यह गीत अपनी धुन और मोहम्मद रफ़ी की आवाज़ में एक खास जोश के लिए जाना जाता है, जो शम्मी कपूर की 'जंगली' छवि के साथ पूरी तरह मेल खाता था।
यहाँ इस मशहूर गीत से जुड़ी जानकारी दी गई है:
गीत: है दुनिया उसीकी ज़माना उसीका
| विवरण (Detail) | जानकारी (Information) |
| गायक (Singer) | मोहम्मद रफ़ी (Mohammed Rafi) |
| संगीतकार (Music Director) | ओ.पी. नैय्यर (O. P. Nayyar) |
| गीतकार (Lyricist) | एस.एच. बिहारी (S. H. Bihari) |
| फ़िल्म (Film) | कश्मीर की कली (Kashmir Ki Kali) |
| कलाकार (Picturized on) | शम्मी कपूर (Shammi Kapoor) |
गीत का अर्थ और संदर्भ (Meaning and Context)
अर्थ: गीत का केंद्रीय विचार यह है कि दुनिया और ज़माना उसी का है, जो निडर है, जो बिना डरे जीता है। यह एक अत्यंत आशावादी, निडर और बेपरवाह (carefree) जीवन दर्शन को दर्शाता है।
संदर्भ: यह गाना फ़िल्म में तब आता है जब शम्मी कपूर का किरदार राजीव लाल, कश्मीर की वादियों में आता है और अपने जीवन को पूर्ण स्वतंत्रता (complete freedom) के साथ जीने का जश्न मनाता है।
संगीत की खूबी: ओ.पी. नैय्यर का विशिष्ट, तेज़ रिदम और रफ़ी साहब का जोशीला गायन इस गीत को आनंद और उत्साह का प्रतीक बना देता है।
यह गीत शम्मी कपूर के करियर के सबसे हस्ताक्षर गीतों (signature songs) में से एक है।
(This video is posted by the channel Shemaroo Filmi Gaane on YouTube, and Raree India has no direct claim to this video.) This video is added to this post for knowledge purposes only.)
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