Sunday, September 02, 2012

Main Piya Teri BASANT BAHAR



  • Movie: Basant Bahar (1956)

  • Singer: The legendary Lata Mangeshkar

  • Music Director: The iconic duo Shankar-Jaikishan

  • Lyricist: Hasrat Jaipuri

  • Starring: The song is picturized on the lead actress Nimmi (who plays Gopi) and Bharat Bhushan (who plays Gopal).

The Meaning of the Line

The phrase you mentioned is the opening and main line of the song, expressing deep devotion and commitment:

  • Main Piya Teri: I am your beloved (or I am devoted to you, my darling).

  • Tu Maane Ya Na Maane: Whether you accept/believe it or not.

The full hook line is: "Main piya teri, tu maane ya na maane, duniya jaane, tu jaane ya na jaane..." (I am your beloved, whether you accept it or not, the whole world knows, whether you know it or not...).

It's one of the most memorable songs from a movie famous for its incredible musical score, which also includes the legendary classical song "Ketaki Gulab Juhi" (sung by Manna Dey and Pt. Bhimsen Joshi).


(This video is posted by channel – {Saregama Music} on YouTube, and Raree India has no direct claims to this video. This video is added to this post for knowledge purposes only.)


Thandi Hawayein Lehrake Aaye (HD) Classic Song : Lata Mangeshkar | Naujawan (1951) Nalini Jaywant





यह गीत 'ठंडी हवाएँ लहरा के आएँ' 1950 के दशक के सबसे प्यारे और मनमोहक रोमांटिक गीतों में से एक है। यह गाना अपनी मधुरता और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है।

गीत का विवरण (Song Details)

विवरणजानकारी
फिल्म (Movie)नौज़वान (Naujawan)
रिलीज़ वर्ष (Release Year)1951
गायक (Singer)लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar)
संगीत निर्देशक (Music Director)एस. डी. बर्मन (S. D. Burman)
गीतकार (Lyricist)साहिर लुधियानवी (Sahir Ludhianvi)
कलाकार (Star Cast)नलिनि जयवंत (Nalini Jaywant), प्रेम नाथ (Prem Nath)

रोचक तथ्य (Interesting Facts)

  • बर्मन दा की शुरुआती मधुरता: संगीतकार एस. डी. बर्मन ने 1950 के दशक की शुरुआत में कई शांत और मीठी धुनें बनाई थीं, और यह गाना उसी दौर का एक खूबसूरत उदाहरण है। इस गाने की धुन में बंगाल के लोक संगीत (Bengali Folk music) का हल्का प्रभाव महसूस होता है, जो बर्मन दा की संगीत शैली की पहचान थी।

  • साहिर लुधियानवी के रोमांटिक बोल: साहिर लुधियानवी को आमतौर पर अपनी गंभीर और सामाजिक-राजनीतिक शायरी के लिए जाना जाता है, लेकिन उन्होंने इस गाने में बेहद कोमल और रोमांटिक बोल लिखे हैं, जो प्रकृति की सुंदरता और प्रेम के उदय को दर्शाते हैं।

  • नलिनि जयवंत का आकर्षण: यह गाना अभिनेत्री नलिनि जयवंत पर फिल्माया गया है, जो उस समय की सबसे खूबसूरत और प्रतिभाशाली अभिनेत्रियों में से एक थीं। इस गाने में उनकी सादगी और शांत आकर्षण (serene charm) दर्शकों को बहुत पसंद आया था।

  • पार्श्वगायन में सहजता: लता मंगेशकर ने इस गाने को एक बहुत ही सहज और शांत अंदाज़ में गाया है, जो गीत के बोल और धुन के 'ठंडी हवाओं' वाले एहसास को पूरी तरह से जीवंत करता है।

यह गीत आज भी उन श्रोताओं के बीच लोकप्रिय है जो हिंदी सिनेमा के स्वर्ण युग (Golden Era) की मधुर और सुकून भरी धुनों को पसंद करते हैं।

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Lata Mangeshkar Man Mohana Bade Jhoote Haar Ke Haar Nahein Seema 1955 Sh...






