फ़िल्म "आखरी खत" (Aakhri Khat, 1966) का यह भी एक बहुत ही ख़ूबसूरत गीत है!
यह गाना भी मोहम्मद रफ़ी ने गाया है, और यह अपनी मधुरता और रोमांटिक माहौल के कारण बहुत प्रसिद्ध है। यह गीत फ़िल्म के मुख्य अभिनेता राजेश खन्ना पर फ़िल्माया गया था।
यहाँ इस गीत और फ़िल्म से जुड़ी जानकारी दी गई है:
गीत: रुत जवाँ जवाँ रात मेहरबाँ
| विवरण | जानकारी |
| गायक (Singer) | मोहम्मद रफ़ी (Mohammed Rafi) |
| संगीतकार (Music Director) | खय्याम (Khayyam) |
| गीतकार (Lyricist) | कैफ़ी आज़मी (Kaifi Azmi) |
| फ़िल्म (Film) | आखरी खत (Aakhri Khat, 1966) |
| कलाकार (Picturized on) | राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) |
इस लाइन का अर्थ (Meaning of the Line)
आप जिस लाइन का ज़िक्र कर रहे हैं:
रुत जवाँ जवाँ रात मेहरबाँ...
| हिंदी (Hindi) | सामान्य अनुवाद (General Meaning) |
| रुत | Season (मौसम) |
| जवाँ जवाँ | Young, Youthful, Fresh |
| रात | Night |
| मेहरबाँ | Kind, Gracious, Benevolent |
पूरे लाइन का मतलब:
"मौसम जवान है, और रात मेहरबान है।"
यह लाइन एक अत्यंत रोमांटिक और अनुकूल माहौल को दर्शाती है, जहाँ मौसम जवानी से भरा है और रात बहुत दयालु या प्रेमपूर्ण है—जो प्रेमियों के मिलने के लिए एकदम सही समय है।
रोचक तथ्य: राजेश खन्ना का पहला गाना
पहला डेब्यू गाना: तकनीकी रूप से यह गाना राजेश खन्ना पर फ़िल्माया गया पहला सोलो गीत है। यह उनकी अभिनय यात्रा की रोमांटिक शुरुआत का प्रतीक है, जिसके बाद वह हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार बने।
खय्याम और कैफ़ी का कमाल: खय्याम साहब का शांत, मधुर संगीत और कैफ़ी आज़मी की कोमल शायरी का मेल इस गाने को बेहद खास बनाता है।
No comments:
Post a Comment
Do Leave a Comment