Monday, March 12, 2012

Ek Musafir Ek Hasina - BAHUT SHUKRIYA BADI MAHARBANI




गीत "बहुत शुक्रिया बड़ी मेहरबानी" हिंदी सिनेमा के एक बेहद लोकप्रिय और चंचल युगल गीतों (duets) में से एक है। यह गाना रोमांस और आभार (gratitude) के भाव को दर्शाता है।

यह गीत 1962 की सफल फ़िल्म 'एक मुसाफ़िर एक हसीना' (Ek Musafir Ek Hasina) का है।

यहाँ इस क्लासिक गीत और फ़िल्म से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी गई है:

गीत और फ़िल्म का विवरण

विवरणजानकारी
गीत"बहुत शुक्रिया बड़ी मेहरबानी"
फ़िल्म का नामएक मुसाफ़िर एक हसीना (Ek Musafir Ek Hasina) (1962)
गायकमोहम्मद रफ़ी और आशा भोसले (युगल गीत)
संगीतकारओ. पी. नैय्यर (O. P. Nayyar)
गीतकारएस. एच. बिहारी (S. H. Bihari)
मुख्य कलाकारजॉय मुखर्जी और साधना
शैलीअपबीट, रोमांटिक, आभार व्यक्त करने वाला संवाद गीत

गीत की विशेषता और तथ्य

  1. ताल और धुन (Rhythm and Tune):

    • ओ. पी. नैय्यर के संगीत की पहचान - तेज लय (fast tempo) और घोड़े की टाप जैसी ताल (equine rhythm) - इस गाने में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।

    • यह गाना एक तेज़, उत्साहित और मस्ती भरे मूड को सेट करता है, जो जॉय मुखर्जी और साधना की ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री के साथ बखूबी मेल खाता है।

  2. रफ़ी और आशा भोसले की ऊर्जा:

    • मोहम्मद रफ़ी और आशा भोसले की जोड़ी ओ. पी. नैय्यर के संगीत के लिए सबसे परफेक्ट मानी जाती थी।

    • आशा जी की आवाज़ में चंचलता और उत्साह है, जबकि रफ़ी साहब की आवाज़ में रोमांस और खुशी का भाव है। दोनों गायकों ने इस गीत को शानदार ऊर्जा दी है।

  3. फिल्मांकन और थीम:

    • फ़िल्म की कहानी एक मुसाफ़िर (जॉय मुखर्जी) और एक हसीना (साधना) के बीच हुई मुलाकात और उनके सफर के दौरान पनपे प्यार के इर्द-गिर्द घूमती है।

    • यह गाना नायक द्वारा नायिका को उसके साथ समय बिताने और उस पर दया करने के लिए आभार (शुक्रिया और मेहरबानी) व्यक्त करने के बारे में है, लेकिन यह सब एक चंचल और रोमांटिक अंदाज़ में किया गया है।

  4. लोकप्रियता:

    • यह गाना उस दशक के सबसे लोकप्रिय और पार्टियों में बजाए जाने वाले गीतों में से एक बन गया। 'एक मुसाफ़िर एक हसीना' के अन्य गाने, जैसे "मैं प्यार का राही हूँ", भी बेहद सफल रहे थे।

यह गीत मोहम्मद रफ़ी और आशा भोसले की उस दौर की बेजोड़ जुगलबंदी का एक शानदार उदाहरण है।

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Isharon Isharon Mein Dil






फ़िल्म: कश्मीर की कली (Kashmir Ki Kali, 1964)

फ़िल्म के मुख्य विवरण

विवरणजानकारी
मुख्य कलाकारशम्मी कपूर (राजीव लाल), शर्मिला टैगोर (चंपा), प्राण, मदन पुरी
निर्देशकशक्ति सामंत (Shakti Samanta)
संगीत निर्देशकओ.पी. नैय्यर (O.P. Nayyar)
गायकमोहम्मद रफ़ी (Shammi Kapoor की आवाज़), आशा भोंसले
गीतकारएस.एच. बिहारी

रोचक किस्से (Interesting Stories)

