Friday, November 30, 2012
Tuesday, November 27, 2012
Essential Habits for Success
We all want to succeed. Whether it’s in losing weight, learning the guitar, speed reading, or starting our own business. For those of us who have tried and failed, success seems elusive. Why is it one person succeeds where another person fails? First and foremost, I believe it is in their mindset. But secondly, I believe that successful people have developed certain habits, either naturally or through research, that the rest of us haven’t stumbled upon yet.
Though I want each of you to succeed in everything you do, I can’t guarantee success. Only you can do that. It starts in your mind, and
Monday, November 26, 2012
Interview of Poet, filmmaker and Oscar winner author Gulzar
Poet, filmmaker and author Gulzar has been widely acclaimed for his art, winning an Oscar in 2009 following several honours within India. In a ceremony this week, Gulzar will receive the Indira Gandhi Award for National Integration. Speaking with Humra Quraishi , Gulzar discussed his inspirations, how he fell in love with literature, why writing is like riding a tiger — and how cinema today resembles fast food:
You've been acclaimed for your creativity across different quarters — what is your current focus?
I want to only — and only — focus on my writing. There are several books in my head and i want to complete them. I've been translating Rabindranath Tagore for children recently. I find writing for children absolutely enriching and fulfilling and i want to concentrate on this. Let me just add here that i think today we are
अबुल हसन यमीनुद्दीन ख़ुसरो देहलवी की रचना
अबुल हसन यमीनुद्दीन ख़ुसरो देहलवी ने तो अपनी निम्न रचना में एक पंक्ति फारसी और दूसरी पंक्ति हिन्दी की लिखकर एक अनूठा प्रयोग कर डाला ग़ज़ल का रदीफ़ फ़ारसी में है और क़ाफ़िया हिन्दवी में.
ज़ेहाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल
दुराये नैना बनाये बतियाँ
कि ताब-ए-हिज्राँ न दारम ऐ जाँ
न लेहु काहे लगाये छतियाँ
चूँ शम्म-ए-सोज़ाँ, चूँ ज़र्रा हैराँ
हमेशा गिरियाँ, ब-इश्क़ आँ माह
न नींद नैना, न अंग चैना
न आप ही आवें, न भेजें पतियाँ
यकायक अज़ दिल ब-सद फ़रेबम
बवुर्द-ए-चशमश क़रार-ओ-तस्कीं
किसे पड़ी है जो जा सुनाये
प्यारे पी को हमारी बतियाँ
शबान-ए-हिज्राँ दराज़ चूँ ज़ुल्फ़
वरोज़-ए-वसलश चूँ उम्र कोताह
सखी पिया को जो मैं न देखूँ
तो कैसे काटूँ अँधेरी रतियाँ
आप की सहूलियत के लिए इसका अनुवाद भी किये दे रही हूं:
पगड़ी
हरभजन सिंह बेचैन थे। उनकी बेचैनी उनके कमरे की दीवारों को भेदती हुई पूरे घर में पसर रही थी। यहाँ तक नीचे रसोई में काम कर रही उनकी बहू गुरप्रीत भी उसे महसूस कर सकती थी। गुरप्रीत भी सुबह से सोच रही थी कि ऐसी कौन सी बात है जो कि दारजी को इतना परेशान कर रही है और वह उसे कह नहीं पा रहे हैं। घर में भी तो कुछ ऐसा नहीं घटा जो दारजी को बुरा लगा हो। वैसे भी उनकी आदत तो इतनी अच्छी है कि कोई भी ऊँची-नीची बात हो जाए तो वह बड़ी सहजता से उसे एक तरफ़ कर देते हैं और अपने परिवार की शान्ति में कोई अन्तर नहीं आने देते। आज तो अभी तक नाश्ता करने के लिए भी नीचे नहीं आए, सुबह के दस होने को थे। आमतौर पर तो वह स्वयं, बेटे निर्मल के काम पर जाने के तुरंत बाद नीचे आ कर रसोई में खुद चाय बनाने लगते हैं। कोई दूसरा उनका काम करे उन्हें अच्छा नहीं लगता। लेकिन आज... कहीं तबीयत तो ढीली नहीं उनकी। कल शाम को जब वह बचन अंकल से मिल कर लौटे थे तो कुछ चुप से थे। कहीं उनके साथ तो कुछ कहा-सुनी तो नहीं हो गई? पर...
