यह ग़ज़ल फ़िल्मों से ज़्यादा, उनके व्यक्तिगत एल्बमों के लिए जानी जाती है, और यह हिंदी/उर्दू शायरी की दुनिया में एक क्लासिक है।
ग़ज़ल: बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी
| विवरण | जानकारी |
| गायक (Singer) | जगजीत सिंह (Jagjit Singh) |
| शायर (Poet/Lyricist) | कैफ़ी आज़मी (Kaifi Azmi) - इस ग़ज़ल के लिए |
| एल्बम/प्रस्तुति | 'The Latest' या लाइव कॉन्सर्ट्स |
इस लाइन का अर्थ (Meaning of the Line)
आप जिस लाइन का ज़िक्र कर रहे हैं, वह अक्सर ग़ज़ल के शुरू में या उसके केंद्रीय विचार के रूप में उपयोग होती है:
बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी...
| हिंदी (Hindi) | शब्द-दर-शब्द अनुवाद (Word-for-Word) | सामान्य अर्थ (General Meaning) |
| बात | Matter / Topic / Secret | The secret / the topic |
| निकलेगी तो | If it comes out | If it is revealed / discussed |
| फिर | Then | Then |
| दूर तलक | Far away | To distant corners |
| जाएगी | It will go | It will spread |
पूरे शेर का मतलब:
यह शेर किसी संवेदनशील या छिपे हुए मामले को छेड़ने के बारे में चेतावनी देता है। शायर कहता है कि अगर यह बात (कोई गुप्त मामला या अफ़वाह) एक बार शुरू हो गई, तो यह सिर्फ़ यहीं नहीं रुकेगी, बल्कि दूर-दूर तक फैल जाएगी और बड़े परिणाम होंगे। यह अक्सर किसी की बदनामी या निजी रिश्ते को बचाने के संदर्भ में कहा जाता है।
रोचक तथ्य (Interesting Fact)
कैफ़ी आज़मी की कलम: इस ग़ज़ल को प्रख्यात शायर कैफ़ी आज़मी ने लिखा था। जगजीत सिंह ने अपनी मधुर और उदास आवाज़ से इसे अमर बना दिया।
क्लासिक ग़ज़ल: यह ग़ज़ल उन कुछ ग़ज़लों में से है जो आज भी हर ग़ज़ल प्रेमी की प्लेलिस्ट में अनिवार्य रूप से शामिल होती है, और यह जगजीत सिंह के करियर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
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