1. शर्मिला टैगोर का हिंदी डेब्यू

  • यह फ़िल्म अभिनेत्री शर्मिला टैगोर की पहली हिंदी फ़िल्म थी। वह पहले सत्यजीत रे की बंगाली फ़िल्म 'अपूर संसार' (Apur Sansar) में काम कर चुकी थीं।

  • शर्मिला जी को 'कश्मीर की कली' में फूल बेचने वाली चंपा के रूप में दर्शकों ने खूब पसंद किया, और इस फ़िल्म ने उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया।

2. संगीतकार का बदलाव

  • मूल रूप से, इस फ़िल्म का संगीत मशहूर जोड़ी शंकर-जयकिशन को कंपोज करना था।

  • लेकिन शम्मी कपूर ने खुद संगीतकार ओ.पी. नैय्यर को शक्ति सामंत से मिलवाया। ओ.पी. नैय्यर के संगीत से शम्मी कपूर बहुत प्रभावित थे।

  • नैय्यर ने जब कुछ धुनें सुनाईं, तो निर्देशक शक्ति सामंत तुरंत सहमत हो गए। इस तरह, ओ.पी. नैय्यर ने "इशारों इशारों में", "तारीफ़ करूँ क्या उसकी", "दीवाना हुआ बादल" जैसे 9 सुपरहिट गाने दिए।

3. कश्मीर में रिकॉर्ड बारिश और मौसम

  • फ़िल्म की शूटिंग का अधिकांश हिस्सा कश्मीर की खूबसूरत वादियों में हुआ था (डल झील, शिकारे)।

  • एक रोचक किस्सा यह है कि शूटिंग के दौरान लगातार 21 दिनों तक भारी बारिश हुई, जिसके कारण शूटिंग रोकनी पड़ी थी।

  • हालांकि, एक बार मौसम साफ़ होने के बाद, अगले 25 दिनों तक बिल्कुल भी बारिश नहीं हुई और क्रू ने जल्दी से पूरा शेड्यूल पूरा कर लिया।

4. शम्मी कपूर का भेस (The Pathan Couple Ruse)

  • फ़िल्म के प्लॉट के एक हिस्से में, हीरो राजीव लाल (शम्मी कपूर) को चंपा (शर्मिला टैगोर) तक पहुँचने के लिए एक नाटक करना पड़ता है।

  • वह और उनका दोस्त, एक पठान दंपति का भेस बनाते हैं, जहाँ शम्मी कपूर को पर्दा नशीं (बुर्के में लिपटी महिला) बनना पड़ता है। यह सीन फ़िल्म में कॉमेडी का एक क्लासिक उदाहरण है।

  • इस सीन के बाद ही प्रसिद्ध गाना "इशारों इशारों में दिल लेने वाले" फिल्माया गया है।

5. गानों की फिल्मांकन शैली

  • "ये चांद सा रोशन चेहरा" गाना डल झील में शिकारे पर फिल्माया गया है, जिसे हिंदी सिनेमा के सबसे रोमांटिक बोट बैले (Boat Ballet) गानों में से एक माना जाता है। शम्मी कपूर की एनर्जी और रफ़ी साहब की आवाज़ का जादू बेमिसाल था।


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Rafi - Na Jaa Kahin Ab Na Jaa - Mere Hamdam Mere Dost [1968]






गाना "ना जा कहीं अब ना जा" फ़िल्म "मेरे हमदम मेरे दोस्त" (Mere Hamdam Mere Dost, 1968) का एक बहुत ही भावुक और लोकप्रिय गीत है।

यहाँ इस गीत, फ़िल्म और इससे जुड़ी कुछ जानकारी दी गई है:

ना जा कहीं अब ना जा

विवरणजानकारी
गायक (Singer)मोहम्मद रफ़ी (Mohammed Rafi)
संगीतकार (Music Director)लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल (Laxmikant-Pyarelal)
गीतकार (Lyricist)मजरूह सुल्तानपुरी (Majrooh Sultanpuri)
फ़िल्म (Film)मेरे हमदम मेरे दोस्त (Mere Hamdam Mere Dost)
कलाकार (Picturized on)धर्मेंद्र (Dharmendra) और शर्मिला टैगोर (Sharmila Tagore)

गीत का आकर्षण (Appeal of the Song)