फोटो का सच
-जब वे सरकारी दफ़्तर पहुँचे, वे हाँफ रहे थे। वह दफ़्तर बिल्डिंग की तीसरी मंजिल पर था। वे कुछ दिनों से कई बार यहाँ आते रहे हैं। वे बड़ी मुश्किल से सीढ़ियाँ चढ़कर इस दफतर तक पहुँच पाते हैं। सीढ़ियाँ चढ़ते हुए, उन्हें एकाद दो बार थकावट भरा चक्कर सा आ जाता है। ऐसे में वे अपनी छड़ी किनारे टिकाकर, किसी कुर्सी पर बैठ जाते हैं। दफ़्तर के हर मंजिल पर प्रतीक्षार्थियों के लिए कुछ कुर्सियाँ रखी हैं। जहाँ बैठकर उन्हें सुस्ताना पड़ता है। पर तीसरी मंजिल तक पहुँचते पहुँचते वे थककर चूर हो जाते हैं। उन्हें अपने दिल की धड़कन कान में बजती सुनाई देती है। पूरे कपड़़े पसीने से भीग जाते हैं और एक बार जो छाती की धौंकनी चलनी चालू होती है, वह फिर घण्टों तक बंद नहीं होती।
तीसरी मंजिल पर पहुँचकर वे उस कमरे तक पहुँचते हैं। वे पिछले छह माह में कई बार यहाँ आ चुके हैं। उस कमरे के बाहर पड़ी बैंच पर वे थोड़ा देर
फिर आना!
पतले शीशों की ऐनक में शाम का सूरज ढल रहा था। संध्या की लालिमा में घुल कर उसका साँवला चेहरा ताम्बई होने लगा। कस कर बनाए गए जूड़े से निकल कर बालों की एक लट हवा से शरारतें कर रही थी। अपनी देह पर घटते इन परिवर्तनों के प्रति निर्विकार-सी बनी वह पार्क की बेंच के सहारे मूर्तिवत टिकी हुई थी।
बरसों बाद की मुलाकात का कोई उछाह उसके चेहरे पर दर्ज नहीं हो पाया। आठ सालों बाद अचानक वह मुझे इस पार्क में मिली और पिछले चालीस मिनटों से हम साथ है। इस दौरान उसने मुझे सिर्फ पहचाना भर है। यह उसकी बहुत पुरानी आदत है, जान कर भी अनजान बने रहना।
'अब चलें?' उसके होठों से झरने वाली किसी शब्द की प्रतीक्षा में खुद को अधीर पाकर मैंने कहा। अपने से बातें करते रहने की उसकी यह अदा कभी मुझे बहुत रिझाती थी। आज सालों बाद यही अदा झेल पाना कितना मुश्किल लग रहा है।
'हूँ', चिहुँक कर उसने आँखें खोली-'तुमने कुछ कहा मनु?' आँखें बंद किए-किए वह जाने किन रास्तों पर निकल पड़ी थी। जी चाहा कि उससे पूछू कि इन अंधी यात्राओं से मैंने पहले भी कभी तुम्हें लौटा लाना चाहा था तब तुमने मेरी पुकार को क्यों अनसुना किया। मन हुआ कि उससे पिछले आठ
Punjabi Sikh Wedding De Riti-Riwaz
VIAH TON PAHLAN :(Before Marriage In Punjab)
Bhocha torna : Viah di sab ton pahli rasam shuru hoyee bhocha toran ton. Bhocha torna means ladki di family formally ladke di family nu viah te invite kardi hai.... jisda matlab hunda hai ki aj ton hun tusi vi viah diyan sariyan tyaariyan shuru kar deyo.Bhoche vich ladke de ghar gandh chithi(formal inviation), a lot of dry fruits,mishri, vichole vicholan de kapde, mithaeee etc. bhejeya janda hai.