यह गीत 'मनमोहना बड़े झूठे' या 'कहाँ से सीखे हैं' हिंदी सिनेमा के सबसे मधुर और शास्त्रीय संगीत पर आधारित गीतों में से एक है। यह गाना लता मंगेशकर की आवाज में एक उत्कृष्ट क्लासिक है।

गीत का विवरण (Song Details)

विवरणजानकारी
फिल्म (Movie)सीमा (Seema)
रिलीज़ वर्ष (Release Year)1955
गायक (Singer)लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar)
संगीत निर्देशक (Music Director)शंकर-जयकिशन (Shankar-Jaikishan)
गीतकार (Lyricist)हसरत जयपुरी (Hasrat Jaipuri)
कलाकार (Star Cast)नूतन (Nutan), बलराज साहनी (Balraj Sahni)

रोचक तथ्य (Interesting Facts)

  • राग पर आधारित रचना: यह गीत भारतीय शास्त्रीय संगीत के राग जयजयवंती (Raag Jayjaywanti) पर आधारित है। संगीतकार शंकर-जयकिशन ने लता मंगेशकर के लिए एक बहुत ही जटिल और मधुर धुन तैयार की, जिसने गाने को एक कालातीत (timeless) क्लासिकल रूप दिया। इस गाने को अक्सर बॉलीवुड के बेहतरीन शास्त्रीय गीतों में गिना जाता है।

  • नूतन का शानदार प्रदर्शन: यह गाना अभिनेत्री नूतन पर फिल्माया गया है, जिन्होंने इस फिल्म में अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार जीता था। नूतन ने गाने में अपने भावों (विशेषकर 'हार के हार नहीं' वाली लाइन में) से विरह (separation) और प्रेम के भावों को खूबसूरती से दर्शाया है।

  • हसरत जयपुरी के बोल: गीतकार हसरत जयपुरी को आमतौर पर अपने रोमांटिक और सरल बोल के लिए जाना जाता है, लेकिन इस गाने के लिए उन्होंने बहुत ही काव्यात्मक (poetic) और गहन भाषा का प्रयोग किया, जो गीत की शास्त्रीय प्रकृति से मेल खाती है।

  • शंकर-जयकिशन का बहुमुखी संगीत: 1950 के दशक में, शंकर-जयकिशन की जोड़ी व्यावसायिक रूप से सबसे सफल थी। इस गाने ने दर्शाया कि वे न केवल लोकप्रिय धुनें बना सकते हैं, बल्कि शास्त्रीय संगीत में भी उनकी गहरी पकड़ थी।

यह गीत आज भी शास्त्रीय संगीत के प्रेमियों के बीच बहुत सम्मान के साथ सुना जाता है।


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aaja ke intezar mein film halaku


 


यह गीत 'आजा के इंतज़ार में' हिंदी सिनेमा के सबसे भावुक और क्लासिक रोमांटिक युगल गीतों (duets) में से एक है। इसकी मधुरता और मीठा दर्द इसे आज भी यादगार बनाता है।

गीत का विवरण (Song Details)

विवरणजानकारी
फिल्म (Movie)हलाकू (Halaku)
रिलीज़ वर्ष (Release Year)1956
गायक (Singers)लता मंगेशकर और मोहम्मद रफ़ी (Lata Mangeshkar & Mohammed Rafi)
संगीत निर्देशक (Music Director)शंकर-जयकिशन (Shankar-Jaikishan)
गीतकार (Lyricist)शैलेन्द्र (Shailendra)
कलाकार (Star Cast)मीना कुमारी (Meena Kumari), प्रदीप कुमार (Pradeep Kumar)

रोचक तथ्य (Interesting Facts)

  • शंकर-जयकिशन की रोमांटिक धुन: संगीतकार जोड़ी शंकर-जयकिशन ने 1950 और 60 के दशक में कई बेहतरीन रोमांटिक गीत दिए। इस गाने की धुन बेहद कोमल है और यह प्रेमियों के इंतजार और मिलन की आशा के भाव को खूबसूरती से व्यक्त करती है।

  • शैलेन्द्र के सरल और मार्मिक बोल: गीतकार शैलेन्द्र अपनी सरल लेकिन गहरी और हृदयस्पर्शी शायरी के लिए जाने जाते थे। इस गाने में उनके बोल "चुप के से कह गया कोई, आके कानों में, मोहब्बतें जवाँ हैं, जन्नत के कोनों में" आशा और प्रेम की भावना को बड़ी नज़ाकत से बयां करते हैं।

  • मीना कुमारी और प्रदीप कुमार का रोमांस: यह गीत अभिनेता प्रदीप कुमार और अभिनेत्री मीना कुमारी पर फिल्माया गया है। उस दौर में, इन दोनों की जोड़ी को पर्दे पर बहुत पसंद किया जाता था, और उनके बीच की केमिस्ट्री इस रोमांटिक युगल गीत में चार चाँद लगा देती है।

  • ऐतिहासिक फिक्शन (Historical Fiction): फिल्म 'हलाकू' एक ऐतिहासिक फिक्शन ड्रामा थी, जिसमें मंगोलियाई शासक हलाकू खान से प्रेरित एक किरदार था। ऐसी एक्शन और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि वाली फिल्म में इतने मधुर और कोमल रोमांटिक गीतों का होना, उस दौर के संगीतकारों की बहुमुखी प्रतिभा (versatility) को दर्शाता है।