यह गाना आज भी रोमांटिक संगीत प्रेमियों के बीच बहुत पसंद किया जाता है। इसकी खूबी ये है:

  • रफ़ी साहब का दर्द: मोहम्मद रफ़ी की आवाज़ में एक गहरा दर्द (pathos) और आग्रह (pleading) है, जो गाने के बोल, "ना जा कहीं अब ना जा" (Now don't go anywhere) को जीवंत बना देता है।

  • धुन की सादगी: लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल की धुन बहुत सीधी और मधुर है, जो सीधे दिल को छूती है।

  • धर्मेंद्र का अभिनय: इस गाने में धर्मेंद्र और शर्मिला टैगोर पर फिल्माया गया वियोग (separation) और प्रेम का भाव बहुत ही मार्मिक है।

फ़िल्म: मेरे हमदम मेरे दोस्त (1968)

  • यह फ़िल्म धर्मेंद्र की रोमांटिक हीरो की छवि को मजबूत करने वाली फिल्मों में से एक थी।

  • इस फ़िल्म के सभी गाने, जिनमें यह गीत भी शामिल है, बेहद सफल रहे थे।

  • फ़िल्म के अन्य प्रसिद्ध गीत हैं: "हुस्न हाज़िर है", "चलो सजना जहाँ तक घटा चले", और "अल्लाह ही अल्लाह कर प्यारे"

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Justju jiski thee





(Justju jiski thi usko to na paaya humne...)

अर्थ और विवरण

विवरणजानकारी
गायक (Singer)आशा भोसले (Asha Bhosle)
संगीतकार (Music Director)खय्याम (Khayyam)
गीतकार/शायर (Lyricist)शहरयार (Shahryar)
फ़िल्म (Film)उमराव जान (Umrao Jaan, 1981)
कलाकार (Picturized on)रेखा (Rekha)

इस लाइन का अर्थ (Meaning of the Line)

  • जस्तजू (Justju): तलाश, खोज, इच्छा (Search, quest, desire)

  • जिसकी थी: जिसकी थी (Which belonged to, or which was for)

  • उसको तो न पाया हमने: उसे तो हम पा न सके (Him/that we could not find/get)

पूरे शेर का मतलब:

यह शेर उमराव जान की पूरी ज़िंदगी की त्रासदी (tragedy) को दर्शाता है। वह अपने जीवन में जिस सच्चे प्यार या सम्मान की तलाश कर रही थी, वह उसे कभी नहीं मिला।

"जिस चीज़ की मैंने तलाश की थी, वह हमें नहीं मिली।"

फ़िल्म से जुड़ा रोचक किस्सा

  • खय्याम का संगीत: खय्याम साहब ने इस फ़िल्म के संगीत को कंपोज करने में बहुत समय लगाया। उन्होंने हर ग़ज़ल को शास्त्रीय संगीत (Classical Music) के आधार पर इतनी खूबसूरती से ढाला कि वह आज भी मील का पत्थर माना जाता है। उन्होंने आशा भोसले को यह गाना गाने के लिए कहा, जबकि उस समय लता मंगेशकर सबसे ज़्यादा ग़ज़लें गाया करती थीं।

  • राष्ट्रीय पुरस्कार: आशा भोसले को इस फ़िल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था।

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Tere Khushboo Mein base khatt main jalata kaise






यह ग़ज़ल गायक जगजीत सिंह (Jagjit Singh) और गायिका चित्रा सिंह (Chitra Singh) के गायन के लिए सबसे प्रसिद्ध है।

यहाँ इस गीत से जुड़ी जानकारी और इसके बोल का अर्थ दिया गया है:

ग़ज़ल: तेरे खुशबू में बसे खत

विवरणजानकारी
गायक/गायिका (Singer)जगजीत सिंह और चित्रा सिंह (Jagjit Singh and Chitra Singh)
संगीतकार (Music Director)जगजीत सिंह और चित्रा सिंह (Jagjit Singh and Chitra Singh)
गीतकार/शायर (Lyricist)राजिंदर नाथ रहबर (Rajinder Nath Rahbar)
फ़िल्म (Film)अर्थ (Arth, 1982)
कलाकार (Picturized on)कुलभूषण खरबंदा, स्मिता पाटिल, शबाना आज़मी

