Friday, July 06, 2012

News चैनल पर एक व्यंग .....

एक छोटे से ब्रेक के बाद हम पुनः हाजिर होते हैं  कहीं  भी मत जाइयेगा..... इस ब्रेक के बाद हम बतलायेंगे आपको एक ऐसे कुएं के बारे में जिसका पानी पीते ही आदमी हिंसक हो जाता है....... 

केवल हम ही बतला रहे है पहली बार आपको.... जी हां यह कुआँ  है  मध्यप्रदेश के चंम्बल संभाग में । इस कुएँ  ने पैदा किये है अनगिनत डाकू !!!  इस कुएँ  का पानी पीते ही आदमी का खून खौलने लगता है , उसमें बदले की भावना जागृत  हो जाती है और उसके साथ किये गये लोगों के दुर्व्यवहार इस जन्म के और पूर्व जन्म के सभी उसे याद आने लगते है ।
कुएँ  का पानी पीते ही सबसे पहले उसका ध्यान जाता है बन्दूक की ओर ..और फिर अपने दुश्मन से बदला लेकर कूद जाता है चम्बल के बीहड़ों  में । वह या तो किसी गिरोह में शामिल हो जाता है या फिर अपना स्वयं का गिरोह बना लेता है। जबकि इस कुएँ  का पानी पीने के पहले ऐसी कोई भावना नहीं होती । आदमी सज्जन होता है व्यवहार कुशल होता है , सबसे हिलमिल कर रहता है किन्तु पानी पीते ही उसे क्या हो जाता है यह जांच का विषय है।

पानी जो जीवन है पानी जो नदी में जाता है तो गंगाजल बन जाता है ,पानी जो समुद्र में जाकर खारा हो जाता है कोई चमत्कार हो जाये तो मीठा भी हो जाता है , पानी जो प्रकृति की अनुपम देन है और 15 रुपये में एक बोतल मिलता है , वही पानी इस कुएँ  में पहुंच कर कितना घातक रसायन  बन जाता है , अफसोस इस पानी का अभी तक वैज्ञानिक परीक्षण व विश्लेषण नहीं किया गया । इस कुएँ  के पानी का यदि चिकित्सा वैज्ञानिको द्वारा  अनुसंधान किया जाता तो इससे डिप्रेशन और फोविया जैसी बीमारियों की दवाएँ  तैयार की जा सकतीं थी। मगर हम इस ओर जागृत नहीं है । जी हां यह वही कुआ है जिसका पानी पीते ही आदमी की नसों मे रक्त तेजी से दौडने लगता है । कई आदमी प्यास लगने पर कुआ खोदते है मगर यह पहले से ही खुदा हुआ है कितना प्राचीन है इस पर भी शोध होना जरुरी है।

इस कुएँ  का पानी पीते ही डकैत बनकर उसका ध्यान जाता है अमीरों की ओर,  उन्हे लूटने का , गरीबों की ओर उन्हे कुछ मदद करने का ताकि बदले में वे उसकी मदद करते रहे । उसकी नजर में आ जाते है ऐसे अमीर लोग जिनसे फिरौती वसूल  की जा सकती है।

जीं हां ये जो आप देख रहे है यही है वह कुआ । चम्बल के खतरनाक पानी का कुआँ  । इस कुएँ  ने कई मानसिंह पैदा किये, कई लाखन पैदा किये , कई लहना पैदा किये , कई पुतली बाई पैदा की और निश्चित ही इसी कुएँ  के पानी की नहर गई होगी फूलन के गांव में ।

आइये हम अब इस कुये के पास निवासी लोगों से आपको मिलवाते है कि क्या कारण है कि लोग इस कुएँ  का पानी पीने से क्यों कतराते है, क्यों नहीं चाहते कि वे स्वय  और उनके बच्चे इस कुएँ  का पानी पियें । इसी गांव के निवासी हैं ये बुजुर्ग , इनसे पूछते हैं -
आप इसी गांव में रहते है - जी हां
क्या उम्र होगी आपकी -- यही कोई 50-60 वर्ष

क्या आप बतलायेंगे कि आखिर क्या बात है ऐसा कौन सा कारण है कि आप इस कुएँ  का पानी पीने से परहेज करते है?
बुजुर्ग - जी क्या बात कर रहे हैं , कुएँ  में पानी ही नहीं है,  वर्षो से सूखा पडा हुआ है........


(brijmohan shirivastava)

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