Daaj de kapde bnana : bhocha toran ton baad viah diya baaki tyariyan shuru ho jandiyan ne.Us ton baad ghar de saare jee ikatthe
Sunday, November 25, 2012
म्यूजिकल चेयर...................एक कहानी पद्मा राय जी की
लाल ईंटों से बनी इमारत सामने दिखाई दे रही है। मुख्य द्वार के गेट से अंदर प्रवेश करते ही - एक कतार में थोडे-थोडे दूर पर खडी पीले रंगों की बसों पर लिखी इबारत पर यूं ही नजर चली गयी। बडे-बडे एवं साफ सुथरे अक्षरों से उन पर लिखा था _
''चेतावनी''
''विकलांग बच्चों की बस''
''कृपया दूरी बनाए रखें''
यहां आने वाले बच्चों मे से ज्यादातर के चेहरे,मेरे दिमाग में किसी फिल्मी रील की तरह घूम गये। बहुत ज्यादा सोचने का समय नहीं था। रिसेप्शन पर निवाड से बंधा पंकज हाथ में कलम लेकर रजिस्टर में कुछ लिख रहा था। मुझे देखकर हमेशा की तरह मुस्कुराया।
''गुड मार्निंग , दीदी। ''
''गुड मार्निंग पंकज। '' मुस्कुराकर उसका जवाब देते हुए मैं आगे बढ ली।
कुछ देर तक उसका मुस्कुराता चेहरा भी मेरे साथ-साथ चलता रहा। उस समय पंकज क्या लिख रहा होगा ? शायद अपना सिग्नेचर कर रहा हो। यह भी कोई बात हुयी? मैं भी क्या फालतू की बातों मे अपने दिमाग को
जिज्ञासा..................(kahani agyey ji ki )
ईश्वर ने सृष्टि की।
सब ओर निराकार शून्य था, और अनन्त आकाश में अन्धकार छाया हुआ था। ईश्वर ने कहा, ‘प्रकाश हो’ और प्रकाश हो गया। उसके आलोक में ईश्वर ने असंख्य टुकड़े किये और प्रत्येक में एक-एक तारा जड़ दिया। तब उसने सौर-मंडल बनाया, पृथ्वी बनायी। और उसे जान पड़ा कि उसकी रचना अच्छी है।
तब उसने वनस्पति, पौधे, झाड़-झंखाड़, फल फूल, लता-बेलें उगायीं; और उन पर मँडराने को भौंरे और तितलियाँ, गाने को झींगुर भी बनाए।
तब उसने पशु-पक्षी भी बनाये। और उसे जान पड़ा कि उसकी रचना अच्छी है।
लेकिन उसे शान्ति न हुई। तब उसने जीवन में वैचित्र्य लाने के लिए दिन और रात, आँधी-पानी, बादल-मेंह, धूप-छाँह इत्यादि बनाये; और फिर
Thursday, November 22, 2012
हम हैं संक्रमण काल की औरतें........
हम हैं संक्रमण काल की औरतें
साबुत न बचने की हद तक...
साबित करती रहेंगी हम कि हे दंडाधिकारियो..
गलत नही थे हमें ज़िंदा बख्श दिए जाने के तुम्हारे फैसले
हमने किये विवाह तो साबित हो गये सौदे
हमने किये प्रेम तो कहलाये बदचलन..
हमने किये विद्रोह तो घोषित कर दिए गये बेलगाम
छाँटे गये थे हम मंडी में ताज़ी सब्जियों की तरह
दुलराये गये थे कुर्बानी के बकरे से..
विदा किये गये थे सरायघरों के लिए..
जहां राशन की तरह मिलते थे मालिकाना हक
आंके गये थे मासिक तनख्वाओं,सही वक्त पर जमा हुए बिलों,स्कूल के रिपोर्ट कार्डों,
अकाल और उसके बाद.....
कई दिनों तक चूल्हा रोया, चक्की रही उदास
कई दिनों तक कानी कुतिया सोई उनके पास
कई दिनों तक लगी भीत पर छिपकलियों की गश्त
कई दिनों तक चूहों की भी हालत रही शिकस्त ।
दाने आए घर के अंदर कई दिनों के बाद
धुआँ उठा आँगन से ऊपर कई दिनों के बाद
चमक उठी घर भर की आँखें कई दिनों के बाद
कौए ने खुजलाई पाँखें कई दिनों के बाद |
(नागार्जुन)
कई दिनों तक कानी कुतिया सोई उनके पास
कई दिनों तक लगी भीत पर छिपकलियों की गश्त
कई दिनों तक चूहों की भी हालत रही शिकस्त ।
दाने आए घर के अंदर कई दिनों के बाद
धुआँ उठा आँगन से ऊपर कई दिनों के बाद
चमक उठी घर भर की आँखें कई दिनों के बाद
कौए ने खुजलाई पाँखें कई दिनों के बाद |
(नागार्जुन)
He cheated !!! wat now ?