फ़िल्म "अर्थ" (Arth, 1982) से जुड़ा एक बहुत ही रोचक और महत्वपूर्ण किस्सा यह है कि यह फ़िल्म निर्देशक महेश भट्ट की निजी ज़िन्दगी से काफी हद तक प्रेरित थी।

फ़िल्म "अर्थ" से जुड़ा रोचक किस्सा

निजी जीवन से प्रेरित कहानी

  • असली प्रेरणा: यह फ़िल्म निर्देशक महेश भट्ट के अपने व्यक्तिगत जीवन की घटनाओं पर आधारित थी, जब उनका अपनी पहली पत्नी किरण भट्ट से अलगाव हुआ था और उनका अभिनेत्री परवीन बाबी के साथ संबंध था।

  • पात्रों का चित्रण: फ़िल्म में कुलभूषण खरबंदा का किरदार (पति) महेश भट्ट पर आधारित था, शबाना आज़मी का किरदार (पत्नी पूजा) उनकी पहली पत्नी किरण भट्ट से प्रेरित था, और स्मिता पाटिल का किरदार (वो दूसरी औरत) परवीन बाबी से प्रेरित था।

  • दर्द को कला में बदलना: महेश भट्ट ने अपने और परवीन बाबी के रिश्ते के उतार-चढ़ाव और उनकी मानसिक अस्थिरता (mental instability) के दर्द को इस फ़िल्म की कहानी में बदल दिया। इससे फ़िल्म में भावनाओं और वास्तविकता का एक गहरा स्तर आ गया, जिसकी वजह से यह आज भी इतनी प्रासंगिक लगती है।

शबाना आज़मी की जीत

  • इस फ़िल्म में शबाना आज़मी ने अपनी भावनात्मक भूमिका (पति द्वारा छोड़ी गई पत्नी) को इतनी सच्चाई से निभाया कि उन्हें इसके लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। उनकी परफॉर्मेंस को हिंदी सिनेमा की सबसे बेहतरीन परफॉर्मेंस में से एक माना जाता है।

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Baat niklegi to phir door talak jaayegi












यह महान ग़ज़ल गायक जगजीत सिंह (Jagjit Singh) की सबसे मशहूर और मार्मिक रचनाओं में से एक है।

यह ग़ज़ल फ़िल्मों से ज़्यादा, उनके व्यक्तिगत एल्बमों के लिए जानी जाती है, और यह हिंदी/उर्दू शायरी की दुनिया में एक क्लासिक है।

ग़ज़ल: बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी

विवरणजानकारी
गायक (Singer)जगजीत सिंह (Jagjit Singh)
शायर (Poet/Lyricist)कैफ़ी आज़मी (Kaifi Azmi) - इस ग़ज़ल के लिए
एल्बम/प्रस्तुति'The Latest' या लाइव कॉन्सर्ट्स

इस लाइन का अर्थ (Meaning of the Line)

आप जिस लाइन का ज़िक्र कर रहे हैं, वह अक्सर ग़ज़ल के शुरू में या उसके केंद्रीय विचार के रूप में उपयोग होती है:

बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी...

हिंदी (Hindi)शब्द-दर-शब्द अनुवाद (Word-for-Word)सामान्य अर्थ (General Meaning)
बातMatter / Topic / SecretThe secret / the topic
निकलेगी तोIf it comes outIf it is revealed / discussed
फिरThenThen
दूर तलकFar awayTo distant corners
जाएगीIt will goIt will spread

पूरे शेर का मतलब:

यह शेर किसी संवेदनशील या छिपे हुए मामले को छेड़ने के बारे में चेतावनी देता है। शायर कहता है कि अगर यह बात (कोई गुप्त मामला या अफ़वाह) एक बार शुरू हो गई, तो यह सिर्फ़ यहीं नहीं रुकेगी, बल्कि दूर-दूर तक फैल जाएगी और बड़े परिणाम होंगे। यह अक्सर किसी की बदनामी या निजी रिश्ते को बचाने के संदर्भ में कहा जाता है।

रोचक तथ्य (Interesting Fact)

