यह गीत 'दुनिया करे सवाल तो हम क्या जवाब दें' हिंदी सिनेमा के सबसे सशक्त और भावनात्मक गीतों में से एक है, जो समाज के रूढ़िवादी सवालों और एक महिला के अकेलेपन के दर्द को बयां करता है।
गीत का विवरण (Song Details)
| विवरण | जानकारी |
| फिल्म (Movie) | बहू बेगम (Bahu Begum) |
| रिलीज़ वर्ष (Release Year) | 1967 |
| गायक (Singer) | लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) |
| संगीत निर्देशक (Music Director) | रौशन (Roshan) |
| गीतकार (Lyricist) | साहिर लुधियानवी (Sahir Ludhianvi) |
| कलाकार (Star Cast) | मीना कुमारी (Meena Kumari), प्रदीप कुमार (Pradeep Kumar), अशोक कुमार (Ashok Kumar) |
रोचक तथ्य (Interesting Facts)
मीना कुमारी का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन: यह गाना अभिनेत्री मीना कुमारी पर फिल्माया गया है, जो 'ट्रेजेडी क्वीन' के रूप में जानी जाती थीं। उन्होंने इस गाने में आँखों और चेहरे के भावों के माध्यम से एक अकेली, समाज द्वारा परित्यक्त (abandoned) महिला की पीड़ा को अद्भुत ढंग से दर्शाया है। यह उनके सबसे यादगार भावपूर्ण दृश्यों में से एक है।
रौशन और साहिर लुधियानवी की ग़ज़ल: संगीतकार रौशन और गीतकार साहिर लुधियानवी की जोड़ी ने कई बेहतरीन और कलात्मक ग़ज़लें हिंदी सिनेमा को दी हैं, और यह गीत उसी श्रेणी में आता है। साहिर की कलम ने समाज के दोहरे मापदंडों (double standards) और बदनामी (slander) के दर्द को बड़ी ही बेबाकी से व्यक्त किया है।
क्लासिकल और इमोशनल कंपोजीशन: रौशन ने इस गाने की धुन में शास्त्रीय संगीत (Classical Music) का पुट रखा, जिससे इसे एक खास गरिमा और गंभीरता मिली। लता मंगेशकर की आवाज़, रौशन के संगीत और साहिर के बोल का संगम इस गाने को एक अमर ग़ज़ल बना देता है।
फिल्म का विषय: फिल्म 'बहू बेगम' एक भावनात्मक ड्रामा है जो प्रेम, त्याग और सामाजिक सम्मान के जटिल विषयों के इर्द-गिर्द घूमती है, और यह गीत फिल्म के केंद्रीय भावनात्मक संघर्ष को दर्शाता है।
यह गाना आज भी हिंदी सिनेमा के भावनात्मक क्लासिक्स में अपनी खास जगह रखता है।
(This video is posted by channel – {Saregama Music}
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