Finding out your partner’s been unfaithful is one of the most devastating things that can happen to you in a relationship. Even if you’re the type of person who doesn't consider cheating (especially if it’s purely physical) to be a huge deal, and would give him another chance, you must know it’s simply not as easy as that.
Being deceived and lied to does not feel good and definitely puts a big strain on the relationship. Discovering that there’s been infidelity on his par may leave you bitter, angry, resentful… These are not feelings you can just shake off and put in a little box to shelf somewhere deep inside your mind. And that’s exactly what you shouldn't do. What you should do is really take time to work through all those feelings, by yourself at first, and then, with your partner (if you decide you want to and actually can do so). This leads us to the first step:
1. To Be or Not to Be, This is the Question
After the initial shock has passed you’ll realize you have an important decision on your hands. And this is where you’ll really need to be honest with yourself! Think hard – can you really forgive? Do you even want to? Would you feel more comfortable if
ਮੱਠੀਆਂ............ ਇੱਕ ਕਹਾਨੀ
ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਦੇ ਸਫ਼ਰ ਵਿੱਚ ਕੁੱਝ ਅਜਿਹੀਆਂ ਘਟਨਾਵਾਂ ਵਾਪਰਦੀਆਂ ਹਨ, ਜੋ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਭਰ ਨਹੀਂ ਭੁੱਲਦੀਆਂ। ਅਜਿਹੀ ਇੱਕ ਘਟਨਾ ਜੋ ਕਈ ਸਾਲ ਪਹਿਲਾਂ ਉਦੋਂ ਵਾਪਰੀ ਜਦੋਂ ਰਾਮਗੜ੍ਹੀਆ ਪੌਲੀਟੈਕਨਿਕ ਫ਼ਗਵਾੜਾ ਦੇ ਅਸੀਂ ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਆਪਣੇ ਟੈਕਨੀਕਲ ਟੂਰ ਦਾ ਸਫ਼ਰ ਤੈਅ ਕਰਦੇ ਹੋਏ ਦੋ ਕੋਚਾਂ ਵਿੱਚ ਸਵਾਰ ਆਪਣੇ ਸਫ਼ਰ ਦੇ ਦੂਸਰੇ ਪੜਾਅ ਵਿੱਚ ਹਿਮਾਚਲ ਪ੍ਰਦੇਸ਼ ਦੇ ਵਿਕਾਸਸ਼ੀਲ ਕਸਬੇ ਸੁੰਦਰ ਨਗਰ, ਇੱਕ ਚਾਹ ਦੀ ਦੁਕਾਨ ਉੱਤੇ ਥੋੜੀ ਦੇਰ ਲਈ ਰੁਕੇ।
ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਜੀਵਨ ਵਿੱਚ ਯਾਰੀਆਂ, ਦੋਸਤੀਆਂ, ਦੁਸ਼ਮਣੀਆਂ ਦੀ ਆਮ ਭਰਮਾਰ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਜਿਸ ਨਾਲ ਗੁੱਟਬਾਜ਼ੀ ਦਾ ਪੈਦਾ ਹੋਣਾ ਵੀ ਇੱਕ ਆਮ ਗੱਲ ਹੁੰਦੀ ਹੈ। ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਇਸ ਟੂਰ ਵਿੱਚ ਵੀ ਕੁੱਝ ਗੁੱਟਬਾਜ਼ੀ ਬਣੀ ਹੋਈ ਸੀ ਅਤੇ ਮੇਰੇ ਗੁੱਟ ਵਿੱਚ ਛੇ ਦੋਸਤਾਂ ਦੀ ਇੱਕ ਸਲਾਹ ਸੀ ਅਤੇ ਗੁੱਟ ਦਾ ਫ਼ੈਸਲਾ ਇਹ ਸੀ ਕਿ ਟੂਰ ਦੌਰਾਨ ਕਿਸੇ ਵੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਹਾਲਾਤ ਵਿੱਚ ਅਸੀਂ ਇਕੱਠੇ ਰਹਿਣਾ ਹੈ ਅਤੇ ਖ਼ਰਚ ਪਾਣੀ ਲਈ ਇੱਕ ਬੰਦੇ ਕੋਲ ਹੀ ਪੈਸੇ ਦੇਣੇ ਹਨ ਤਾਂਕਿ ਉਹ ਬੰਦਾ ਹੀ ਗਰੁੱਪ ਦਾ ਸਾਰਾ ਖ਼ਰਚ ਦੇਣ ਅਤੇ ਹਿਸਾਬ ਰੱਖਣ ਲਈ ਜ਼ਿੰਮੇਵਾਰ ਹੋਵੇ ਅਤੇ ਟੂਰ ਦੇ ਅਖੀਰ ਵਿੱਚ ਸਾਰਾ ਵਾਧਾ ਘਾਟਾ ਗਿਣ ਗੱਠ ਲਿਆ ਜਾਵੇ। ਇਸ ਫ਼ੈਸਲੇ ਤਹਿਤ ਮੇਰੇ ਗਰੁੱਪ ਨੇ ਇਹ ਸਾਰੀ ਜ਼ਿੰਮੇਵਾਰੀ ਮੇਰੇ ਸਿਰ ਧਰ ਦਿੱਤੀ। ਕਹਿਣ ਦਾ ਭਾਵ ਹੈ ਕਿ ਇਹ ਮੇਰੀ ਜ਼ਿੰਮੇਵਾਰੀ ਸੀ ਕਿ ਜਿੱਥੇ
ਮਤਲਬੀ............ਇੱਕ ਕਹਾਣੀ
ਕਾਲਜ ਦੇ ਹੋਸਟਲ ਵਿਚੋਂ ਕੁੜੀਆਂ ਦਾ ਗੁਆਚ ਜਾਣਾ ਬੁਝਾਰਤ ਬਣ ਗਿਆ। ਜਿਸ ਦੇ ਨਾਲ ਇਕ ਉਚ ਮਹਾਂ ਵਿਦਿਆਲਾ ਦੀ ਬਦਨਾਮੀ ਹੋਈ। ਮੈਨੂੰ ਉਸ ਵਿਚ ਪੜਾਂਦਿਆ ਅਜੇ ਥੌੜੀ ਹੀ ਦੇਰ ਹੀ ਹੋਈ ਸੀ। ਪੁਲੀਸ ਨਿੱਤ ਕਾਲਜ ਵਿਚ ਆ ਵੜਦੀ। ਅਖਬਾਰਾਂ ਵਿਚ ਰੋਜ਼ ਹੀ ਇਹ ਖਬਰ ਚਰਚਾ ਦਾ ਵਿਸ਼ਾ ਬਣਦੀ। ਕੁੜੀਆਂ ਦੀ ਭਾਲ ਨਿੰਰਤਰ ਜਾਰੀ ਹੋਣ ਦੇ ਬਾਵਜੂਦ ਵੀ ਕੋਈ ਉਘ -ਸੁਗ ਨਾ ਮਿਲੀ। ਘਰੋਂ ਬਾਹਰ ਨਿਕਲਦੀ ਤਾਂ ਆਂਢ- ਗੁਆਂਡ ਦੇ ਸਵਾਲਾਂ ਦਾ ਸਾਹਮਣਾ ਕਰਨਾ ਪੈਂਦਾ। ਘਰ ਆਉਂਦੀ ਪਰਿਵਾਰ ਦਾ ਇਕੱਲਾ ਇਕੱਲਾ ਜੀਅ ਪੁੱਛਦਾ, “ ਕੁੜੀਆਂ ਦਾ ਕੁੱਝ ਪਤਾ ਲੱਗਾ”?
Wednesday, November 21, 2012
Tuesday, November 20, 2012
Negotiating Salary
- Here are some basics:
1. Do your homework.
Understand the salary range. Many job seekers receive an offer but have no idea how to determine if it's appropriate. It is important to identify a realistic range of pay by researching industry and trade Web sites, consulting the Bureau of Labor Statistics (BLS), utilizing online salary calculators, like CBsalary.com, and carefully reviewing the job posting. "You'll also need to have an objective opinion of your skills and where you fit within that range."
2. Script it out.
Plan your discussion. "Before any interview you should have three figures in mind," . The first is the least you need to put food on the
Monday, November 19, 2012
Academic Qualifications of India’s Famous Writers & Authors
In recent years we have seen an increase in the number of Indian Authors and their award winning Novels and books. But, ever wondered if writing was their first career? Many of these established Authors started their career in different fields and later realized their passion for writing. Following is a list of some popular authors with their academic qualification and their first career.