  • कैफ़ी आज़मी की कलम: इस ग़ज़ल को प्रख्यात शायर कैफ़ी आज़मी ने लिखा था। जगजीत सिंह ने अपनी मधुर और उदास आवाज़ से इसे अमर बना दिया।

  • क्लासिक ग़ज़ल: यह ग़ज़ल उन कुछ ग़ज़लों में से है जो आज भी हर ग़ज़ल प्रेमी की प्लेलिस्ट में अनिवार्य रूप से शामिल होती है, और यह जगजीत सिंह के करियर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।


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Saturday, March 10, 2012

आंतरिक और बाह्य खुशी की खोज/ The Internal vs. External Search for Happiness

"People spend a lifetime searching for happiness; looking for peace. They chase idle dreams, addictions, religions, even other people, hoping to fill the emptiness that plagues them. The irony is the only place they ever needed to search was within."

 आंतरिक और बाह्य खुशी की खोज (The Internal vs. External Search for Happiness)

यह उद्धरण मनुष्य की खुशी की तलाश और उसकी विडंबना (Irony) को बहुत गहराई से दर्शाता है। यह एक गहन दार्शनिक विचार है जिस पर विस्तार से चर्चा की जा सकती है:

Hindi (शब्द-दर-शब्द)

English (Word-for-Word)
यह उद्धरण मनुष्य की खुशी की तलाश और उसकी विडंबना को बहुत गहराई से दर्शाता है।This quote human's happiness's search and its irony very depth-with shows.
यह एक गहन दार्शनिक विचार है जिस पर विस्तार से चर्चा की जा सकती है:This a deep philosophical idea is which upon detail-with discussion can-be-done.

1. खालीपन और बाह्य दौड़ (The Emptiness and the External Chase)

मनुष्य जिस खालीपन से त्रस्त है, वह अक्सर आत्म-स्वीकृति और वर्तमान में जीने की कमी से पैदा होता है। जब हम खुद को पर्याप्त महसूस नहीं करते, तो हम इस खालीपन को भरने के लिए बाहरी वस्तुओं की ओर भागते हैं:

Hindi (शब्द-दर-शब्द)

English (Word-for-Word)
मनुष्य जिस खालीपन से त्रस्त है, वह अक्सर आत्म-स्वीकृति और वर्तमान में जीने की कमी से पैदा होता है।Human which emptiness-with is-plagued, that often self-acceptance and present-in living's lack-from produced is.
जब हम खुद को पर्याप्त महसूस नहीं करते, तो हम इस खालीपन को भरने के लिए बाहरी वस्तुओं की ओर भागते हैं:When we self-to enough feel not do, then we this emptiness to fill for external objects's direction-towards run.
सपनों और व्यसनों का पीछा: लोग 'आदर्श जीवन' के व्यर्थ सपनों या व्यसनों का पीछा करते हैं।Dreams and addictions's chase: People 'ideal life's' idle dreams or addictions's chase do.
व्यसन तुरंत और अस्थायी राहत देते हैं, लेकिन खालीपन को और भी गहरा कर देते हैं, क्योंकि वे असली समस्या (आत्म-अस्वीकृति) को संबोधित नहीं करते।Addiction immediately and temporary relief give, but emptiness to further also deep do, because they real problem (self-rejection) to address not do.
भौतिकवाद और रिश्ते: भौतिक वस्तुएँ (पैसा, कार, घर) और अन्य लोग (रिश्ते, प्रेम) हमें यह झूठी भावना देते हैं कि हम "पूरे" हो गए हैं।Materialism and relationships: Material objects (money, car, house) and other people (relationships, love) us this false feeling give that we "complete" have-become.
लेकिन किसी अन्य व्यक्ति को अपनी खुशी का स्रोत बनाना एक अस्थिर आधार है।But any other person to one's happiness's source to-make a unstable foundation is.
जब वह व्यक्ति या वस्तु दूर हो जाती है, तो खालीपन और भी दर्दनाक हो जाता है।When that person or object far goes, then emptiness further also painful becomes.
धर्म और विचारधाराएँ: धर्म या कठोर विचारधाराओं में शांति खोजना भी तब तक बाह्य तलाश है, जब तक हम उन सिद्धांतों को केवल बाहरी नियम मानकर चलते हैं, न कि आंतरिक अनुभव।Religion and ideologies: Religion or strict ideologies in peace to-search also until then external search is, until we those principles to only external rules assume and live, not internal experience.

