मोहम्मद रफ़ी साहब का गाया हुआ एक बहुत ही खूबसूरत और दर्द भरा गीत है!
यह गाना फ़िल्म "आखरी खत" (Aakhri Khat, 1966) का है, जिसे बलराज साहनी और इंद्राणी मुखर्जी पर फिल्माया गया था।
यहाँ उस गीत की पहली लाइनें और उससे जुड़ी जानकारी दी गई है:
गीत: और कुछ देर ठहर और कुछ देर ना जा
| विवरण | जानकारी |
| गायक (Singer) | मोहम्मद रफ़ी (Mohammed Rafi) |
| संगीतकार (Music Director) | खय्याम (Khayyam) |
| गीतकार (Lyricist) | कैफ़ी आज़मी (Kaifi Azmi) |
| फ़िल्म (Film) | आखरी खत (Aakhri Khat, 1966) |
| कलाकार (Picturized on) | बलराज साहनी और इंद्राणी मुखर्जी |
इस लाइन का अर्थ (Meaning of the Line)
आप जिस लाइन का ज़िक्र कर रहे हैं:
और कुछ देर ठहर और कुछ देर ना जा...
| हिंदी (Hindi) | सामान्य अनुवाद (General Meaning) |
| और कुछ देर | For a little more while |
| ठहर | Stay / Wait |
| और कुछ देर | For a little more while |
| ना जा | Don't go |
पूरे शेर का मतलब:
यह गीत विदाई के क्षणों को दर्शाता है, जहाँ प्रेमी अपने प्रिय से आग्रह कर रहा है कि वह थोड़ी देर और रुक जाए, अभी न जाए। यह एक गहरे भावनात्मक लगाव और बिछड़ने के दर्द को व्यक्त करता है।
फ़िल्म से जुड़ा रोचक किस्सा
महत्वपूर्ण डेब्यू: यह फ़िल्म निर्देशक चेतन आनंद के बेटे कंवलजीत सिंह की डेब्यू फ़िल्म थी।
राजेश खन्ना का डेब्यू: सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह फ़िल्म हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना की भी पहली फ़िल्म थी! हालांकि, उन्हें मुख्य भूमिका में नहीं लिया गया था।
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