यह गीत आज भी उन लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है जो पुराने हिंदी सिनेमा के सदाबहार रोमांटिक युगल गीतों को पसंद करते हैं।

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Mohabbat Zinda Rehati Hai Mohammad Rafi in Changez Khan




यह गीत 'मोहब्बत ज़िंदा रहती है' मोहम्मद रफ़ी साहब के सबसे भावनात्मक और दार्शनिक गीतों में से एक है। यह गाना प्रेम की अमरता और जीवन के बाद भी उसके बने रहने के विचार को खूबसूरती से व्यक्त करता है।

गीत का विवरण (Song Details)

विवरणजानकारी
फिल्म (Movie)चंगेज़ खान (Changez Khan)
रिलीज़ वर्ष (Release Year)1957
गायक (Singer)मोहम्मद रफ़ी (Mohammed Rafi)
संगीत निर्देशक (Music Director)हंसराज बहल (Hansraj Behl)
गीतकार (Lyricist)क़मर जलालाबादी (Qamar Jalalabadi)
कलाकार (Star Cast)पृथ्वीराज कपूर (Prithviraj Kapoor), बीना राय (Bina Rai)

रोचक तथ्य (Interesting Facts)

  • मोहम्मद रफ़ी की भावनात्मक प्रस्तुति: यह गाना रफ़ी साहब की गायकी की गहराई को दर्शाता है। उन्होंने इस गीत को एक दार्शनिक अंदाज़ में गाया है, जहाँ उन्हें अपने प्यार को खोने का दर्द है, लेकिन साथ ही उन्हें इस बात का विश्वास भी है कि प्रेम हमेशा जीवित रहता है। उनकी आवाज़ में यह गहराई और ठहराव इस गाने को एक उदात्त (sublime) अनुभव प्रदान करता है।

  • हंसराज बहल की क्लासिक धुन: संगीतकार हंसराज बहल 1940 और 1950 के दशक में सक्रिय थे और उन्होंने पंजाबी संगीत और हिंदी फिल्मी संगीत का बेहतरीन मिश्रण तैयार किया। इस गाने की धुन भी अपनी सादगी और शांत, लेकिन गहरी संरचना के कारण तुरंत पहचान में आ जाती है। यह धुन उस समय के संगीत में क्लासिकल टच (शास्त्रीय स्पर्श) की ओर झुकाव को दर्शाती है।

  • फ़िल्म की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: जैसा कि नाम से पता चलता है, फिल्म 'चंगेज़ खान' मंगोल शासक चंगेज़ खान के जीवन और समय पर आधारित एक ऐतिहासिक ड्रामा थी।

    • फिल्म में मुख्य भूमिका दिग्गज अभिनेता पृथ्वीराज कपूर ने निभाई थी, जो चंगेज़ खान की भूमिका में अपनी भव्य और सशक्त उपस्थिति के लिए जाने जाते थे।

    • ऐसी ऐतिहासिक और भव्य फिल्म में इस तरह का गहरा दार्शनिक और भावुक गीत होना, उस दौर के फ़िल्म निर्माताओं की कहानी कहने की कला को दर्शाता है, जहाँ एक्शन के साथ-साथ भावनाओं पर भी जोर दिया जाता था।

यह गीत प्रेम की शाश्वतता (eternity of love) पर एक खूबसूरत नज़्म है, जो आज भी अपने गहन अर्थों के लिए सुना जाता है।


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Saturday, September 01, 2012

In Hawawon Mein In Fizaon Mein1 Gumrah 1963





यह गीत 'इन हवाओं में, इन फिज़ाओं में' हिंदी सिनेमा के सबसे रोमांटिक और मनमोहक गीतों में से एक है। यह गीत प्यार की शरारत और उसकी ताज़गी को बयां करता है, और इसे एक बेहतरीन युगल गीत माना जाता है।

गीत का विवरण (Song Details)

विवरणजानकारी
फिल्म (Movie)गुमराह (Gumrah)
रिलीज़ वर्ष (Release Year)1963
गायक (Singers)आशा भोसले और महेंद्र कपूर (Asha Bhosle & Mahendra Kapoor)
संगीत निर्देशक (Music Director)रवि (Ravi)
गीतकार (Lyricist)साहिर लुधियानवी (Sahir Ludhianvi)
कलाकार (Star Cast)माला सिन्हा (Mala Sinha), सुनील दत्त (Sunil Dutt), अशोक कुमार (Ashok Kumar)

रोचक तथ्य (Interesting Facts)

  • रवि और साहिर की हिट जोड़ी: संगीतकार रवि और गीतकार साहिर लुधियानवी की जोड़ी ने 1960 के दशक में कई बेहतरीन गाने दिए। साहिर ने इस गाने में हल्की-फुल्की और रोमांटिक भाषा का इस्तेमाल किया, जो रवि की मीठी और सुरीली धुन के साथ पूरी तरह से मेल खाती है।

