीं चलता....
जब... पता चलता है....
तब तक.....
बहुत देर हो चुकी होती है....
सिर्फ ,पछतावा ही....
शेष ...रह जाता है....
क्योंकि.... प्रेम....
मर ......चुका होता है.....
.
.
Manju Mishra

Photo Credit: Golshifteh Farahani by Paolo Roversi for Vogue Italia September 2014

No comments:

Post a Comment

Do Leave a Comment

Search This Blog