यहाँ इस गीत से जुड़ी जानकारी और इसके बोल का अर्थ दिया गया है:
ग़ज़ल: तेरे खुशबू में बसे खत
| विवरण | जानकारी |
| गायक/गायिका (Singer) | जगजीत सिंह और चित्रा सिंह (Jagjit Singh and Chitra Singh) |
| संगीतकार (Music Director) | जगजीत सिंह और चित्रा सिंह (Jagjit Singh and Chitra Singh) |
| गीतकार/शायर (Lyricist) | राजिंदर नाथ रहबर (Rajinder Nath Rahbar) |
| फ़िल्म (Film) | अर्थ (Arth, 1982) |
| कलाकार (Picturized on) | कुलभूषण खरबंदा, स्मिता पाटिल, शबाना आज़मी |
फ़िल्म "अर्थ" (Arth, 1982) से जुड़ा एक बहुत ही रोचक और महत्वपूर्ण किस्सा यह है कि यह फ़िल्म निर्देशक महेश भट्ट की निजी ज़िन्दगी से काफी हद तक प्रेरित थी।
फ़िल्म "अर्थ" से जुड़ा रोचक किस्सा
निजी जीवन से प्रेरित कहानी
असली प्रेरणा: यह फ़िल्म निर्देशक महेश भट्ट के अपने व्यक्तिगत जीवन की घटनाओं पर आधारित थी, जब उनका अपनी पहली पत्नी किरण भट्ट से अलगाव हुआ था और उनका अभिनेत्री परवीन बाबी के साथ संबंध था।
पात्रों का चित्रण: फ़िल्म में कुलभूषण खरबंदा का किरदार (पति) महेश भट्ट पर आधारित था, शबाना आज़मी का किरदार (पत्नी पूजा) उनकी पहली पत्नी किरण भट्ट से प्रेरित था, और स्मिता पाटिल का किरदार (वो दूसरी औरत) परवीन बाबी से प्रेरित था।
दर्द को कला में बदलना: महेश भट्ट ने अपने और परवीन बाबी के रिश्ते के उतार-चढ़ाव और उनकी मानसिक अस्थिरता (mental instability) के दर्द को इस फ़िल्म की कहानी में बदल दिया। इससे फ़िल्म में भावनाओं और वास्तविकता का एक गहरा स्तर आ गया, जिसकी वजह से यह आज भी इतनी प्रासंगिक लगती है।
शबाना आज़मी की जीत
इस फ़िल्म में शबाना आज़मी ने अपनी भावनात्मक भूमिका (पति द्वारा छोड़ी गई पत्नी) को इतनी सच्चाई से निभाया कि उन्हें इसके लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। उनकी परफॉर्मेंस को हिंदी सिनेमा की सबसे बेहतरीन परफॉर्मेंस में से एक माना जाता है।
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