Tera Gaya Kuch Bhi Nahin Mera Raha Kuch Bhi Nahin...
यह शेर उर्दू के प्रसिद्ध और रोमांटिक शायर मोहसिन नक़वी (Mohsin Naqvi) का है।
यह शेर उनकी सबसे लोकप्रिय रचनाओं में से एक है, जो जुदाई (बिछोह) के दर्द को बड़ी गहराई से बयां करता है।
शेर का अर्थ (Meaning of the Couplet)
यह शेर बिछड़ने के बाद दो प्रेमियों पर पड़े विपरीत प्रभाव को दर्शाता है:
तुम से बिछड़ कर फ़क़त इतना हुआ है मोहसिन: (ऐ मोहसिन!) तुमसे बिछड़कर बस इतना ही हुआ है...
(फ़क़त का अर्थ है 'केवल' या 'बस')
तेरा गया कुछ भी नहीं, मेरा रहा कुछ भी नहीं: (चूँकि तुमने प्यार नहीं किया), तुम्हारा तो कुछ भी नहीं गया, क्योंकि तुमने कुछ खोया ही नहीं; लेकिन (चूँकि मैंने तुमसे गहरा प्यार किया), मेरा सब कुछ चला गया और मेरे पास कुछ भी नहीं बचा।
यह शेर इश्क़ और जुदाई के दर्द को एकतरफ़ा (one-sided) महसूस करने वाले प्रेमी की भावनाओं को पूरी शिद्दत से बयान करता है।

Bahut badi baat keh di 'Mohsin' ne isme...Beautiful Reena g...
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