Anurag Mathur – Educated at the Scindia School (Gwalior, India).
He earned his bachelors degree from St. Stephen’s College, Delhi, and his masters from the University of Tulsa. Anurag Mathur’s first career was in career in journalism and publishing.
Khushwant Singh – Educated at Modern School, New Delhi, Government College, Lahore, St. Stephen’s College in Delhi and
studied law at King’s College and qualified as a barrister from the Inner Temple. He started his career as a Reader for the Bar at the Inner Temple.
Chetan Bhagat - Educated at Army Public School, Dhaula Kuan,
New Delhi. Mechanical Engineering at the Indian Institute Of
Top 5 Strangest and Most Unusual Temples in India
India has strong roots of spirituality and religion. There are various religious and spiritual places to visit in India. The spiritual land of India is home to 64 crore deities. There are seven sacred cities in India namely Mathura, Kashi, Haridwar, Ujjain, Kanchipuram, Ayodhya and Dwarka. The other Holy cities are Rishikesh, Amritsar and Bodhgaya. That makes a total of 10 must see Spiritual destinations in India. Apart from the above mentioned spiritual destnations, there are few strange and most unusual temples in India. Following is a list of Top 5 such strange temples.
Chinese Kali Temple, Tangra, Kolkata
There is nothing different about the Kali idol. But, at the time of Kali puja one must have a look at the bhog (prasad); it comprises of noodles, chop suey, rice-and-vegetables dishes. Tangra is a small Chinatown in the heart of Kolkata. A large number of Chinese population lives here since generations. Though they are predominantly Buddhist and Christians but here stands an unique symbol of cultural syntheses- a Chinese Kali Temple.
Trishund Ganapati Temple, Pune
As the name suggests “Trishund” actually means three trunks. Amidst of narrow lanes of Somvar Peth area of Pune lies a temple dedicated to Lord Ganesh. This Ganpati temple was built in between 1754 – 1770 AD. It was constructed by Bhimjigiri Gosavi. This is also supposed to be the only temple in Pune that is built in
Sunday, November 18, 2012
चारा काटने की मशीन ...upender nath ashq ki kahaani
रेल की लाइनों के पार, इस्लामाबाद की नयी आबादी के मुसलमान जब सामान का मोह छोड,जान का मोह लेकर भागने लगे तो हमारे पड़ोसी लहनासिंह की पत्नी चेती।
”तुम हाथ पर हाथ धरे नामर्दों की भाँति बैठे रहोगे,” सरदारनी ने कहा, ”और लोग एक से एक बढ़िया घर पर कब्जा कर लेंगे।”
सरदार लहनासिंह और चाहे जो सुन लें, परन्तु औरत जात के मुँह से ‘नामर्द’ सुनना उन्हें कभी गवारा न था। इसलिए उन्होंने अपनी ढीली पगड़ी को उतारकर फिर से जूड़े पर लपेटा; धरती पर लटकती हुई तहमद का किनारा कमर में खोंसा; कृपाण को म्यान से निकालकर उसकी धार का निरीक्षण करके उसे फिर म्यान में रखा और फिर इस्लामाबाद के किसी बढ़िया ‘नये’ मकान पर अधिकार जमाने के विचार से चल पड़े।
वे अहाते ही में थे कि सरदारनी ने दौड़कर एक बड़ा-सा ताला उनके हाथ में दे दिया। ”मकान मिल गया तो उस पर अपना कब्जा कैसे जमाओगे?”
सरदार लहनासिंह ने एक हाथ में ताला लिया, दूसरा कृपाण पर रखा और लाइनें पार कर इस्लामाबाद की ओर बढ़े।
खालसा कालेज रोड, अमृतसर पर, पुतली घर के समीप ही हमारी कोठी
Saturday, November 17, 2012
Worst Passwords.
Here are some most popular but worst passwords which are generally used by people
01. password
02. 123456
03. 12345678
04. abc123
05. qwerty
06. monkey
07. letmein
08. dragon
09. 111111
10. baseball
11. iloveyou
12. trustno1
13. 1234567
14. sunshine
15. master
16. 123123
17. welcome
18. shadow
19. ashley
20. football
21. jesus
22. michael
23. ninja
24. mustang
25. password1
These are the poor passwords of 2012, so if your using these type of password or if your password is related to above listed passwords, please changed it immediately and protect your online accounts from hackers.
