बातें
सायस नही
अनायास की जाएँ
तो ज्यादा सुन्दर होती हैं
बातें
लफ़्ज़ों से नहीं
आँखों से की जाएँ
तो ज्यादा मार्मिक होती हैं
बातें
हिचक से परे
ह्रदय के उच्छ्वास से आयें तो
ज्यादा स्थान लेती हैं
बातें
क्षणिक प्रक्रिया से नही
स्वप्न के आशिआने में सजें तो
ज्यादा उम्र पाती हैं
इस तरह बातें
भरती हैं
जीवन में अर्थ
और
रचती हैं
संबंधों की गरिमा
अनवरत ............
(अपराजिता)
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