  • आशा भोसले और महेंद्र कपूर की जुगलबंदी: यह गाना आशा भोसले और महेंद्र कपूर के सबसे लोकप्रिय युगल गीतों में से एक है। दोनों की आवाज़ों का तालमेल बहुत ही शानदार है—जहाँ आशा जी की आवाज़ में चुलबुलापन है, वहीं महेंद्र कपूर की आवाज़ में एक क्लासिक ठहराव है।

  • फिल्म का विषय: फिल्म 'गुमराह' एक विवाहेतर संबंध (extra-marital affair) पर आधारित एक बोल्ड और सफल ड्रामा थी। यह गीत, जो सुनील दत्त और माला सिन्हा पर फिल्माया गया है, उन दोनों के बीच के छिपे हुए रोमांस और प्यार की शुरुआत को दर्शाता है। गाने में प्यार की मासूमियत को एक ऐसे रिश्ते के संदर्भ में दिखाया गया है जिसे समाज सही नहीं मानता।

  • बेहतरीन फिल्मांकन: यह गाना आउटडोर (outdoor) लोकेशन पर फिल्माया गया है, जिसमें हरे-भरे परिदृश्य (green landscapes) और शांत वातावरण का उपयोग किया गया है, जो गीत के बोल और धुन के रोमांटिक मूड को और भी बढ़ाता है।

यह गीत अपनी मधुरता और ताज़गी भरी ऊर्जा के कारण आज भी 60 के दशक के सर्वश्रेष्ठ रोमांटिक गीतों में गिना जाता है।


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Aap Aaye To Khayale Dil e Nuasad Aaya Gumrah 1963





निश्चित रूप से, आप जिस गीत की बात कर रहे हैं वह फिल्म 'गुमराह' का एक और शानदार गीत है, जो अपनी भावनात्मक गहराई और शास्त्रीय सुंदरता के लिए जाना जाता है।


गीत का विवरण (Song Details)

विवरणजानकारी
फिल्म (Movie)गुमराह (Gumrah)
रिलीज़ वर्ष (Release Year)1963
गायक (Singer)महेंद्र कपूर (Mahendra Kapoor)
संगीत निर्देशक (Music Director)रवि (Ravi)
गीतकार (Lyricist)साहिर लुधियानवी (Sahir Ludhianvi)
कलाकार (Star Cast)सुनील दत्त (Sunil Dutt), माला सिन्हा (Mala Sinha)

रोचक तथ्य (Interesting Facts)

  • महेंद्र कपूर का बहुमुखी प्रदर्शन: यह गीत महेंद्र कपूर की सबसे बेहतरीन सोलो (Solo) प्रस्तुतियों में से एक है। आमतौर पर रोमांटिक युगल गीतों में सफल रहने वाले महेंद्र कपूर ने इस गाने में ग़ज़ल गायकी की संजीदगी और दर्द को बहुत ही खूबसूरती से व्यक्त किया है। उनकी आवाज़ में छुपा हुआ दर्द और आशा का भाव कमाल का है।

  • ग़ज़ल का सार: इस गीत के बोल एक उत्कृष्ट ग़ज़ल हैं, जिसे साहिर लुधियानवी ने लिखा है। गीत का मुखड़ा, "आप आए तो खयाल-ए-दिल-ए-नाशाद आया", जिसका अर्थ है "जब आप आए, तब दिल में उदासी (नाशाद) का ख्याल आया", प्रेम में मिली चोट और उस चोट को छिपाने की कोशिश को दर्शाता है। यह गीत प्रेम के विरह और उदासी के बावजूद, प्रियतम की उपस्थिति के महत्व को बताता है।

  • रवि का मधुर संगीत: संगीतकार रवि ने इस ग़ज़ल को एक शांत और मद्धम (subdued) धुन दी है, जिसमें ऑर्केस्ट्रेशन (वाद्य-वृंद) कम और भावनाओं पर ज़ोर ज़्यादा है। यह धुन उस समय की रोमांटिक ग़ज़लों की विशेषता थी, जो सुनने वाले के दिल को सीधा छूती थी।

  • फिल्म की स्थिति को दर्शाता गीत: फिल्म गुमराह एक ऐसी महिला (माला सिन्हा) की कहानी है जो अपने विवाहेतर संबंध (Extra-Marital Affair) और अपने पति (अशोक कुमार) के बीच फंसी हुई है। यह गीत, जो सुनील दत्त पर फिल्माया गया है, उस व्यक्ति की भावनाओं को दर्शाता है जो किसी और के जीवन में आने से होने वाले उलझाव और दर्द को महसूस करता है।

यह गाना आज भी अपनी उत्कृष्ट ग़ज़ल शैली और भावनात्मक गहराई के लिए जाना जाता है।


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