Monday, April 16, 2012

कविता का पर्याय


दीपक से अधिक मूल्यवान होता है प्रकाश
पांडुलिपियों से अधिक मूल्यवान 
होती हैं कविताएं
और अधरों से अधिक मूल्यवान होते हैं
उन पर रचे गए चुंबन।

तुमसे ..
मुझसे..
हम दोनों से..
बहुत अधिक मूल्यवान हैं मेरे प्रेमपत्र।
वे ही तो हैं वे दस्तावेज
जिनसे आने वाले समय में
जान पाएंगे लोगबाग
कि कैसा रहा होगा तुम्हारा सौंदर्य
और कितना मूल्यवान रहा होगा मेरा पागलपन।
तुम्हें जब कभी 
जब भी कभी
तुम्हें मिल जाए वह पुरुष
जो परिवर्तित कर दे
तुम्हारे अंग-प्रत्यंग को कविता में।
वह जो कविता में गूंथ दे
तुम्हारी केश राशि का एक-एक केश।

जब तुम पा जाओ कोई ऐसा
ऐसा प्रवीण कोई ऐसा निपुण
जैसे कि इस क्षण मैं
करा  रहा हूं कविता के जल से तुम्हें स्नान
और कविता के आभूषणों से ही कर रहा हूं
तुम्हारा श्रंगार।

अगर ऐसा हो कभी 
तो मान लेना मेरी बात
अगर सचमुच ऐसा हो कभी
मान रखना मेरे अनुनय का
तुम चल देना उसी के साथ बेझिझक निस्संकोच।

महत्वपूर्ण यह नहीं है
कि तुम मेरी हो सकीं अथवा नहीं
महत्वूपूर्ण यह है
कि तुम्हें होना है कविता का पर्याय।

No comments:

Post a Comment

Plz add your comment with your name not as "Anonymous"