Saturday, March 31, 2012

Khoob karta hai vo ...




























khoob karta hai vo mere zakhm ka iilaaj
kuriedkar dekh leta hai, aur kehta hai waqt lagega....


यह बहुत ही गहरा और व्यंग्यात्मक (sarcastic) शेर समकालीन उर्दू शायर अनवर शूर (Anwar Shoor) का है।

यह शेर ज़ख्मों के इलाज के नाम पर और पीड़ा देने वाले के विरोधाभासी व्यवहार को दर्शाता है।

शेर का अर्थ (Meaning of the Couplet)

  • ख़ूब करता है वो मेरे ज़ख़्म का इलाज: वह (मेरा प्रियतम या मेरा हमदर्द) मेरे ज़ख़्म का इलाज बड़े अच्छे से करता है।

  • कुरेद कर देख लेता है, और कहता है वक़्त लगेगा: उसका इलाज का तरीका यह है कि वह पहले ज़ख़्म को कुरेदता (probes/pokes) है (यानी दर्द को ताज़ा करता है या मज़ा लेता है), और फिर कहता है कि "ठीक होने में तो वक़्त लगेगा"।

शायर कहता है कि जिससे उसे ज़ख़्म मिला है, वही व्यक्ति मरहम लगाने का नाटक करता है, लेकिन वास्तव में वह ज़ख़्म को ताज़ा करके केवल यह जताता है कि वह मजबूर है और समय लगेगा, जबकि दर्द का असली कारण वह खुद है।


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