Monday, April 16, 2012

खुशियाँ


मिल जाएँ
खुशियाँ
मुट्ठी भर 

तो
बीज बनाकर 
छींट दूं उन्हें, 
आँगन में !!

बारिश होगी, 
अंकुर फूटेंगे
कलियाँ चटकेंगी, 
रंग बिखरेंगे,

लहलहाएगी फसल…
भर जायेगा  
ज़िंदगी का घर 
खुशियों से !

(Manju Mishra)

1 comment:

  1. सुन्दर रचना .........

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