Wo Mujhse Pooch Baitha Hai, Mohabbat Kisko Kehte Hain ...
यह खूबसूरत और बहुत मशहूर शेर समकालीन (contemporary) उर्दू शायर सैयद अरशद सईद (Syed Arshad Saeed) का है।
यह शेर प्रेम की परिभाषा की गहनता को बहुत ही सरल लेकिन प्रभावशाली तरीके से व्यक्त करता है।
शेर का अर्थ (Meaning of the Couplet)
यह शेर उस क्षण को दर्शाता है जब कोई व्यक्ति प्रेम के गहन अनुभव में डूब चुका हो और उसे परिभाषित करने की चुनौती दी जाए:
किताबों से दलील दूँ, या ख़ुद को सामने रख दूँ!: दलील (Daleel) का अर्थ है सबूत या तर्क। शायर कहता है कि जब कोई मुझसे मोहब्बत की परिभाषा पूछता है, तो क्या मैं किताबों में लिखे तर्क और परिभाषाएँ दूँ? या सीधे अपने आप को (जो मोहब्बत से भरा हुआ है) उसके सामने रख दूँ?
वो मुझसे पूछ बैठा है, मोहब्बत किसको कहते हैं: यह पंक्ति एक चुनौती है, क्योंकि मोहब्बत एक ऐसा एहसास है जिसे तर्क से नहीं, बल्कि अनुभव से समझा जा सकता है।
शायर का मानना है कि मोहब्बत की सबसे बड़ी दलील (सबूत) वह व्यक्ति ख़ुद है जो सच्चे प्रेम में डूबा हुआ है।

wah! g bahut achi paribhasha di hai Reena ji
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