Tuesday, August 07, 2012

Chupke chupke, धर्मेंद्र और अमिताभ की सुपरहिट मूवी चुपके चुपके | शर्मीला टैगोर, जया बच्चन | Chupke Chupke (1975)


यह वीडियो 1975 की क्लासिक हिंदी कॉमेडी फिल्म "चुपके चुपके" का फुल मूवी वीडियो है, जिसे महान निर्देशक हृषिकेश मुखर्जी ने बनाया था। यह फिल्म बंगाली फिल्म 'छद्मबेशी' का रीमेक है और इसे हिंदी सिनेमा की बेहतरीन सिचुएशनल कॉमेडी फिल्मों में से एक माना जाता है।

फिल्म की कहानी (Plot Summary)

फिल्म की कहानी एक मज़ेदार मज़ाक (प्रैंक) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक दामाद अपने सख्त, भाषा-प्रेमी जीजा (बहन के पति) को सबक सिखाने के लिए करता है।

  • मुख्य पात्र:

    • डॉ. परिमल त्रिपाठी (धर्मेंद्र): एक बॉटनी (वनस्पति विज्ञान) का प्रोफेसर।

    • प्रोफेसर सुकुमार सिन्हा (अमिताभ बच्चन): परिमल का दोस्त और एक अंग्रेजी लेक्चरर।

    • सुलेखा (शर्मिला टैगोर): परिमल की पत्नी।

    • राघवेंद्र शर्मा (ओम प्रकाश): सुलेखा के जीजा (बड़े बहनोई), जो शुद्ध हिंदी बोलने और अनुशासन पर ज़ोर देते हैं।

    • वसुधा (जया बच्चन): सुलेखा की छोटी बहन और सुकुमार की प्रेमिका।

  • कहानी का सार:

    1. परिमल त्रिपाठी (धर्मेंद्र) की शादी सुलेखा (शर्मिला टैगोर) से होती है।

    2. सुलेखा का जीजा, राघवेंद्र शर्मा (ओम प्रकाश), एक बहुत ही प्रतिष्ठित और संस्कारी व्यक्ति है, जिसे अपनी भाषा (हिंदी) और ज्ञान पर बहुत गर्व है। सुलेखा गलती से परिमल को बताती है कि उनके जीजा को लगता है कि परिमल बॉटनी प्रोफेसर के रूप में एक "नगण्य" पेशा करते हैं और उनकी योग्यता पर शक करते हैं।

    3. इस बात से आहत होकर, परिमल अपने जीजा को मज़ाक में सबक सिखाने का फैसला करते हैं। वह और सुलेखा एक योजना बनाते हैं।

    4. अपनी असली पहचान छिपाकर, परिमल एक हिंदी बोलने वाले ड्राइवर 'प्यारे मोहन इलाहाबादी' के रूप में राघवेंद्र शर्मा के घर में प्रवेश करते हैं।

    5. उसी समय, परिमल का दोस्त, अंग्रेजी लेक्चरर प्रोफेसर सुकुमार सिन्हा (अमिताभ बच्चन), घर में एक बॉटनी प्रोफेसर के रूप में काम करने आता है।

    6. इसके बाद, जीजा के घर में 'प्यारे मोहन' (धर्मेंद्र) द्वारा हास्य और गड़बड़ी की एक श्रृंखला शुरू होती है। परिमल अपने जीजा के सामने अपनी अशुद्ध हिंदी, मूर्खतापूर्ण तर्क और मज़ेदार व्यवहार से उन्हें बार-बार परेशान करते हैं, जिससे राघवेंद्र शर्मा की दिनचर्या और उनके कठोर नियम पूरी तरह से बिगड़ जाते हैं।

    7. इस बीच, प्रोफेसर सुकुमार (अमिताभ बच्चन) को घर की एक अन्य सदस्य वसुधा (जया बच्चन) से प्यार हो जाता है।

    8. फिल्म का हास्य पूरी तरह से गलतफहमी, शब्दों के खेल और धर्मेंद्र की ड्राइवर के रूप में शानदार कॉमेडी पर आधारित है। क्लाइमेक्स में, सब कुछ सामने आता है और परिवार एकजुट हो जाता है।

यह फिल्म अपनी साफ़-सुथरी कॉमेडी, शानदार स्क्रिप्ट और धर्मेंद्र-अमिताभ बच्चन की बेहतरीन जुगलबंदी के लिए जानी जाती है।


(This video is posted by channel – Goldmines Bollywood on YouTube, and Raree India has no direct claims to this video. This video is added to this post for knowledge purposes only.)

No comments:

Post a Comment

Do Leave a Comment

Search This Blog