Friday, November 16, 2012
Oven Fried Potato Wedges
Prep time: Cook time: Total time:
Serves: 3
Ingredients
- 3 large russet potatoes, cleaned and sliced into 1″ wedges
- 3 Tbsp. flour
- 1 Tbsp. corn starch
- 1-2 Tbsp. Ranch powder (you can buy the packet and take what you need)
- 2-3 Tbsp. vegetable oil
- salt and pepper to taste
Instructions
- Preheat the oven to 375 degrees.
- Place your potato wedges in a large bowl. In a separate bowl, combine flour, corn starch and ranch powder. Sprinkle it over the potato wedges and toss to coat.
- Take 2 tablespoons oil and sprinkle that over the potato wedges, tossing to coat. Use an additional tablespoon if necessary.
- Place the potato wedges on an unlined baking sheet.
- Bake for 35 to 40 minutes, turning every ten minutes to avoid sticking, until golden brown and crisp.
- When finished, sprinkle with salt and pepper to taste.
Cheese Sticks
Prep-time 30 mins+1 hr rise Cook time 20 mins Total time 1 hr 50 mins
Ingredients
100 g butter
1 egg
50 ml oil
50 ml milk
25 g fresh yeast
50 g cheese, grated
3 cups flour
1 1/2 tbsp wheat bran, optional
1 tsp sugar
salt
Topping
1 egg
Grated cheese
Method
In a large bowl mix butter with egg and oil. Dissolve yeast in milk and add to butter mixture. Add flour, wheat bran, sugar, salt and cheese and knead until the dough is smooth and pulls away from the side of the bowl. Cover the bowl with plastic wrap and refrigerate for 1 hour, to let the yeast develop.
Preheat the oven to 180C (350F).
Split the dough in 2 pieces, roll out each piece on the back of 2 baking trays. Cut the edges to be straight.
Beat egg and brush over dough. Sprinkle with grated cheese and using a dough cutter cut in long sticks. Bake for about 20 minutes until golden-brown.
Crecent Rolls
Prep time30 mins + 1 hr rise
Cook time15 mins
Total time1 hr 45 mins
Ingredients
Makes 32 rolls
3 1/2 cups flour
25 g fresh yeast
1/3 cup water, warm
3/4 cup milk, warm
1 1/2 tbsp sugar
2 eggs
1 tsp salt
4 tbsp butter, softened
Filling
4 or 5 tbsp butter, softened
Topping
1 1/2 tbsp butter, melted
Method
In a large bowl, mix flour with sugar and salt. Dissolve the fresh yeast in the warm water and add to the flour mixture. Add eggs and milk, mix everything together. Add the butter and knead until the dough is smooth and soft. Cover with a clean dish towel and let it rise for about 1 hour in a warm area, until doubled in size.
Punch dough down and divide into 2 equal parts. Form them into balls. On a floured surface roll each part into a 16 to 17 inch round, using a rolling pin. With the back of a spoon, spread about 2 tbsp of very soft butter onto the dough round. Using a pastry wheel cutter cut the round into 16 triangles (like slicing a pizza).
Start rolling each triangle into crescents, starting from the outside edge of the triangle. Once rolled, curve the edges and place on a greased baking tray with the tip tucked down and under the roll. Repeat rolling with the rest of the triangles. Let them rise for about 20 minutes. Melt additional 1 1/2 tbsp butter and brush the tops of the rolls with melted butter. Preheat the oven to 400F (200C). Bake for 14-18 minutes until puffed and golden brown. Let them cool on a wire rack few minutes before serving.
Cheese Balls
Prep time
10 mins
Cook time
20 mins
Total time
30 mins
Ingredients
Makes about 28-30 cheese balls
3 cups grated semi-hard cheese
3 tbsp semolina
salt and freshly ground black pepper
1 -egg
1 tsp -Fresh Dill, chopped ( Fresh dill herb is often used in salads and you can see dill leaves in bunches served with assorted fresh vegetables )
Image of DILL |
Method
Preheat the oven to 350°F (180°C).
In a medium bowl mix the grated cheese with semolina flour. Then add the egg, salt, pepper and dill and mix thoroughly to form a dough.
Take about 1 tbsp of mixture and shape into balls. Place the cheese balls on a greased baking sheet.
Bake for about 15–20 minutes and another 3-5 minutes on broil.
