Rahi na taakat-e-guftaar, aur agar ho bhi,
to kis ummeed pe kahiye ke aarzoo kya hai.......
to kis ummeed pe kahiye ke aarzoo kya hai.......
MIRZA GHALIB
रही न ताक़त-ए-गुफ़्तार... (मिर्ज़ा ग़ालिब)
1. शेर का शाब्दिक अर्थ (Literal Meaning)
| टुकड़ा (Phrase) | शाब्दिक मतलब (Literal Meaning) |
| रही न ताक़त-ए-गुफ़्तार, | बोलने की शक्ति (ताक़त) अब बची ही नहीं, |
| और अगर हो भी, | और मान लीजिए कि अगर वह शक्ति हो भी, |
| तो किस उम्मीद पे कहिए कि आरज़ू क्या है। | तो किस उम्मीद पर यह बताया जाए कि मेरी इच्छा (आरज़ू) क्या है। |

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