2. विडंबना (The Irony)

विडंबना यह है कि हम अपनी जीवन शक्ति उन चीज़ों को खोजने में नष्ट कर देते हैं जो प्रकृति से ही अस्थायी हैं।

Hindi (शब्द-दर-शब्द)

English (Word-for-Word)
विडंबना यह है कि हम अपनी जीवन शक्ति उन चीज़ों को खोजने में नष्ट कर देते हैं जो प्रकृति से ही अस्थायी हैं।Irony this is that we our life's energy those things to find in destroy do which nature-from itself temporary are.
खुशी एक अनुभूति है, वस्तु नहीं: हम खुशी को एक वस्तु या लक्ष्य मानते हैं जिसे बाहर से हासिल किया जा सकता है, जबकि खुशी वास्तव में एक अनुभूति या मन की स्थिति है जो वर्तमान क्षण में पाई जाती है।Happiness an feeling is, object not: We happiness to an object or goal assume which outside-from achieved can-be, while happiness actually an feeling or mind's state is which present moment in found is.
स्रोत के पास अंधापन: जिस तरह एक प्यासा व्यक्ति पानी के स्रोत के ऊपर खड़ा हो और उसे कहीं और खोज रहा हो, उसी तरह मनुष्य अपने भीतर के असीम शांति के स्रोत को नज़रअंदाज़ करके बाहरी दुनिया में भटकता रहता है।Source's near blindness: Just like a thirsty person water's source's above standing and him/it somewhere else searching be, same way human his inner's infinite peace's source to ignore doing external world in wanders keeps.

3. भीतर देखना: सच्ची खोज (The True Search: Looking Within)

"केवल भीतर देखने" का मतलब किसी रहस्यमय जादू से नहीं है, बल्कि आत्म-जागरूकता और स्वीकृति से है:

Hindi (शब्द-दर-शब्द)

English (Word-for-Word)
"केवल भीतर देखने" का मतलब किसी रहस्यमय जादू से नहीं है, बल्कि आत्म-जागरूकता और स्वीकृति से है:"Only within to-look's" meaning any mysterious magic-from not is, but self-awareness and acceptance-from is:
माइंडफुलनेस: भीतर देखना मतलब बिना किसी निर्णय के अपने विचारों, भावनाओं और शारीरिक संवेदनाओं को ध्यान से देखना।Mindfulness: Within to-look means without any judgement's one's thoughts, emotions and physical sensations to carefully to-see.
यह महसूस करना कि आप अपने विचार नहीं हैं, बल्कि विचारों को देखने वाले हैं।This to-feel that you your thoughts not are, but thoughts to seeing-one are.
ज़रूरत बनाम इच्छा: यह समझना कि हमारी बुनियादी ज़रूरतें (भोजन, सुरक्षा, संबंध) पूरी हैं या नहीं।Need versus want: This to-understand that our basic needs (food, security, relationship) complete are or not.
ज़्यादातर खालीपन हमारी अधूरे इच्छाओं से उत्पन्न होता है, न कि अधूरी ज़रूरतों से।Most emptiness our unfulfilled wishes-from produced happens, not unfulfilled needs-from.
पूर्णता की स्वीकृति: अंत में, भीतर देखने का अर्थ है यह स्वीकार करना कि आप पहले से ही एक पूर्ण इकाई हैं।Completeness's acceptance: Finally, within to-look's meaning is this to accept that you already a complete unit are.
खुशी कोई ऐसी चीज़ नहीं है जिसे जोड़ा जाए, बल्कि यह एक ऐसी चीज़ है जो बाहरी परतों को हटाने के बाद स्वतः प्रकट होती है।Happiness any such thing not is which to-be-added, rather it a such thing is which external layers to remove's after automatically revealed is.
जब यह बाहरी दौड़ रुक जाती है, तभी हम उस शांति को खोज पाते हैं जो हमेशा से हमारे अस्तित्व का हिस्सा रही है।When this external race stops, only then we that peace to find can which always-from our existence's part has-remained.

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