यह गीत रेखा भारद्वाज (Rekha Bhardwaj) के शुरुआती नॉन-फ़िल्मी एलबमों में से एक है, जिसने उन्हें एक ग़ज़ल और सूफी गायिका के रूप में पहचान दिलाई थी।
यह गीत "तेरे इश्क़ में" उनके पॉप कलेक्शन एलबम 'इश्क़ा इश्क़ा' (Ishqa Ishqa) का हिस्सा है।
यहाँ इस वीडियो, गीत और एलबम के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है:
गीत और एलबम का विवरण
| विवरण | जानकारी |
| गीत का शीर्षक | तेरे इश्क़ में |
| एलबम | इश्क़ा इश्क़ा (Ishqa Ishqa) (लगभग 2000 के दशक की शुरुआत में रिलीज़) |
| गायक | रेखा भारद्वाज (Rekha Bhardwaj) |
| संगीत | विशाल भारद्वाज (Vishal Bhardwaj) |
| गीतकार | गुलज़ार (Gulzar) |
| शैली | मॉडर्न ग़ज़ल/पॉप/सूफी फ्यूजन |
वीडियो और गीत के बारे में विवरण
यह गीत रेखा भारद्वाज के करियर के उन शुरुआती गीतों में से एक है जिसने उनकी आवाज़ की विशेषता (distinctiveness) को स्थापित किया।
गीत का सार (Essence): यह गीत प्रेम में एकांत (loneliness) और तन्हाई को दर्शाता है। इसकी शुरुआत में ही गुलज़ार साहब की गहरी और काव्यात्मक पंक्तियाँ हैं: "तेरे इश्क़ में तन्हाईयाँ... तन्हाईयाँ... हमने बहुत बहलाईयाँ..."
संगीत की शैली: विशाल भारद्वाज ने इस गीत को एक समकालीन (contemporary) संगीत दिया है। यह पारंपरिक ग़ज़ल से हटकर है, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक और आधुनिक वाद्य यंत्रों का उपयोग किया गया है, लेकिन इसका भाव सूफी और ग़ज़ल का है। यह उस समय के पॉप एलबमों में एक नया प्रयोग था।
वीडियो की विशेषता: इस गीत का म्यूज़िक वीडियो आमतौर पर एक एलबम वीडियो की तरह ही शूट किया गया है, जिसमें रेखा भारद्वाज को गाने को भावुक तरीके से प्रस्तुत करते हुए दिखाया गया है। यह वीडियो 2000 के दशक की शुरुआत के म्यूज़िक वीडियो एस्थेटिक्स को दर्शाता है, जिसमें सरल लेकिन कलात्मक सेट का उपयोग किया जाता था।
गुलज़ार और विशाल का सहयोग: यह गीत गुलज़ार (गीतकार) और विशाल भारद्वाज (संगीतकार) के सफल और प्रतिष्ठित सहयोग की एक और मिसाल है, जो रेखा भारद्वाज की आवाज़ के लिए विशेष रूप से लिखे गए गीतों के लिए प्रसिद्ध है।
यह गीत रेखा भारद्वाज के फैंस के बीच एक कल्ट क्लासिक (cult classic) माना जाता है, जो उनकी बाद की फ़िल्मी सफलताओं, जैसे 'फेमस' (Namak Ishq Ka) और 'ओ साथी रे' (Omkara) की नींव रखता है।
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