Thursday, November 08, 2012
Tuesday, November 06, 2012
विस्साव शिंबोर्स्का की एक कविता
मेरे लिए दुखांत नाटक का सबसे मार्मिक हिस्सा
इसका छठा अंक है
जब मंच के रणक्षेत्र में मुर्दे उठ खड़े होते हैं
अपने बालों का टोपा सम्भालते हुए
लबादों को ठीक करते हुए
Sunday, November 04, 2012
Friday, November 02, 2012
Luv Shuv Tey Chicken Khurana : Hindi Movie Review and Critics Ratings
Plot
Omi Khurana’s London dream has just ended. On the run from a dangerous UK gangster who he owes money to, Omi returns to his native village in Punjab, pretending to be a well-heeled London lawyer. Much has changed since Omi ran away from home a decade back after stealing money from his doting grandfather, Darji. The old man has since become senile and most importantly, forgotten the secret recipe of “Chicken Khurana” a dish that made the Khurana dhaba (restaurant) famous across Punjab.
Omi’s childhood sweetheart, Harman is soon to be married to his cousin, Jeet, though neither seems too happy about it. Adding to the quirkiness of the Khurana family is a free loader uncle, Titu, who once did a stint at a mental asylum. Will Omi be able to cover his deceit and lies for long, even as he tries to recover the lost recipe of “Chicken Khurana” – the family’s only hope to reclaim their pride & wealth.
Omi’s childhood sweetheart, Harman is soon to be married to his cousin, Jeet, though neither seems too happy about it. Adding to the quirkiness of the Khurana family is a free loader uncle, Titu, who once did a stint at a mental asylum. Will Omi be able to cover his deceit and lies for long, even as he tries to recover the lost recipe of “Chicken Khurana” – the family’s only hope to reclaim their pride & wealth.
Reviews
LUV SHUV TEY CHICKEN KHURANA shines purely on the basis of its writing, execution of the written material and performances. The film finds humor in the most ordinary places and situations and though the pacing gets sluggish at times, Sharma culminates the film with a heart-felt episode that makes you disregard the minor aberration. In fact, the final moments of the film are simply outstanding, with every character confessing what they had kept concealed from each other.
On the whole, LUV SHUV TEY CHICKEN KHURANA is a joyride from start to end. The film works because the written material, the execution of the subject and the performances complement each other wonderfully. This delectable dish ought to be savoured for certain!
30 Oct 2012 Full Review
Taran Adarsh
Bollywoodhungama
This is another one of those movies that makes it easier to pick your favourite child than choose your favourite actor. Everyone does so well on screen that makes the casting and performances seem flawless. KunalKapooris good as the lovable rascal. Huma is excellent as his ex-lover, and soon-to-be sister-in-law. Rajendra Sethi is suitably restrained as Omi’s uncle. But it’s Rajesh Sharma who takes the cake as the obnoxious Titu with his callous attitude and wisecracks. Dolly Ahluwalia has a small but nice role as thegodwoman aunt.
On the whole, LUV SHUV TEY CHICKEN KHURANA is a joyride from start to end. The film works because the written material, the execution of the subject and the performances complement each other wonderfully. This delectable dish ought to be savoured for certain!
30 Oct 2012 Full Review
Taran Adarsh
Bollywoodhungama
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This is another one of those movies that makes it easier to pick your favourite child than choose your favourite actor. Everyone does so well on screen that makes the casting and performances seem flawless. KunalKapooris good as the lovable rascal. Huma is excellent as his ex-lover, and soon-to-be sister-in-law. Rajendra Sethi is suitably restrained as Omi’s uncle. But it’s Rajesh Sharma who takes the cake as the obnoxious Titu with his callous attitude and wisecracks. Dolly Ahluwalia has a small but nice role as thegodwoman aunt.
It takes a lot to make something as fine and simply enjoyable like Luv ShuvTey Chicken Khurana. Though it takes some time for the flavours to set in and brew, excellent acting and music in the film make it worth the wait.
September 13, 2012 Full Review
Roshni Devi
Koimoi
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Cast Kunal Kapoor, Huma Qureshi, Rajesh Sharma, Vinod Nagpal, Dolly Ahluwalia, Rajendra Sethi
Legends
5 – Flawless
4 – Must Watch
3 – One Time Watch
2 – Wait for the DVD
1 – Stay Away